हमीरपुर: जो लोग बेटियों की कसमें खाते थे कि राजनीति में नहीं आएंगे. वह राजनीति में आये और उनका खाता तक उत्तर प्रदेश में नहीं खुल पाया. यह लोग बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास को अगर देखा जाए तो अंतर नजर आएगा कि पहले या आवास क्या था और अब क्या है. इन लोगों की कथनी और करनी में बहुत अंतर है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने हमीरपुर जिले के सुजानपुर में आयोजित राष्ट्र स्तरीय होली उत्सव (sujanpur holi festival) में पहुंचे यह बयान दिया है.
अनुराग ठाकुर ने कहा कि पंजाब में सीएम भगवंत मान के शपथ ग्रहण समारोह में फिजूलखर्ची की जा रही है. वहीं, उन्होंने फिल्म द कश्मीर फाइल्स पर अपनी प्रतिक्रिया (anurag react on the kashmir files) देते हुए कहा कि इस फिल्म में कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचारों और दुर्व्यवहार को प्रदर्शित किया गया है. उस समय की सरकारों को इस के संदर्भ में जवाब देना चाहिए किन समस्याओं के चलते कश्मीरी पंडितों को कश्मीर से पलायन करना पड़ा. कश्मीरी पंडित देश के अलग-अलग कोनों में बस गए हैं.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के कार्यकर्ताओं के वोट काटे जाने के सवाल पर अनुराग सिंह ठाकुर ने पलटवार करते हुए कहा कि चुनाव आयोग द्वारा वोट बनाने और काटने का समय दिया जाता है, लेकिन चुनावों से पहले अखिलेश यादव की पार्टी ने ऐसा कुछ नहीं किया है. अब बिना मतलब के बयानबाजी करने में जुटे हैं. उन्होंने कहा कि जब तक सपा पार्टी जनता के निर्णय को स्वीकार नहीं करती, तब तक पार्टी को हार का सामना करना पड़ेगा. ये आत्मचिंतन नहीं करेंगे तो इसी तरह जनता उन्हें बार-बार हराएगी, क्योंकि आतंकी, माफिया, अपराधी और भ्रष्टाचार यहीं उनके यार हैं.
राष्ट्र स्तरीय होली मेले का शुभारंभ और बधाई संदेश के साथ ऊना-हमीरपुर रेल लाइन (una hamirpur rail line) के सर्वे की हकीकत बताते हुए विरोधियों को भी खरी-खोटी सुनाई. पत्रकारों से की गई बातचीत के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुछ लोग चाहते ही नहीं कि हमीरपुर तक रेल पहुंचे. दरअसल, कांग्रेस शुरू से ही इसका विरोध करती रही है.
उन्होंने बताया कि जो केवल प्रेस नोटों से नेता बने फिरते हैं उन्हें क्या पता कि बड़े प्रोजेक्ट कैसे आते हैं. अनुराग ठाकुर ने बताया कि किसी भी प्रोजेक्ट का पहले प्री सर्वे होता है फिर फाइनल सर्वे. ऊना-हमीरपुर रेल लाइन में भी पहले यह देखा गया कि कितनी लंबाई होगी कितने पुल बनेंगे कितनी सुरंगे बनेंगी, फिर उसका बजट बनाया गया.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पहले इसका बजट 6 हजार 800 करोड़ बना था. इसमें टिपिकल टैरेन जैसी बाधाएं थी. हमीरपुर शहर तक रेललाइन को पहुंचाने के लिए ढाई हजार करोड़ एक सुरंग की कॉस्ट बैठ रही थी. इसके अलावा दो बड़े पुलों का खर्चा था. जो टोटल खर्च था अगर वो करना पड़ता तो हिमाचल को 50 फीसदी शेयर देना पड़ता. इसलिए री-सर्वे करवाया गया, जिसमें रेल लाइन की कॉस्ट 4 हजार करोड़ बनी. इसमें 75 और 25 प्रतिशत का रेशियो है, यानी एक हजार करोड़ के लगभग प्रदेश सरकार खर्च वहन करेगी और तीन हजार करोड़ केंद्र सरकार देगी.