हमीरपुर: जिला मुख्यालय से चंद मील की दूरी पर पन्याला के समीप गरने दा ग्लू में नकली शराब का अवैध धंधा (Illegal liquor factory case in Hamirpur) चलता रहा और किसी को कानों कान भनक तक नहीं लगी. आबकारी विभाग भी इस बात से पूरी तरह अनभिज्ञता जता रहा है. अवैध धंधे की आबकारी विभाग, पुलिस व खुफिया एजेंसियों तक को कोई जानकारी नहीं थी. कारण साफ है कि बोतलों में नकली शराब भरने का यह धंधा पूरी तरह से गैर कानूनी था.
पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी- आपको बता दें कि हमीरपुर के अवैध फैक्ट्री से संतरा ब्रांड की 518 पेटियों की बरामदगी के बाद पुलिस की दबिश जिले भर में लगातार जारी है. शनिवार को भी दिनभर पुलिस इस कार्रवाई में जुटी रही. अवैध फैक्ट्री से बाजार में सप्लाई हुई इस नकली शराब को बरामद किया जा रहा है. हमीरपुर जिला के अलावा प्रदेश के अन्य जिलों में भी इस सप्लाई को रिकवर करने में पुलिस लगातार जुटी हुई है. मंडी जहरीली शराब मामले (Mandi poisonous liquor case) में गठित एसआईटी ने शुक्रवार देर रात को की 6 हजार बोतल, 300 लीटर के पांच प्लास्टिक टैंक भी बरामद किए हैं.
इसके अलावा कार्टन, 2500 होलोग्राम, 2 प्लास्टिक टयूबस, हाइड्रो मीटर्स, सिरिंज, बॉटल फिलिंग मशीन इत्यादि को बरामद किया है. जानकारी के मुताबिक भवन के मालिक प्रवीण और शराब बनाने वाले यूपी के रहने वाले दो कारीगर भी गिरफ्तार किए गए हैं. इनकी पहचान पुष्पेंद्र, पुत्र ऋषि पाल और सनी, पुत्र अशोक कुमार निवासी, भवानीगढ़ी अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश) के रूप में हुई है. हालांकि अभी तक पुलिस के द्वारा इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है.
मामले से जुड़ रहा कांग्रेस नेता का नाम: वहीं, एक कांग्रेसी नेता का नाम भी इस मामले से जोड़ा जा रहा है. जिस कांग्रेस नेता का नाम सामने आ रहा है, उसको लेकर भी एसआईटी की तरफ से स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है. बताया जा रहा है कि बोहणी में एक शराब कारोबारी और कांग्रेस नेता कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में दबिश देकर चार पेटी शराब पकड़ी है. एसआईटी अब पकड़ी गई शराब के सैंपल लेकर इसकी जुन्गा स्थित लैब में टेस्टिंग करवाएगी. लैब से आने वाली रिपोर्ट से ही पता चल पाएगा कि जिन लोगों की शराब पीने से मौत हुई है, वह शराब और हमीरपुर में बनने वाली मिलावटी शराब दोनों एक ही है या अलग-अलग. साथ ही, एसआईटी ने शराब कारोबारी कांग्रेसी नेता से भी लंबी पूछताछ की है.
कथित तौर पर यह भी चर्चा है कि शराब (DGP PC on poisonous liquor case) बनाने की यह अवैध फैक्ट्री लंबे समय से चलाई जा रही थी. लेकिन, इस विषय पर न तो एक्साइज विभाग को कोई जानकारी थी और न ही पुलिस और सरकार के खुफिया तंत्र को कोई सूचना थी. यह फैक्ट्री अवैध तरीके से चलाई जा रही थी, तो ऐसे में एक्साइज विभाग भी पूरी तरह से इससे बेखबर था. हालांकि पुलिस और खुफिया एजेंसियों की अनभिज्ञता इस मामले में बड़ा सवाल बनकर सामने आ रही है.
इस कार्रवाई के बाद प्रदेश पुलिस इसे अपनी बड़ी सफलता गिना रही है. लेकिन, यह भी किसी से छुपा नहीं है कि नकली शराब पीने से 7 लोगों की मौत के बाद ही जांच का यह हो हल्ला हो रहा है. हैरानी इस बात की है कि जहां शराब फैक्ट्री चल रही थी, वह आवाज एसपी हमीरपुर के सरकारी आवास से महज एक से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर है. पुलिस अधीक्षक हमीरपुर डॉक्टर आकृति शर्मा से जब इस विषय पर बात की गई, तो उन्होंने कहा कि इस मामले में एसआईटी जांच कर रही है. इस मामले में जो भी शराब (Illegal liquor trade in Himachal) पकड़ी जा रही है, उसे एसआईटी की निगरानी में मंडी ले जाया जा रहा है.
आबकारी विभाग ने भरे शराब के सैंपल: उपायुक्त राज्य कर एवं आबकारी जिला हमीरपुर विशाल गोरला का कहना है कि मंडी के सलाहपड़ में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों के बाद विभाग ने सैंपलिंग का काम तेज कर दिया है. शराब ठेकों का निरंतर निरीक्षण किया जा रहा है. बड़सर क्षेत्र में चल रही शराब फैक्ट्रियों से सैंपल लिए गए हैं. शनिवार को भी आबकारी विभाग की एक टीम पुलिस महकमे के साथ रही, जबकि उपमंडल स्तर पर भी टीमों ने अपनी तरफ से शराब ठेकों का निरीक्षण किया है.
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