हमीरपुर: श्रम कल्याण बोर्ड में चल रही स्टाफ की कमी और लंबित मांगों को लेकर सीटू ने सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया. बोर्ड कार्यालय के बाहर सीटू कार्यकर्ताओं ने आवाज बुलंद करते हुए कहा कि सरकार मांगों को जल्द पूरा करें. धरना प्रदर्शन सुबह 11 बजे से लेकर एक बजे तक किया गया, जिसमें कई कामगार शामिल हुए. सीटू कार्यकर्ताओं का कहना है कि जो लोग श्रम कल्याण बोर्ड से पंजीकृत हैं, उनके बच्चों के शिक्षा वजीफे 2020 से नहीं मिले हैं. इसके साथ ही जो सामान पंजीकृत मजदूरों को श्रम कल्याण बोर्ड की तरफ से मिलता है, वह भी नहीं मिल पाया है.
सीटू के राष्ट्रीय सचिव कश्मीर सिंह ने कहा कि कोरोना काल का जो छह हजार रुपये मजदूरों के बैंक खाते में आना चाहिए था, वो भी नहीं आया है. उन्होंने आरोप लगाए कि बोर्ड में बड़े पैमाने पर धांधली हो रही है. सरकार अपने चहेतों को लाभ देने में लगी है. जो चहेते हैं, उनका फॉर्म पहले शिमला पहुंचा जाता है, जबकि अन्य लोगों के फॉर्म कार्यालय में ही पड़े रहते हैं. उन्होंने बताया कि करीब 1500 आवेदन जिला कार्यालय में ही पड़े हुए हैं. ऐसे में कब यह शिमला पहुंचेंगे और कब जाकर वजीफा मिलेगा.
कश्मीर सिंह ने बताया कि समस्या के समाधान के लिए बोर्ड के चेयरमैन से भी मुलाकात की जा चुकी है, लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं. सरकार के इस रवैये से आज मजदूर बेहद परेशान हैं. उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक मांगें पूरी नहीं की जाती, तब तक इसी तरह हर रोज 11 बजे से लेकर 1:30 बजे तक प्रदर्शन का सिलसिला जारी रखा जाएगा. इसके बावूजद भी अगर सरकार नहीं मानी तो 2 नवंबर को शिमला में श्रमिक कल्याण बोर्ड का घेराव किया जाएगा. इस दिन हजारों मजदूर शिमला जाएंगे और सो रही सरकार को जगाया जाएगा. उन्होंने कहा कि भाषणों से पेट नहीं भरता, लोगों को उनका लाभ मिलना चाहिए.
ये भी पढ़ें : चुनाव के अंतिम दिनों में भाजपा बांटेगी पैसा और शराब: MLA विक्रमादित्य सिंह