हमीरपुर/कुल्लू/ऊना/करसोग: हिमाचल प्रदेश जिला परिषद कैडर के अधिकारी एवं कर्मचारी (district council employees officers and federation) संघ ने सोमवार से अनिश्चितकालीन पेन डाउन हड़ताल शुरू कर दी है. प्रदेश के विभिन्न जिलों में अधिकारी और कर्मचारियों अपनी मांगों को लेकर मोर्चा खोल दिया है. हड़ताल को कारण लोगों की परेशानी बढ़ बढ़ गई है. वहीं, दूसरी ओर कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती है, तब तक वे हड़ताल पर रहेंगे.
हमीरपुर में हड़ताल पर जिला परिषद कर्मचारी: इसी कड़ी में यह हड़ताल हमीरपुर ब्लॉक अध्य्क्ष नरेंद्र कुमार की अध्यक्षता में हमीरपुर ब्लॉक के सभी जिला परिषद कर्मचारियों ने विकास खंड परिसर में बैठकर हड़ताल की शुरुआत की है. इन कर्मचारियों का कहना है कि हड़ताल तब तक जारी रहेगी जब तक हमारी एकमात्र मांग विभाग में विलय करने के साथ ही इन्हें सरकारी कर्मचारी घोषित करने की मांग को नहीं माना जाता है. यह हड़ताल (pen down strike in Himachal) निरंतर चलती रहेगी, जिसकी जिम्मेदारी विभाग और प्रदेश सरकार की होगी.
बता दें कि प्रदेश भर में ऐसे हजारों कर्मचारी हैं जो इस मांग के लिए आवाज बुलंद कर रहे हैं. यह मांग नई भी नहीं है पिछले लंबे समय से यह मांग चली आ रही है, लेकिन अभी तक हर मंच पर इस मांग को अनसुना ही किया जा रहा है. चुनावी साल (Himachal Assembly Elections 2022) में सरकार के लिए यह मांग चुनौती से कम नहीं है. कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से पंचायती राज और ग्रामीण विकास से जुड़े हुए तमाम कार्य ठप पड़ गए हैं, जिससे लोगों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
संघ के पदाधिकारी एवं पंचायत सचिव जगदेव शर्मा ने कहा कि पहले भी जिला परिषद कैडर के अधिकारी एवं कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर चुके हैं. सोमवार से अधिकारी एवं कर्मचारियों ने पेन डाउन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया था. इस निर्णय के तहत यह हड़ताल तब तक जारी रहेगी. जब तक एकमात्र विलयकरण की मांग पूरी नहीं होती है तब तक संघर्ष हर सूरत में जारी रहेगा. सोमवार को इस हड़ताल में 36 अधिकारी एवं कर्मचारियों ने भाग लिया.
कुल्लू में जिला परिषद कैडर कर्मचारियों ने शुरू की अनिश्चितकालीन हड़ताल: कुल्लू जिले में भी अब जिला परिषद कैडर के तहत नियुक्त किए गए कर्मचारियों ने अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है. वहीं, उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग रखी है कि कार्य के तहत काम कर रहे सभी कर्मचारियों को पंचायती राज विभाग में विलय किया जाए. ताकि उन्हें भी सरकार के द्वारा दिए जा रहे वित्तीय लाभ और अन्य सुविधाएं मिल सके. जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर में बीडीओ कार्यालय के बाहर सभी कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठ गए हैं.
वहीं, कुल्लू के विधायक सुंदर ठाकुर भी कर्मचारियों से मिलने पहुंचे और उन्होंने भी उनकी मांगों का समर्थन किया. जिला परिषद में तैनात कर्मचारी संघ के अध्यक्ष यशपाल शर्मा ने बताया कि जिला परिषद कैडर के सभी कर्मचारी-अधिकारी पंचायत सचिव, कनिष्ठ अभियंता, सहायक अभियंता, तकनीकी सहायक आदि पंचायती राज विभाग एवं ग्रामीण विकास विभाग का कार्य कर रहे हैं, लेकिन न तो ग्रामीण विकास विभाग और न ही पंचायती राज विभाग इन्हें अपना कर्मचारी मानता है. इन कर्मचारियों ने कई बार सरकार से पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग में विलय की मांग को रखा है और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सहित कई मंत्रियों को ज्ञापन भी सौंपे लेकिन अभी तक इन कर्मचारियों का विभाग में विलय नहीं हो पाया है. ऐसे में अब कर्मचारी सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ाई के लिए तैयार हो गए हैं.
उन्होंने प्रदेश सरकार से आग्रह किया कि इन कर्मचारियों का जल्द से जल्द पंचायती राज विभाग में विलय किया जाए और उनके लिए भी एक पॉलिसी तैयार की जाए. ताकि हिमाचल प्रदेश में काम कर रहे हजारों कर्मचारियों को इसका फायदा मिल सके. वहीं, कुल्लू के विधायक सुंदर ठाकुर ने भी कर्मचारियों की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि पहले इनकी नियुक्ति जिस भी आधार पर की गई हो, लेकिन अब उन्हें इंसाफ मिलना चाहिए. प्रदेश सरकार को इन कर्मचारियों की मांगों पर प्राथमिकता से गौर करना चाहिए और कर्मचारियों को उनके हक जल्द से जल्द दिए जाने चाहिए.
