हमीरपुर: लॉकडाउन की अवधि के दौरान हमीरपुर शहर में कूड़ा एकत्रीकरण शुल्क वसूल करने को लेकर अधिकारी और पार्षद आमने-सामने आ गए हैं. नगर परिषद हमीरपुर के पिछले हाउस में पार्षदों ने शहर में लॉकडाउन की अवधि के दौरान 2 महीने तक कूड़ा एकत्रीकरण शुल्क वसूल करने का निर्णय लिया था लेकिन नगर परिषद हमीरपुर के कार्यकारी अधिकारी ने इसे सही नहीं माना था.
हालांकि नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी ने जल्द ही इस प्रस्ताव को सरकार को भेजने की बात कही है. कार्यकारी अधिकारी का कहना है कि 2 महीने तक सफाई कर्मचारियों ने कूड़ा एकत्रित किया है. ऐसे में उनकी राय में कूड़ा एकत्रीकरण शुल्क माफ करना उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार को जल्द ही कंसीडरेशन के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा. नगर परिषद हमीरपुर के उपाध्यक्ष दीप बजाज का कहना है कि इस तरह के फैसलों के लिए हाउस ही फाइनल अथॉरिटी है.
नगर परिषद हमीरपुर के उपाध्यक्ष दीप बजाज ने कहा कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान दुकानें बंद रही हैं. कुछ जगह किरायेदार भी घरों को चले गए थे. इसके अलावा कुछ मकान मालिक भी गांव चले गए थे. उन्होंने कहा कि यह फायदे नुकसान की बात नहीं है बल्कि लोगों को राहत देने का निर्णय लिया गया है. इस तरह के निर्णय को लेने के लिए नगर परिषद का हाउस फाइनल अथॉरिटी है. पार्षद चुने हुए प्रतिनिधि हैं और वहीं नगर परिषद के मालिक हैं.
बता दें कि जहां एक तरफ नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी हाउस के इस प्रस्ताव को कंसीडरेशन के लिए सरकार को भेजने की बात कर रहे हैं तो वहीं, अब नगर परिषद के उपाध्यक्ष ने इस मामले में बयान देकर कार्यकारी अधिकारी को जवाब दिया है. चुनावों के वक्त लोगों को राहत दी जाए या नहीं अब इस पर नगर परिषद हमीरपुर में अधिकारी और चुने हुए प्रतिनिधि एक दूसरे के आमने-सामने हैं.
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