हमीरपुर: सीटू जिला इकाई हमीरपुर अखिल भारतीय कमेटी के आह्वान पर भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन नीति का विरोध करने का निर्णय लिया गया है. इस सिलसिले में वीरवार को सीटू जिला कमेटी हमीरपुर भारत सरकार द्वारा घोषित राष्ट्रीय मुद्रीकरण योजना के विरोध में उपायुक्त के माध्यम से प्रधानमंत्री भारत सरकार को ज्ञापन भेजा. ज्ञापन के माध्यम से राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन नीति को वापस लेने की मांग की गई है.
जिला सीटू के पदाधिकारियों का स्पष्ट कहना है कि यदि जल्द ही मांगों को पूरा न किया गया तो वह उग्र आंदोलन करने के लिए विवश होंगे. सीटू के राष्ट्रीय सचिव डॉ. कश्मीर ठाकुर ने कहा कि भारत सरकार द्वारा यह योजना देश की सरकारी संपत्तियों को देश व विदेश के बड़े उद्योगपतियों को सौंपने की नीति है. सीटू का मानना है कि भारत सरकार की यह नीति देश के धन की लूट तो है ही, साथ-साथ देश की जनता की आजीविका और आमदनी को भी प्रभावित करेगी. यह नीति हमारी राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लिए भी खतरनाक है.
केंद्र सरकार ने छह लाख करोड़ में देश की अधिकांश सरकारी संपत्ति को बड़ी बड़ी देशी-विदेशी कंपनियों के पास एक तरह से गिरवी रखने का फैसला किया है, जो कि सरासर गलत है. पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की संपत्तियों को भी भारत सरकार ने इस मुद्रीकरण पाइप लाइन नीति के तहत उद्योगपतियों को बेचने का निर्णय लिया है. भारत सरकार राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन नीति को वापस लें और सरकारी संपत्तियों को बेचना बंद करें. अन्यथा सीटू लोगों को लामबंद करते हुए देश के कोने-कोने में एक लंबे संघर्ष और उग्र आंदोलन करने को मजबूर होगी.
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