जिला परिषद कर्मचारियों की पेन डाउन हड़ताल: जिला ऊना के खंड विकास कार्यालय में सोमवार को जिला परिषद कैडर के पंचायत सचिवों कनिष्ठ अभियंता और अन्य कर्मचारियों ने पेन डाउन हड़ताल करते हुए धरना प्रदर्शन किया. करीब 22 वर्षों से सेवाएं दे रहे यह कर्मचारी अपने ही विभाग में विलय न होने के चलते प्रदर्शन पर उतारू हैं. कर्मचारियों ने ऐलान किया है कि जब तक उनकी मांगों को मान नहीं लिया जाता तब तक उन्हें अनिश्चित काल तक हड़ताल पर भी अगर बैठना पड़ेगा तो वह बैठेंगे. कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने अपनी समस्या कई बार मुख्यमंत्री से लेकर अन्य जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के समक्ष भी रखी, लेकिन अभी तक इस मामले पर कोई भी गंभीरता नहीं दिखाई गई. जिसके चलते उन्हें संघर्ष के रास्ते पर उतरना पड़ा है.
विभाग में विलय न होने पर भड़का गुस्सा, मांग पूरी न होने कि सूरत में जारी रहेगा प्रदर्शन: जिला परिषद के तहत काम कर रहे सैकड़ों कर्मचारियों ने सोमवार से पेन डाउन हड़ताल शुरू कर दी है. इन कर्मचारियों का आरोप है कि वह 22 वर्षों से सरकार की हर योजना को मूर्त रूप देने में जी-जान से जुटे हैं, लेकिन खुद उनका अपना ही विभाग उन्हें अपना नहीं मान रहा. कर्मचारियों का कहना है कि जिला परिषद कैडर के पंचायत सचिव, कनिष्ठ अभियंता, वरिष्ठ सहायक व अन्य तमाम कर्मचारी विभाग में खुद के विलय का रास्ता देख रहे हैं. सालों से इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री से लेकर अन्य जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के दरबार में भी हाजिरी लगा चुके हैं, लेकिन उनकी बात को गंभीरता से लेना तो दूर उन्हें पूरी तरह से अनसुना किया जा रहा है.
करसोग में 'कलम छोड़ो आंदोलन' पर बैठे जिला परिषद कैडर के कर्मचारी: पिछले कई सालों से पंचायतीराज विभाग में विलय को लेकर संघर्ष कर रहे जिला परिषद कर्मचारी करसोग में कलम छोड़ो आंदोलन पर बैठ गए हैं. मंडी के तहत करसोग व चुराग विकासखंडों में जिला परिषद कैडर के तहत कुल 54 कर्मचारी सेवाएं दे रहे हैं.
इसमें पंचायत सचिव, कनिष्ठ अभियंता सहित मनरेगा मद से वेतन प्राप्त कर रहे सभी कर्मचारियों ने सोमवार से अपना कार्य करना छोड़ दिया है. ऐसे में इन कर्मचारियों के आंदोलन पर चले जाने से पंचायतों में होने वाले जरूरी कार्यों समेत मनरेगा के कार्य लटक गए हैं. जिससे अब दोनों विकासखंडों के तहत पड़ने वाली 62 पंचायतों में ग्रामीणों की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं.
वहीं, पंचायतों में काम लटकता देखकर कई प्रधान अब कर्मचारियों के समर्थन में उतर गए हैं. इन प्रधानों ने प्रदेश सरकार से जल्द कर्मचारियों की मांग को पूरा करने का आग्रह किया है. ताकि पंचायतों में सुचारू रूप से काम चल सके और ग्रामीणों को मनरेगा के तहत रोजगार मिलता रहे. जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों ने पंचायतीराज विभाग में विलय को लेकर 20 जून को बीडीओ के माध्यम से सरकार को ज्ञापन भी सौंपा था, जिसमें सरकार को 24 जून तक मांग पूरी करने का अल्टीमेटम दिया गया था. कर्मचारियों को उम्मीद थी कि सरकार तय समय में उनकी मांग को जरूर पूरा करेगी, लेकिन निर्धारित अवधि बीतने के बाद भी कर्मचारियों की मांग पर कोई भी उचित निर्णय लिया गया है.
करसोग विकास खंड जिला परिषद कर्मचारी संघ के अध्यक्ष नरेश कुमार का कहना है कि जिला परिषद कैडर के सभी कर्मचारी कलम छोड़ो आंदोलन पर बैठ गए हैं. कर्मचारी लंबे समय से जिला परिषद कैडर का पंचायतीराज विभाग में विलय करने की मांग कर रहे हैं, जिसे आज तक पूरा नहीं किया गया है. उन्होंने सरकार से जल्द से जल्द जिला परिषद कैडर को पंचायतीराज विभाग में विलय करने का आग्रह किया है. ताकि अन्य विभागों के कर्मचारियों की तरह उन्हें भी सरकार की तरफ से समय समय पर दिए जाने वाले वित्तीय लाभों का फायदा मिल सके.