धर्मशाला: तिब्बत के राष्ट्रपति पेनपा सेरिंग (Tibet President Penpa Tsering)ने तिब्बत के संसदीय प्रशिक्षुओं के साथ अपनी बैठक के बाद ओटावा में तिब्बती समुदाय को संबोधित (Tibet President Penpa Tsering addresses the Tibetan community)किया. ओटावा के स्थानीय तिब्बती समुदाय को संबोधित करने के दौरान तिब्बत के राष्ट्रपति पेनपा के साथ ज़ीक्याब रिनपोछे और प्रतिनिधि नामग्याल चोएडुप भी मुख्य रूप से उपस्थित रहे.अपने संबोधन में पेनपा सेरिंग ने ताशी ल्हुनपो मठ के मठाधीश ज़ीक्याब रिनपोछे का परिचय दिया और 11वें पंचेन लामा गेधुन चोएक्यी न्यिमा के मुद्दे पर प्रकाश डाला.
तिब्बती आबादी के महत्व पर जोर: 1995 में धर्मगुरु दलाई लामा द्वारा उनकी मान्यता के बाद चीनी पुलिस उन्हें और उनके परिवार को हिरासत में लिए जाने के बाद से लापता हैं. पेनपा सेरिंग ने तिब्बती मुद्दे के प्रति (सीटीए) केंद्रीय तिब्बती प्रशासन की प्रतिबद्धता के बारे में भी बताया. एक मजबूत प्रशासन बनाए रखने की कुंजी के रूप में पारदर्शिता और दक्षता पर जोर दिया. उन्होंने निर्वासित समुदाय में घटती जन्म दर को भी नोट किया. तिब्बती बस्तियों और स्कूलों के निर्वाह को सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत तिब्बती आबादी होने के महत्व पर जोर दिया.
धर्मशाला का भी जिक्र: पेनपा सेरिंग ने तिब्बती जनता से तिब्बती आंदोलन और केंद्रीय तिब्बती प्रशासन को मजबूत करने के लिए हर संभव तरीके से योगदान करने का भी आग्रह किया. उन्होंने कहा कि तिब्बती आंदोलन को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय स्तर पर काम करते हुए तिब्बतियों को धर्मशाला में तिब्बती प्रशासन को अपना बड़ा घर मानना चाहिए.
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