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चुनाव प्रचार में नहीं दिख रही रंग बिरंगी टोपियां और बैज, अब मोबाइल स्टीकर लगाने की लगी होड़ - mobile sticker

हमीरपुर में युवा संकल्प सम्मेलनों में मोबाइल स्टीकर लगाने को लेकर लगी होड़. चुनाव प्रचार के इस नए तरीके में पार्टी कार्यकर्ता बढ़-चढ़कर आगे आ रहे हैं.

हमीरपुर में युवा संकल्प सम्मेलनों में मोबाइल स्टीकर लगाने के लिए लगी भीड़
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Published : Mar 30, 2019, 11:13 AM IST

हमीरपुर: जिले के भोरंज और बड़सर विधानसभा क्षेत्र में शुक्रवार को भारतीय जनता युवा मोर्चा के युवा संकल्प सम्मेलनों में मोबाइल स्टीकर लगाने को लेकर काफी होड़ देखने को मिली. मोबाइल स्टीकर की होड़ पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ आम लोगों में भी देखने को मिल रही है.

गौरतलब है कि बदलते दौर के साथ चुनाव प्रचार का तरीका भी बदला है, लेकिन मोबाइल ने प्रचार के मायने ही बदल दिए हैं. सोशल मीडिया एक कारगर हथियार साबित हुआ है तो वहीं अब इस हथियार को चलाने वाले मोबाइल भी पार्टी सिंबल में रंग चुके हैं.

election campaigns done digitally in hamirpur
हमीरपुर में युवा संकल्प सम्मेलनों में मोबाइल स्टीकर लगाने के लिए लगी भीड़

चुनावी मौसम में जनसभाओं में जहां आज तक पार्टी की रंग बिरंगी टोपी और छाती पर बैच देखने को मिलता था. वहीं, सोशल मीडिया के इस दौर में राजनीति मोबाइल पर केंद्रित हो गई है. हालांकि, पोस्टर बैनर पार्टी के झंडे आज भी रैलियों मैं पूर्व की भांति ही दिख रहे हैं, लेकिन कार्यकर्ताओं का रुझान अब बदल रहा है. टोपी और बैच अब पुराने जमाने की बात हो गई है.

हमीरपुर में युवा संकल्प सम्मेलनों में मोबाइल स्टीकर लगाने के लिए लगी भीड़

स्टेटस सिंबल बन चुके मोबाइल ने इस बार प्रचार के मायने भी बदल दिए हैं. छाती पर दिखने वाले बैच की जगह अब मोबाइल पर लगने वाले स्टीकर ने ले ली है. मोबाइल पर लगा स्टीकर तय कर रहा है कि व्यक्ति कौन सी पार्टी का कार्यकर्ता है.

हमीरपुर: जिले के भोरंज और बड़सर विधानसभा क्षेत्र में शुक्रवार को भारतीय जनता युवा मोर्चा के युवा संकल्प सम्मेलनों में मोबाइल स्टीकर लगाने को लेकर काफी होड़ देखने को मिली. मोबाइल स्टीकर की होड़ पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ आम लोगों में भी देखने को मिल रही है.

गौरतलब है कि बदलते दौर के साथ चुनाव प्रचार का तरीका भी बदला है, लेकिन मोबाइल ने प्रचार के मायने ही बदल दिए हैं. सोशल मीडिया एक कारगर हथियार साबित हुआ है तो वहीं अब इस हथियार को चलाने वाले मोबाइल भी पार्टी सिंबल में रंग चुके हैं.

election campaigns done digitally in hamirpur
हमीरपुर में युवा संकल्प सम्मेलनों में मोबाइल स्टीकर लगाने के लिए लगी भीड़

चुनावी मौसम में जनसभाओं में जहां आज तक पार्टी की रंग बिरंगी टोपी और छाती पर बैच देखने को मिलता था. वहीं, सोशल मीडिया के इस दौर में राजनीति मोबाइल पर केंद्रित हो गई है. हालांकि, पोस्टर बैनर पार्टी के झंडे आज भी रैलियों मैं पूर्व की भांति ही दिख रहे हैं, लेकिन कार्यकर्ताओं का रुझान अब बदल रहा है. टोपी और बैच अब पुराने जमाने की बात हो गई है.

हमीरपुर में युवा संकल्प सम्मेलनों में मोबाइल स्टीकर लगाने के लिए लगी भीड़

स्टेटस सिंबल बन चुके मोबाइल ने इस बार प्रचार के मायने भी बदल दिए हैं. छाती पर दिखने वाले बैच की जगह अब मोबाइल पर लगने वाले स्टीकर ने ले ली है. मोबाइल पर लगा स्टीकर तय कर रहा है कि व्यक्ति कौन सी पार्टी का कार्यकर्ता है.

Intro:एक्सक्लूसिव
पार्टी की रंग बिरंगी टोपियां और छाती पर बैच हुई पुराने जमाने की बात, इस बार चुनावी मौसम में देख रहे यह रंग
हमीरपुर.
पार्टी की रंग बिरंगी टोपी और छाती पर बैच. चुनावी मौसम में जनसभाओं में अक्सर यही देखने को मिलता था. हर कार्यकर्ता के सिर पर एक टोपी होती थी और छाती पर 1 बैच. लेकिन सोशल मीडिया के इस दौर में राजनीति मोबाइल पर केंद्रित हो गई है. स्टेटस सिंबल बन चुके मोबाइल ने इस बार प्रचार के मायने भी बदल दिए हैं। छाती पर दिखने वाले बैच की जगह अब मोबाइल पर लगने वाले स्टीकर ने ले ली है। अब तो मोबाइल पर लगा स्टीकर अब क्या कर रहा है कि व्यक्ति कौन सी पार्टी का कार्य करता है। मोबाइल स्टीकर की होड़ पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ आम लोगों में भी देखने को मिल रही है।


Body:हालांकि चुनाव प्रचार बदलते दौर के साथ बदला है लेकिन मोबाइल ने प्रचार के मायने ही बदल दिए हैं। सोशल मीडिया एक कारगर हथियार साबित हुआ है तो वहीं अब इस हथियार को चलाने वाले मोबाइल भी पार्टी सिंबल मे रंग चुके हैं। हमीरपुर जिले के भोरंज और बड़सर विधानसभा क्षेत्र में शुक्रवार को भारतीय जनता युवा मोर्चा के युवा संकल्प सम्मेलनों में पार्टी कार्यकर्ताओं में मोबाइल स्टीकर लगाने को लेकर काफी होड़ देखने को मिली। मोबाइल पर यह स्टीकर आम कार्यकर्ताओं के साथ ही पार्टी के बड़े पदाधिकारियों और नेताओं के मोबाइल पर भी देखने को मिल रहे हैं। हालांकि पोस्टर बैनर पार्टी के झंडे आज भी रैलियों मैं पूर्व की भांति ही दिख रहे हैं लेकिन कार्यकर्ताओं का रुझान अब बदल रहा है। टोपी और बैच अब पुराने जमाने की बात हो गई है। हां यह जरूर है कि बैच की जगह इस स्टीकर का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। मोबाइल के बजाय कार्यकर्ता इसे अपनी टीशर्ट अथवा जैकेट पर भी लगा सकते हैं लेकिन इससे कपड़े खराब होने का खतरा रहता है। इसलिए कार्यकर्ता मोबाइल को ही अधिक तरजीह दे रहे हैं।


Conclusion:
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