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सैंकड़ों युवा हाथों से तिरंगा लहरा आशीष शर्मा ने कमल और हाथ को दी बड़ी चुनौती, सियासी गलियारों में चर्चाएं शुरू

Ashish Sharma in Hamirpur, करीब दो माह पहले चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके आशीष शर्मा का झुकाव भाजपा की ओर ही माना जाता है. इस युवा नेता ने सैंकड़ों युवाओं की भीड़ जुटाकर चुनावी मौसम में कांग्रेस और भाजपा दोनों को चुनौती दे दी है.

Ashish Sharma in Hamirpur
प्रदेश गौ सेवा आयोग सदस्य एवं युवा नेता आशीष शर्मा
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Published : Aug 15, 2022, 9:25 PM IST

हमीरपुर: वीरभूमि हमीरपुर में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारी भीड़ जुटाकर प्रदेश गौ सेवा आयोग सदस्य एवं युवा नेता आशीष शर्मा ने तिरंगा लहरा कर कमल और हाथ दोनों को ही बड़ी चुनौती पेश कर दी है. करीब दो माह पहले चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके आशीष शर्मा का झुकाव भाजपा की ओर ही माना जाता है. इस युवा नेता ने सैंकड़ों युवाओं की भीड़ जुटाकर चुनावी मौसम में कांग्रेस और भाजपा दोनों को चुनौती दे दी है. हमीरपुर जिले को वीर भूमि के नाम से जाना जाता है. जिले के हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र में भी सैनिक और पूर्व सैनिक परिवारों की संख्या अधिक है. सैनिक बहुल परिवारों वाले क्षेत्र में आशीष शर्मा ने युवाओं की भीड़ को जुटा कर युवा वर्ग पर अपनी पकड़ को सियासी तौर पर दर्शा दिया है. दरअसल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर युवाओं के मिलकर निकाली गई इस तिरंगा यात्रा की बाजार में भी खूब चर्चा हो रही है.

प्रदेश में प्रस्तावित विधानसभा चुनावों से महज चंद माह (Ashish Sharma in Hamirpur) पहले निकाली गई इस तिरंगा यात्रा को सियासत सियासत में रुचि रखने वाले लोग हमीरपुर की राजनीति का बड़ा घटनाक्रम भी मान रहे है. गौरतलब है कि हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा और कांग्रेस से टिकट के तलबगारों की सूची लंबी है लेकिन ऐसे चंद ही चेहरे है जो बिना पार्टी टिकट की चाह लिए चुनावी मैदान में है. ऐसे में आशीष शर्मा की यह चुनौती दोनों कांग्रेस और भाजपा के लिए बड़ी सियासी उलझन मानी जा रही है. नए चेहरों पर दांव चलने के दावे दोनों कांग्रेस और भाजपा हाईकमान की तरफ से किए जा चुके है. ऐसे में इन दावों की दृष्टिगत युवा चेहरों की इन दावेदारियां को कम नहीं आंका जा सकता है.

वीडियो.

भाजपा के अनुभवी और युवा चेहरे मैदान में रोचक भी सियासी जंग: हमीरपुर में भाजपा में फिलहाल बड़े फेरबदल देखने को मिले हैं. कुछ दिन पहले ही कांग्रेस को छोड़ पूर्व विधायक उर्मिल ठाकुर ने भाजपा में वापसी की है. ऐसे में राजनीति में कुछ भी स्थिर और स्थायी नहीं है यह तो तय माना जा रहा है. भाजपा आने वाले समय में हमीरपुर विस क्षेत्र में क्या रूख अपनाती है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा. वर्तमान में यहां से भाजपा विधायक नरेंद्र ठाकुर हैं. नरेंद्र ठाकुर की भाभी उर्मिल ठाकुर कुछ दिन पहले ही भाजपा में लौटी हैं. उर्मिल भी पिछले दो दिनों से लगातार सार्वजनिक कार्यक्रमों में दिख रही हैं. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि इस बार युवा चेहरों और अनुभवी और पुराने चेहरों की सियासी जंग हमीरपुर में पार्टी टिकट के साथ ही चुनावी रण में देखने को मिलेगी.

Ashish Sharma in Hamirpur
प्रदेश गौ सेवा आयोग सदस्य एवं युवा नेता आशीष शर्मा

एक दूसरे दलों की प्रत्याशियों पर नजरें: कांग्रेस के हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र (politics of hamirpur) में यही हाल हैं. कांग्रेस से भी कईं युवा चेहरे इस बार मैदान में है. दोनों ही दलों से पार्टी टिकट के उम्मीदवारों का चयन बेहद रोचक होगा. दोनों ही दल इस पशोपेश में ही है कि यदि कोई भी दल युवा चेहरे को मौका देता है तो दूसरा दल भी उसी रणनीति के हिसाब से प्रत्याशी मैदान में उतारेगा. ऐसे में जिलेभर में हमीरपुर विस क्षेत्र की सीट को रोचक माना जा रहा है. इस सीट पर कांग्रेस के अनुभवी और युवा चेहरे टिकट की दौड़ में है. दोनों ही दलों भाजपा और कांग्रेस में टिकट के चाहवानों की लंबी सूची के चलते टिकट आवंटन की उलझन को लेकर एक जैसे हालात दिख रहे है. बहरहाल यह तो तय है कि हमीरपुर विस क्षेत्र से इस बार मुकाबला आमने सामने का नहीं बल्कि कईं चेहरों के बीच हो सकता है.

