धर्मशाला: केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (Central Tibetan Administration) के राष्ट्रपति पेनपा त्सेरिंग (Tibet President Penpa Tsering) ने डीआईआईआर के लखपा त्सेरिंग सभागार में डलहौजी तिब्बती बस्ती के बुजुर्गों और युवाओं के एक समूह से मुलाकात की और उन्हें संबोधित किया. समूह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति पेनपा त्सेरिंग ने डलहौजी के आगंतुकों को तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा और शाक्य आध्यात्मिक शिक्षकों दोनों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए धन्य और भाग्यशाली बताया.
पेनपा त्सेरिंग ने कहा कि वृद्धावस्था किसी के जीवन का सबसे चुनौतीपूर्ण चरण है और तिब्बती लोगों की सबसे कमजोर अवस्था में बड़ी पीढ़ी की देखभाल करने के लिए सीटीए की प्रतिबद्ध है. उन्होंने समझाया कि निर्वासन जनसांख्यिकी में बदलाव और तिब्बतियों के निर्वासन में आने के कारण तिब्बती स्कूलों में छात्रों की संख्या में भारी कमी आई है. उन्होंने दलाईलामा के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए पूरे दिल से काम करने का भी वादा किया.
दलाई लामा के बारे में बोलते हुए राष्ट्रपति पेनपा त्सेरिंग (Penpa Tsering on Dalai Lama) ने कहा कि कई निर्वासित समुदाय हमसे बड़े हैं. हालांकि हमारे निर्वासित तिब्बती समुदाय ने दलाईलामा के मार्गदर्शन और नेतृत्व के कारण छह दशकों से अधिक समय तक हमारे संघर्ष को मजबूती से बनाए रखा है. इसलिए हमें दलाईलामा की परोपकारिता को हमेशा याद रखना चाहिए. इस मौके पर पेनपा त्सेरिंग ने सभा में इस समुदाय के निर्माण में श्रद्धेय उच्च लामाओं और बुजुर्गों के योगदान का उल्लेख करते हुए युवाओं से वृद्ध जनों की देखभाल करने का भी आग्रह किया.