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नसबंदी के बावजूद घर में पैदा हो गई चौथी संतान, 19 वर्ष बाद कंज्यूमर फोरम में शिकायत, जानिए पूरा मामला - कंज्यूमर फोरम में शिकायत

उपभोक्ता संरक्षण फोरम हमीरपुर (Consumer Protection Forum Hamirpur) ने नसबंदी के बावजूद बच्चा पैदा (After sterilization woman gave birth to fourth child) होने पर स्वास्थ्य विभाग पर किए गए याचिकाकर्ता के दावे को खारिज कर दिया है. बच्चा पैदा होने के 19 साल साल बाद बच्चे के पिता ने स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ फोरम में फोरम में यह शिकायत दर्ज करवाई थी. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि नसबंदी के इस ऑपरेशन के दौरान मरीज और परिजनों से भी दस्तावेज पर हस्ताक्षर लिए जाते हैं, जिसमें यह स्पष्ट होता है कि इस तरह के ऑपरेशन कई बार असफल भी हो जाते हैं.

After sterilization woman gave birth to fourth child in Hamirpur
नसबंदी के बावजूद घर में पैदा हो गई चौथी संतान.
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Published : Apr 7, 2022, 10:13 PM IST

हमीरपुर: जिला उपभोक्ता संरक्षण फोरम हमीरपुर ने नसबंदी के बावजूद बच्चा पैदा (After sterilization woman gave birth to fourth child) होने पर स्वास्थ्य विभाग पर किए गए याचिकाकर्ता के दावे को खारिज कर दिया है. बच्चा पैदा होने के 19 साल साल बाद बच्चे के पिता ने स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ फोरम में फोरम में यह शिकायत दर्ज करवाई थी. रोचक बात यह है कि लगभग एक दशक पहले बच्चे को जन्म देने वाली मां की भी मौत हो चुकी है और उसके बाद पिता ने स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ यह शिकायत दर्ज करवाई थी.

मामले में फोरम ने प्रदेश स्वास्थ्य विभाग को राहत देते हुए यह फैसला (filed a complaint in consumer forum) सुनाया है. याचिकाकर्ता और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों दलीलों के बाद जिला उपभोक्ता संरक्षण फोरम हमीरपुर के अध्यक्ष न्यायधीश भुवनेश गुप्ता, सदस्य सुशील शर्मा और स्नेह लता ने इस मामले में सुनवाई की है.

filed a complaint in consumer forum
शिकायत पत्र.

मामला जिला हमीरपुर के नादौन उपमंडल का है. यहां के होशियार सिंह निवासी कलां ने उपभोक्ता संरक्षण फोरम में शिकायत (complaint in consumer forum) दर्ज करवाई थी कि उसने 4 अप्रैल 1994 को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नादौन (Community Health Center Nadaun) में अपनी पत्नी कृष्णा देवी की नसबंदी करवाई थी बावजूद उसके करीब 5 साल बाद 23 सितंबर 1999 को उनके घर में एक बेटी का जन्म हुआ. होशियार सिंह का आरोप था कि ऑपरेशन में कोताही के कारण उनके घर में चौथी संतान पैदा हो गई. इसके कुछ समय के बाद उनकी पत्नी की मौत हो गई.

7 अगस्त 2018 में याचिकाकर्ता ने इस मामले में उपभोक्ता संरक्षण फोरम हमीरपुर में शिकायत दर्ज करवाई. याचिकाकर्ता ने इस मामले में सीएमओ हमीरपुर और प्रदेश स्वास्थ्य विभाग, खंड चिकित्सा अधिकारी नादौन और डॉ आर एस धीमान को वादी बनाया था, जिसके बाद सुनवाई के दौरान स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया कि नसबंदी के ऑपरेशन के दौरान यह संभावना रहती है कि यह 100 फीसदी सफल ना हो. स्वास्थ्य विभाग ने तर्क दिया कि लेप्रोस्कोपी अध्ययन में कई बार इस तरह के नसबंदी के ऑपरेशन असफल होने की संभावना बनी हैं.

