हमीरपुर: घुसपैठ कर भारत पहुंचे बांग्लादेशी युवक आत्महत्या मामले (Bangladeshi youth suicide case) में कई सवालों को जन्म दे दिया है. मामले में अब सीबीआई के एनसीबी विंग के दखल पर ही जांच आगे बढ़ रही है. सीबीआई की गाइडलाइन पर ही जिला पुलिस काम कर रही है, जिसके चलते 7 दिन के बाद भी युवक के शव का अभी तक अंतिम संस्कार नहीं किया गया है. मामले में स्टेट सीआईडी के साथ ही खुफिया एजेंसी भी सावधानी के साथ कार्य कर रही हैं. इस मामले में कई पहलुओं पर गौर करना जरूरी है. इस तरह के मामलों में किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है यह बेहद महत्वपूर्ण है. मसलन यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ ही मानवाधिकार के पहलुओं से भी जुड़ा है.
दरअसल, एक सप्ताह पहले ही 21 फरवरी की रात को बांग्लादेशी मूल के युवक सोभनन सरकार ने हिमाचल के हमीरपुर जिले में अपनी पत्नी से मामूली कहासुनी के बाद आत्महत्या कर ली. युवक हिमाचल में पिछले डेढ़-दो साल से गैर कानूनी तरीके से फर्जी आधार कार्ड बनाकर अपनी मुस्लिम पत्नी और 5 बरस की बेटी के साथ रह रहा था. आत्महत्या के बाद ही इस परिवार के बांग्लादेशी होने का राज खुला.
देश में घुसपैठ के साथ ही यह मामला मानवाधिकार से भी जुड़ा है. ऐसे में जिला पुलिस तमाम कानूनी बारीकियों के मद्देनजर कार्रवाई कर रही है. फिलहाल आत्महत्या करने वाले युवक की पत्नी को विदेशी अधिनियम की धारा 14 के अंतर्गत आरोपी बनाया गया है. 5 वर्षीय बेटी को वन स्टॉप सेंटर हमीरपुर में ही रखा गया है, जहां पर उसके नाना नानी बांग्लादेश से पहुंचकर उसका ख्याल रख रहे हैं.
विदेश मंत्रालय से भी जुड़ा है मामला- बांग्लादेशी युवक आत्महत्या मामले में सीबीआई का रोल भी महत्वपूर्ण है. प्रदेश पुलिस इस मामले में सीआईडी विंग का जरिये मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर के साथ संपर्क में है. इसके बाद युवक के परिजनों से संपर्क कर लिया गया है तथा उन्हें भारत आने की हिदायत भी दी गई है. विदेश मंत्रालय के तरफ से जिला पुलिस को स्पष्ट निर्देश है कि इस मामले में आगामी कार्रवाई के लिए सूचित कर दिया जाएगा. अंतरराष्ट्रीय मामलों में सीबीआई की नेशनल सेंट्रल ब्यूरो (एनसीबी) के साथ प्रदेश पुलिस के संपर्क में है. एनसीबी की तरफ से गाइडलाइन पर ही पुलिस कि जांच आगे बढ़ रही है. पुलिस को यह हिदायत दी गई है कि युवक के परिजनों से संपर्क साध लिया गया है और उनके भारत पहुंचते ही डेडबॉडी उनको हैंडओवर की जाएगी.
परिजनों के पहुंचने पर अंतिम संस्कार पर होगा फैसला- आत्महत्या करने वाले युवक की डेडबॉडी फिलहाल फ्रीजर में रखी गई है. बांग्लादेश से परिजनों का यहां पर पहुंचने का इंतजार किया जा रहा है. परिजनों के यहां पर पहुंचने के बाद ही विदेश मंत्रालय और नेशनल सेंट्रल ब्यूरो की गाइडलाइन के मुताबिक ही युवक का अंतिम संस्कार किया जाएगा. यह तय किया जाएगा कि क्या युवक का अंतिम संस्कार हमीरपुर में ही परिजनों की मौजूदगी में कर दिया जाए. इस स्थिति में परिजनों की सहमति भी ध्यान में रखी जाएगी और यदि परिजन डेडबॉडी को बांग्लादेश ले जाना चाहे तो इस पर भी मंत्रालय विचार करेगा. हालांकि डेडबॉडी को बांग्लादेश तक ले जाने का खर्च अधिक होगा जो कि संभवता परिजनों को ही वहन करना होगा. ऐसे में आपसी सामंजस्य यह संभावना जताई जा रही है कि परिजनों की सहमति से उनकी मौजूदगी में युवक के शव का अंतिम किया जाएगा.
विदेशी नागरिक से जुड़े मामले में यह सावधानी- यह मामला विदेशी नागरिक से जुड़ा है. ऐसे में यह भी विचार मन में आता है कि यदि किसी भारतीय नागरिक से जुड़ा हुआ था मामला हो तो किन बातों का ध्यान रखा जाता है. आम मामलों में पुलिस मृतक व्यक्ति की पहचान करने की कोशिश करती है और परिजनों को संपर्क किया जाता है. सार्वजनिक सूचना के बावजूद यदि कुछ दिनों तक यदि संपर्क नहीं हो पाता है और मृतक की पहचान नहीं होती है तो अदालत की मंजूरी के बाद पुलिस शव का अंतिम संस्कार करती हैं, लेकिन यह मामला विदेशी नागरिक से जुड़ा है. ऐसे में इसमें अधिक सावधानी बरतने का नियम है.
क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी- पुलिस अधीक्षक हमीरपुर आकृति शर्मा का कहना है कि मामले में विदेश मंत्रालय और सीबीआई की एनसीबी विंग की गाइडलाइन पर कार्य किया जा रहा है. इस मामले में पुलिस बेहद सावधानी के साथ जांच को आगे बढ़ा रही है.
मानवाधिकार का हनन ना हो यह भी जरूरी- हमीरपुर कोर्ट में लगभग एक दशक से कार्य कर रहे मामले के जानकार अधिवक्ता किशोर शर्मा कहते हैं कि इस तरह के मामलों में विदेश मंत्रालय का सीधा हस्तक्षेप रहता है. मामला राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ ही मानवाधिकारों से भी जुड़ा है. ऐसे में पुलिस तमाम पहलुओं को ध्यान में रखकर कार्रवाई करती है. मानवाधिकार का हनन ना हो इसका भी ध्यान रखा जाता है.
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