कांगड़ा: जहां चाह वहां राह. यह कहावत एक नहीं, बल्कि कई लोगों ने सिद्ध करके दिखाई है, क्योंकि जो मन में कुछ करने का जज्बा रखते हैं वह अकसर कुछ न कुछ बन ही जाते हैं. ऐसे ही थुरल खास के सुमित राणा ने कर दिखाया है. सुमित राणा को बचपन से ही शौक था कि वे भारतीय सेना में (Sumit Rana became lieutenant in the Indian Army) अपनी सेवाएं दें. उन्होंने इस फैसले को बरकरार रखा और 11 दिसंबर को भारतीय सेना अकादमी देहरादून (IMA PASSING OUT PARADE IN DEHRADUN) से पास आउट होकर भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर शामिल हुए हैं.
सुमित की इस कामयाबी ने पूरे इलाके का नाम रोशन किया है. जिससे सारे इलाके में खुशी की लहर है. सुमित राणा ने अपनी जमा दो की पढ़ाई माउंट कार्मेल स्कूल पालमपुर से की है. इसके बाद सुमित राणा का चयन एनडीए में हुआ था और 4 साल बाद अपनी कठिन ट्रेनिंग करने के बाद भारतीय सेना में शामिल हुए हैं.
सुमित राणा अपनी सेवाए फॉर कुमाऊं रेजीमेंट में देंगे. सुमित राणा के दादा जगदीश चंद्र राणा ऑनरी कैप्टन 12 डोगरा में अपनी सेवाएं दे चुके हैं और उनके पिता चरणजीत सिंह भी ऑनरी कैप्टन 11 डोगरा में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. माता सीमा राणा गृहणी हैं. वहीं, सुमित राणा ने अपनी कामयाबी का सारा श्रेय अपने गांव वालों अपने बड़े बुजुर्गों और गुरुजनों को दिया है. थुरल खास प्रधान चंद्रेश गौतम ने सुमित राणा और उनके परिवार को शुभकामनाएं दी हैं. वहीं, प्रधान पति राजेश गौतम ने बताया कि सुमित के पिता चरणजीत सिंह ने बताया है कि 13 दिसंबर को सुमित राणा गांव पहुंचेंगे. जहां उनका स्वागत किया जाएगा और वे सभी लोगों का आशीर्वाद लेंगे.
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