धर्मशाला: धर्मशाला नगर निगम द्वारा सोमवार को बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें सभी पार्षदों सहित धर्मशाला के विधायक विशाल नेहरिया ने भी भाग लिया. बैठक के (MC Dharamshala meeting) दौरान धर्मशाला शहर में अधूरे पड़े विकास कार्यों पर पार्षदों ने खूब हंगामा किया. पार्षदों का कहना था कि कई ठेकेदारों को काम अवार्ड कर दिए गए हैं, लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हो सका है.
पार्षदों ने शहर में चल रहे विभिन्न विकास कार्यों को (Development work in Dharamshala) गति देने, सफाई व्यवस्था और स्ट्रीट लाइटों को ठीक करने की मांग की. वहीं, बैठक में यह प्रस्ताव भी पारित किया गया कि विकास कार्यों के मामले में भविष्य में एक ठेकेदार को दो से अधिक काम नहीं दिए जाएंगे. वहीं, जो ठेकेदार काम में कोताही बरतेगा उन पर नियमानुसार कार्रवाई अम्ल में लाई जाएगी.
बैठक में महापौर ओंकार नैहरिया ने शहर में बढ़ रहे अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए. उन्होंने साफ हिदायत जारी करते हुए कहा कि मैक्लोडगंज, कोतवाली, कचहरी सहित अन्य स्थानों पर बढ़ रहे अतिक्रमण को रोका जाए. इसके लिए बकायदा कनिष्ठ अभियंताओं की टीम का भी गठन किया गया. अब ये टीम रोजाना अतिक्रमण करने वालों पर कार्रवाई करेगी और नगर निगम को रिपोर्ट भी प्रस्तुत करेगी.
ये प्रस्ताव भी किए पारित- आमसभा की बैठक में (MC Dharamshala meeting) मुख्यमंत्री शहरी आजीविका मिशन गारंटी योजना के तहत प्रदेश सरकार बजट मुहैया करवाए इसके लिए भी प्रस्ताव पारित किया गया. पार्षदों ने बैठक में साफ किया कि योजना के तहत बजट न आने से कई शहरवासियों को घर द्वार मिलने वाला रोजगार छिन गया है, तो साथ ही इससे शहर के विकास कार्य भी प्रभावित हुए हैं. शहर के विकास कार्य प्रभावित न हो इसके लिए सरकार जल्द बजट दे.
मांग पूरी करने पर जताया आभार- आमसभा में सभी पार्षदों ने धन्यावाद प्रस्ताव भी पारित किया. जिसमें साफ किया गया है कि चार माह पहले निगम ने प्रस्ताव पारित किया था कि वार्षिक आय को 35 हजार से बढ़ाया जाए. सरकार की ओर से वार्षिक आय को 35 हजार से बढ़ाकर 50 हजार किए जाने पर धन्यावाद प्रस्ताव पारित किया गया.
मर्ज क्षेत्रों की कूहलों के लिए सरकार दे विशेष बज- मर्ज क्षेत्रों की कूहलों के जीर्णोद्धार के लिए भी आमसभा ने प्रस्ताव पारित कर विशेष बजट प्रदेश सरकार से मांगा है. इस संबंध में बकायदा सकोह की पार्षद ने मामला उठाया जिस पर पूर्व महापौर जग्गी सहित उप महापौर सर्व चंद गलोटिया और अन्य पार्षदों ने भी समर्थन किया. जिसके बाद बकायदा प्रस्ताव पारित किया गया.
हटाए जाएं होर्डिंग्स, चुनिंदा स्थानों में दी जाए स्वीकृति- बैठक में पूर्व महापौर एवं पार्षद देवेंद्र जग्गी ने मामला उठाया कि उनके कार्यकाल में लिए गए फैसले के मुताबिक कानून को लागू किया जाए और केवल चिन्हित स्थानों पर होर्डिंग्स की स्वीकृति दी जाए. इससे निगम का राजस्व भी बढ़ेगा. जिसका सभी ने समर्थन किया और प्रस्ताव पारित किया गया.
ये भी पढ़ें: Union Budget 2022: हिमाचल के फार्मा सेक्टर को बजट से है ढेरों उम्मीदें, जानिए आखिर क्या है इनकी मांग