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बरसात का मौसम, बसों में जमकर हो रही ओवलोडिंग, नहीं सुधर रहे बस चालक

हमीरपुर जिला के उपमंडल बड़सर में ओवरलोडिंग कर रहे हैं निजी बस चालक. प्रदेश में सरकार द्वारा ओवरलोडिंग पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद बाज नहीं आ रहे बस चालक.

bus overloading in bharsar
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Published : Aug 18, 2019, 10:56 AM IST

हमीरपुर: प्रशासन की सख्ती और भयंकर सड़क हादसों के बावजूद प्रदेश में ओवरलोडिंग नहीं रुक रही. ओवरलोडिंग के अधिकतर मामले निजी बसों के सामने आ रहे हैं. बड़े हादसे के बावजूद भी निजी बस ऑपरेटर या चालक सबक नहीं ले रहे.

जिला हमीरपुर के उपमंडल बड़सर में ओवरलोडिंग धड़ल्ले से चल रही है. ओवरलोडिंग पर पूरी तरह से प्रतिबंध होने के बाद भी बस चालक अपनी बसों में क्षमता से अधिक संवारियों को चढ़ाते हैं. यहां खुलेआम सरकारी नियमों की बस चालकों कंडक्टरों द्वारा धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.

वीडियो.

गलती केवल बस चालकों की नहीं है इसमें आम लोग भी उनका पूरा साथ देते हैं. लोग अकसर ऐसी बसों में चढ़ते हैं जिसमें सवारी बिठाने की क्षमता नहीं होती और बस वाले भी उन्हें चढ़ा लेते हैं. ऐसे में वे अपनी जान जोखिम में डाल सफर कर रहे हैं.

प्रदेश सरकार द्वारा 20 जून को हुए बंजार बस हादसे के बाद ओवरलोडिंग को लेकर सख्ती दिखाई गई थी, लेकिन समय बीतने के साथ ये सख्ती अब हवा हो गई है. फिर से बसों में ओवरलोडिंग का सिलसिला शुरू हो गया. आपको बता दें कि बजांर में भी ओवरलोड़िंग की वजह से हुए हादसे ने 46 लोगों की जिंदगी लील ली थी.

लोगों को नहीं मिल पा रही बेहतर सरकार सुविधाएं
गलती केवल निजी बस चालकों, ऑपरेटरों या फिर आम लोगों की ही नहीं है. लोगों को ओवरलोडिंग मजबूरी की वजह से करनी पड़ती है. हिमाचल में अभी भी बंजार जैसे कई ऐसे इलाके हैं जहां प्रदेश परिवहन निगम की एक या दो बसों से अधिक नहीं जाती जबकि वहां आबादी हजारों की है.

ऐसे में लोग अपने क्षेत्र में चलने वाली निजी बसों का सहारा लेते हैं. समय पर घर पहुंचने के लिए लोग ओवरलोडिंग की भी परवाह नहीं करते. आज कल बरसात का मौसम है और ऐसे समय बसों में ओवरलोडिंग खतरनाक हो सकती है. इसलिए प्रदेश सरकार को इस समस्या की ओर ध्यान देना अति जरूरी है.

हमीरपुर: प्रशासन की सख्ती और भयंकर सड़क हादसों के बावजूद प्रदेश में ओवरलोडिंग नहीं रुक रही. ओवरलोडिंग के अधिकतर मामले निजी बसों के सामने आ रहे हैं. बड़े हादसे के बावजूद भी निजी बस ऑपरेटर या चालक सबक नहीं ले रहे.

जिला हमीरपुर के उपमंडल बड़सर में ओवरलोडिंग धड़ल्ले से चल रही है. ओवरलोडिंग पर पूरी तरह से प्रतिबंध होने के बाद भी बस चालक अपनी बसों में क्षमता से अधिक संवारियों को चढ़ाते हैं. यहां खुलेआम सरकारी नियमों की बस चालकों कंडक्टरों द्वारा धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.

वीडियो.

गलती केवल बस चालकों की नहीं है इसमें आम लोग भी उनका पूरा साथ देते हैं. लोग अकसर ऐसी बसों में चढ़ते हैं जिसमें सवारी बिठाने की क्षमता नहीं होती और बस वाले भी उन्हें चढ़ा लेते हैं. ऐसे में वे अपनी जान जोखिम में डाल सफर कर रहे हैं.

प्रदेश सरकार द्वारा 20 जून को हुए बंजार बस हादसे के बाद ओवरलोडिंग को लेकर सख्ती दिखाई गई थी, लेकिन समय बीतने के साथ ये सख्ती अब हवा हो गई है. फिर से बसों में ओवरलोडिंग का सिलसिला शुरू हो गया. आपको बता दें कि बजांर में भी ओवरलोड़िंग की वजह से हुए हादसे ने 46 लोगों की जिंदगी लील ली थी.

लोगों को नहीं मिल पा रही बेहतर सरकार सुविधाएं
गलती केवल निजी बस चालकों, ऑपरेटरों या फिर आम लोगों की ही नहीं है. लोगों को ओवरलोडिंग मजबूरी की वजह से करनी पड़ती है. हिमाचल में अभी भी बंजार जैसे कई ऐसे इलाके हैं जहां प्रदेश परिवहन निगम की एक या दो बसों से अधिक नहीं जाती जबकि वहां आबादी हजारों की है.

ऐसे में लोग अपने क्षेत्र में चलने वाली निजी बसों का सहारा लेते हैं. समय पर घर पहुंचने के लिए लोग ओवरलोडिंग की भी परवाह नहीं करते. आज कल बरसात का मौसम है और ऐसे समय बसों में ओवरलोडिंग खतरनाक हो सकती है. इसलिए प्रदेश सरकार को इस समस्या की ओर ध्यान देना अति जरूरी है.

Intro:

ओवरलोडिंग पर पूरी तरह से प्रबंध के बावजूद उपमंडल बड़सर की सड़कों पर कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है लगभग हर दूसरी तीसरी बस में क्षमता से दुगनी सवारियां बिठाकर दुर्घटनाओं को न्योता दिया जा रहा है कुछ दिनों पहले हुई सड़क दुर्घटना के बाद प्रदेश सरकार व पुलिस प्रशासन ने ओवरलोडिंग काफी सख्ती दिखाई थी उसके बाद भी प्राइवेट बसों में ओवरलोडिंग हो रही है
Body:रवि ठाकुर बड़सरConclusion:
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