कांगड़ा: तिब्बती समुदाय के विभिन्न संगठनों ने चीन में मानवाधिकारों के मुद्दे पर 2022 बीजिंग ओलंपिक खेलों का बहिष्कार किया है. बता दें कि तिब्बती पिछले कुछ महीनों से उइगर, तिब्बती और हांगकांग के कार्यकर्ता दुनिया भर में विरोध प्रदर्शन कर बीजिंग ओलंपिक (Tibetan community boycott Beijing Olympic) के पूर्ण बहिष्कार का आह्वान कर रहे थे.
मंगलवार को धर्मशाला के मैक्लोडगंज में तिब्बती युवा कांग्रेस, तिब्बती महिला संघ, तिब्बत की राष्ट्रीय जनतांत्रिक पार्टी, तिब्बत का गु-चू-सम मूवमेंट संघ व स्टूडेंट फॉर फ्री तिब्बत आदि संस्थाओं ने अगले साल होने वाले बीजिंग शीतकालीन खेलों के आयोजन को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के प्रमुख कॉर्पोरेट प्रायोजकों को चीन में मानवाधिकारों के हनन को लेकर अपनी जवाबदेही तय करनी होगी.
इन संगठनों ने कहा कि प्रायोजकों को 2022 बीजिंग शीतकालीन खेलों सहित सभी ओलंपिक संचालन और आयोजनों में किसी भी प्रतिकूल मानवाधिकार प्रभावों की पहचान करने, रोकने, कम करने लिए मानवाधिकार नीति अपनाने के लिए दबाव डालना चाहिए संगठनों के सदस्यों का कहना था कि चीनी सरकार ने शिनजियांग में उइगर और अन्य तुर्क मुसलमानों के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराध किए हैं.
हांगकांग में दमन को बढ़ाया है, मीडिया पर कड़ा नियंत्रण किया है और बड़े पैमाने पर निगरानी तैनात की है. तिब्बती महिलाओं ने कहा कि बीजिंग 2022 शीतकालीन ओलंपिक खेलों को लेकर में कॉर्पोरेट प्रायोजक चुप हैं कि वे चीन के भयावह मानवाधिकार रिकॉर्ड को संबोधित करने के लिए अपने प्रभाव का उपयोग कैसे करेंगे वे सेंसरशिप और दमन से दागी ओलंपिक से जुड़ने के बजाय मानवाधिकार मानकों और जोखिम के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाने का अवसर गंवा रहे हैं.
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