वहीं, इस मामले में स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि नसबंदी के इस ऑपरेशन के दौरान मरीज और परिजनों से भी दस्तावेज पर हस्ताक्षर लिए जाते हैं, जिसमें यह स्पष्ट होता है कि इस तरह के ऑपरेशन कई बार असफल भी हो जाते हैं. होशियार सिंह और उनकी पत्नी से भी इस तरह का दस्तावेज ऑपरेशन के वक्त साइन करवाया गया था.

हमीरपुर: जिला उपभोक्ता संरक्षण फोरम हमीरपुर ने नसबंदी के बावजूद बच्चा पैदा (After sterilization woman gave birth to fourth child) होने पर स्वास्थ्य विभाग पर किए गए याचिकाकर्ता के दावे को खारिज कर दिया है. बच्चा पैदा होने के 19 साल साल बाद बच्चे के पिता ने स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ फोरम में फोरम में यह शिकायत दर्ज करवाई थी. रोचक बात यह है कि लगभग एक दशक पहले बच्चे को जन्म देने वाली मां की भी मौत हो चुकी है और उसके बाद पिता ने स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ यह शिकायत दर्ज करवाई थी.

मामले में फोरम ने प्रदेश स्वास्थ्य विभाग को राहत देते हुए यह फैसला (filed a complaint in consumer forum) सुनाया है. याचिकाकर्ता और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों दलीलों के बाद जिला उपभोक्ता संरक्षण फोरम हमीरपुर के अध्यक्ष न्यायधीश भुवनेश गुप्ता, सदस्य सुशील शर्मा और स्नेह लता ने इस मामले में सुनवाई की है.

filed a complaint in consumer forum
शिकायत पत्र.

मामला जिला हमीरपुर के नादौन उपमंडल का है. यहां के होशियार सिंह निवासी कलां ने उपभोक्ता संरक्षण फोरम में शिकायत (complaint in consumer forum) दर्ज करवाई थी कि उसने 4 अप्रैल 1994 को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नादौन (Community Health Center Nadaun) में अपनी पत्नी कृष्णा देवी की नसबंदी करवाई थी बावजूद उसके करीब 5 साल बाद 23 सितंबर 1999 को उनके घर में एक बेटी का जन्म हुआ. होशियार सिंह का आरोप था कि ऑपरेशन में कोताही के कारण उनके घर में चौथी संतान पैदा हो गई. इसके कुछ समय के बाद उनकी पत्नी की मौत हो गई.

7 अगस्त 2018 में याचिकाकर्ता ने इस मामले में उपभोक्ता संरक्षण फोरम हमीरपुर में शिकायत दर्ज करवाई. याचिकाकर्ता ने इस मामले में सीएमओ हमीरपुर और प्रदेश स्वास्थ्य विभाग, खंड चिकित्सा अधिकारी नादौन और डॉ आर एस धीमान को वादी बनाया था, जिसके बाद सुनवाई के दौरान स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया कि नसबंदी के ऑपरेशन के दौरान यह संभावना रहती है कि यह 100 फीसदी सफल ना हो. स्वास्थ्य विभाग ने तर्क दिया कि लेप्रोस्कोपी अध्ययन में कई बार इस तरह के नसबंदी के ऑपरेशन असफल होने की संभावना बनी हैं.

वहीं, इस मामले में स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि नसबंदी के इस ऑपरेशन के दौरान मरीज और परिजनों से भी दस्तावेज पर हस्ताक्षर लिए जाते हैं, जिसमें यह स्पष्ट होता है कि इस तरह के ऑपरेशन कई बार असफल भी हो जाते हैं. होशियार सिंह और उनकी पत्नी से भी इस तरह का दस्तावेज ऑपरेशन के वक्त साइन करवाया गया था.

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