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हमीरपुर-सुजानपुर वाया झनियारा रूट 2 साल से बंद, बस सुविधा न होने से 14 हजार आबादी प्रभावित

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Published : May 17, 2022, 3:50 PM IST

हमीरपुर-सुजानपुर वाया झनियारा रूट पर (Bus service on Hamirpur Sujanpur via Jhaniara route) पिछले दो सालों से बस सुविधा बंद है. स्थानीय लोग इस बारे में कई बार अधिकारियों और नेताओं को अवगत करवा चुके हैं, लेकिन उनकी ये समस्या जस की तस है. बस सुविधा न होने के कारण बच्चों, बुजुर्गों का ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में स्थानीय लोगों ने अब बस शुरू न होने की सूरत में धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी है.

Lack of bus facility in Hamirpur
हमीरपुर सुजानपुर वाया झनियारा रूट 2 साल से बंद

हमीरपुर: हमीरपुर-सुजानपुर वाया झनियारा रूट दो साल से बंद होने से आधा दर्जन पंचायतों की 14 हजार आबादी प्रभावित हो रही है. मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, 1100 हेल्पलाइन, डीएम, आरएम सबको स्थानीय बुजुर्ग शिकायत कर चुके हैं. अब ग्रामीण कहां (Bus service on Hamirpur Sujanpur via Jhaniara route) जाएं यह सवाल उठ रहा है. अब कोई चारा ना बचने पर इन बुजुर्ग ग्रामीणों ने एचआरटीसी डिपो हमीरपुर के कार्यालय के बाहर भूख हड़ताल करने का निर्णय लिया है. मसला हजारों ग्रामीणों को सुविधा देने वाली हिमाचल पथ परिवहन निगम की बस का है जो दो साल से बंद है. पंचायतों के लोग शिकायत लेकर जाते हैं तो उन्हें मात्र आश्वासन देकर वापस भेज दिया जाता है.

झनियारा क्षेत्र के प्यार चंद, प्रकाश चंद, सरवण सिंह, प्रीतम चंद, सुग्रीव सिंह, ब्रह्मदास, सुभाष और शंकर दास ने बताया कि जब प्रदेश में पहली बार कोरोना के चलते लॉकडाउन लगा था तो 21 मार्च 2020 को हमीरपुर-सुजानपुर वाया झनियारा बस रूट को बंद किया गया था. अमरोह, पस्तल, चबूतरा, करोट और सुजानपुर के ग्रामीण क्षेत्रों को कवर करने वाली इस बस को आठ साल पहले स्कूल, अणु कॉलेज के बच्चों और ग्रामीणों के लिए शुरू किया गया था. बस दोपहर 3 बजकर 20 मिनट पर चलती थी. आज दो साल से अधिक का समय हो गया लेकिन बार-बार डिमांड के बावजूद बस रूट बहाल नहीं किया जा रहा है. दोपहर बाद ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को 4 से पांच किलोमीटर पैदल या किसी से लिफ्ट लेकर घर पहुंचना पड़ता है.

हमीरपुर-सुजानपुर वाया झनियारा रूट 2 साल से बंद

सरकार और एचआरटीसी (Lack of bus facility in Hamirpur Jhaniara) प्रबंधन के लारों से गुस्साए ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अब अगर बस रूट बहाल न किया तो वे आरएम ऑफिस के बाहर धरने पर बैठ जाएंगे. स्थानीय निवासी प्यार चंद का कहना है कि 2 साल के अरसे में लगभग 10 बार वह इस समस्या को लेकर अधिकारियों नेताओं के पास जा चुके हैं लेकिन कोई समाधान नहीं हो पा रहा है. अब उनके पास कोई चारा नहीं बचा है, ऐसे में अब वह एचआरटीसी डिपो हमीरपुर के आरएम के कार्यालय के बाहर भूख हड़ताल करेंगे. वहीं, एचआरटीसी डिपो हमीरपुर के ट्रैफिक मैनेजर अखिल अग्निहोत्री का कहना है कि कोरोना काल में जो रूट बंद हुए थे उन्हें बहाल करने का प्रयास किया जा रहा है और इस रूट को भी एक या दो दिन में बहाल कर दिया जाएगा.

हमीरपुर: हमीरपुर-सुजानपुर वाया झनियारा रूट दो साल से बंद होने से आधा दर्जन पंचायतों की 14 हजार आबादी प्रभावित हो रही है. मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, 1100 हेल्पलाइन, डीएम, आरएम सबको स्थानीय बुजुर्ग शिकायत कर चुके हैं. अब ग्रामीण कहां (Bus service on Hamirpur Sujanpur via Jhaniara route) जाएं यह सवाल उठ रहा है. अब कोई चारा ना बचने पर इन बुजुर्ग ग्रामीणों ने एचआरटीसी डिपो हमीरपुर के कार्यालय के बाहर भूख हड़ताल करने का निर्णय लिया है. मसला हजारों ग्रामीणों को सुविधा देने वाली हिमाचल पथ परिवहन निगम की बस का है जो दो साल से बंद है. पंचायतों के लोग शिकायत लेकर जाते हैं तो उन्हें मात्र आश्वासन देकर वापस भेज दिया जाता है.

झनियारा क्षेत्र के प्यार चंद, प्रकाश चंद, सरवण सिंह, प्रीतम चंद, सुग्रीव सिंह, ब्रह्मदास, सुभाष और शंकर दास ने बताया कि जब प्रदेश में पहली बार कोरोना के चलते लॉकडाउन लगा था तो 21 मार्च 2020 को हमीरपुर-सुजानपुर वाया झनियारा बस रूट को बंद किया गया था. अमरोह, पस्तल, चबूतरा, करोट और सुजानपुर के ग्रामीण क्षेत्रों को कवर करने वाली इस बस को आठ साल पहले स्कूल, अणु कॉलेज के बच्चों और ग्रामीणों के लिए शुरू किया गया था. बस दोपहर 3 बजकर 20 मिनट पर चलती थी. आज दो साल से अधिक का समय हो गया लेकिन बार-बार डिमांड के बावजूद बस रूट बहाल नहीं किया जा रहा है. दोपहर बाद ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को 4 से पांच किलोमीटर पैदल या किसी से लिफ्ट लेकर घर पहुंचना पड़ता है.

हमीरपुर-सुजानपुर वाया झनियारा रूट 2 साल से बंद

सरकार और एचआरटीसी (Lack of bus facility in Hamirpur Jhaniara) प्रबंधन के लारों से गुस्साए ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अब अगर बस रूट बहाल न किया तो वे आरएम ऑफिस के बाहर धरने पर बैठ जाएंगे. स्थानीय निवासी प्यार चंद का कहना है कि 2 साल के अरसे में लगभग 10 बार वह इस समस्या को लेकर अधिकारियों नेताओं के पास जा चुके हैं लेकिन कोई समाधान नहीं हो पा रहा है. अब उनके पास कोई चारा नहीं बचा है, ऐसे में अब वह एचआरटीसी डिपो हमीरपुर के आरएम के कार्यालय के बाहर भूख हड़ताल करेंगे. वहीं, एचआरटीसी डिपो हमीरपुर के ट्रैफिक मैनेजर अखिल अग्निहोत्री का कहना है कि कोरोना काल में जो रूट बंद हुए थे उन्हें बहाल करने का प्रयास किया जा रहा है और इस रूट को भी एक या दो दिन में बहाल कर दिया जाएगा.

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