ये भी पढ़ें- Himachal Seat Scan द्रंग विधानसभा सीट पर रहा है कौल सिंह ठाकुर का दबदबा, जानिए इस साल चुनावी समीकरण

हमीरपुर: वीरभूमि हमीरपुर में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारी भीड़ जुटाकर प्रदेश गौ सेवा आयोग सदस्य एवं युवा नेता आशीष शर्मा ने तिरंगा लहरा कर कमल और हाथ दोनों को ही बड़ी चुनौती पेश कर दी है. करीब दो माह पहले चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके आशीष शर्मा का झुकाव भाजपा की ओर ही माना जाता है. इस युवा नेता ने सैंकड़ों युवाओं की भीड़ जुटाकर चुनावी मौसम में कांग्रेस और भाजपा दोनों को चुनौती दे दी है. हमीरपुर जिले को वीर भूमि के नाम से जाना जाता है. जिले के हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र में भी सैनिक और पूर्व सैनिक परिवारों की संख्या अधिक है. सैनिक बहुल परिवारों वाले क्षेत्र में आशीष शर्मा ने युवाओं की भीड़ को जुटा कर युवा वर्ग पर अपनी पकड़ को सियासी तौर पर दर्शा दिया है. दरअसल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर युवाओं के मिलकर निकाली गई इस तिरंगा यात्रा की बाजार में भी खूब चर्चा हो रही है.

प्रदेश में प्रस्तावित विधानसभा चुनावों से महज चंद माह (Ashish Sharma in Hamirpur) पहले निकाली गई इस तिरंगा यात्रा को सियासत सियासत में रुचि रखने वाले लोग हमीरपुर की राजनीति का बड़ा घटनाक्रम भी मान रहे है. गौरतलब है कि हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा और कांग्रेस से टिकट के तलबगारों की सूची लंबी है लेकिन ऐसे चंद ही चेहरे है जो बिना पार्टी टिकट की चाह लिए चुनावी मैदान में है. ऐसे में आशीष शर्मा की यह चुनौती दोनों कांग्रेस और भाजपा के लिए बड़ी सियासी उलझन मानी जा रही है. नए चेहरों पर दांव चलने के दावे दोनों कांग्रेस और भाजपा हाईकमान की तरफ से किए जा चुके है. ऐसे में इन दावों की दृष्टिगत युवा चेहरों की इन दावेदारियां को कम नहीं आंका जा सकता है.

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भाजपा के अनुभवी और युवा चेहरे मैदान में रोचक भी सियासी जंग: हमीरपुर में भाजपा में फिलहाल बड़े फेरबदल देखने को मिले हैं. कुछ दिन पहले ही कांग्रेस को छोड़ पूर्व विधायक उर्मिल ठाकुर ने भाजपा में वापसी की है. ऐसे में राजनीति में कुछ भी स्थिर और स्थायी नहीं है यह तो तय माना जा रहा है. भाजपा आने वाले समय में हमीरपुर विस क्षेत्र में क्या रूख अपनाती है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा. वर्तमान में यहां से भाजपा विधायक नरेंद्र ठाकुर हैं. नरेंद्र ठाकुर की भाभी उर्मिल ठाकुर कुछ दिन पहले ही भाजपा में लौटी हैं. उर्मिल भी पिछले दो दिनों से लगातार सार्वजनिक कार्यक्रमों में दिख रही हैं. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि इस बार युवा चेहरों और अनुभवी और पुराने चेहरों की सियासी जंग हमीरपुर में पार्टी टिकट के साथ ही चुनावी रण में देखने को मिलेगी.

Ashish Sharma in Hamirpur
प्रदेश गौ सेवा आयोग सदस्य एवं युवा नेता आशीष शर्मा

एक दूसरे दलों की प्रत्याशियों पर नजरें: कांग्रेस के हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र (politics of hamirpur) में यही हाल हैं. कांग्रेस से भी कईं युवा चेहरे इस बार मैदान में है. दोनों ही दलों से पार्टी टिकट के उम्मीदवारों का चयन बेहद रोचक होगा. दोनों ही दल इस पशोपेश में ही है कि यदि कोई भी दल युवा चेहरे को मौका देता है तो दूसरा दल भी उसी रणनीति के हिसाब से प्रत्याशी मैदान में उतारेगा. ऐसे में जिलेभर में हमीरपुर विस क्षेत्र की सीट को रोचक माना जा रहा है. इस सीट पर कांग्रेस के अनुभवी और युवा चेहरे टिकट की दौड़ में है. दोनों ही दलों भाजपा और कांग्रेस में टिकट के चाहवानों की लंबी सूची के चलते टिकट आवंटन की उलझन को लेकर एक जैसे हालात दिख रहे है. बहरहाल यह तो तय है कि हमीरपुर विस क्षेत्र से इस बार मुकाबला आमने सामने का नहीं बल्कि कईं चेहरों के बीच हो सकता है.

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