धर्मशाला: पिछले वर्षों के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या निरंतर कम होती जा रही है. शिक्षा का व्यापारीकरण भविष्य के लिए चिंता का कारण बन सकता है. शिक्षा व्यापारीकरण नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण के लिए होनी चाहिए. यह बात उत्तराखंड राइट टू एजुकेशन फोरम के प्रदेशाध्यक्ष रघु तिवारी ने डीआरडीए सभागार धर्मशाला में नई शिक्षा नीति पर आयोजित राज्य स्तरीय संगोष्ठी में शिरकत करते हुए कही.
संगोष्ठी में उपनिदेशक प्रारंभिक शिक्षा कांगड़ा राज कुमार शर्मा ने कहा कि अध्यापक को शिक्षा के अलावा अन्य कार्यों में नहीं लगाया जाना चाहिए, जिससे कि शिक्षक मात्र शिक्षा देने का ही कार्य करें और शिक्षा क्षेत्र में गुणात्मक सुधार लाया जा सके.
राइट टू एजुकेशन फोरम की प्रदेश संयोजिका आत्रेयी सेन ने कहा कि प्रदेश की शिक्षा का स्तर अन्य राज्यों की अपेक्षा बेहतर है, लेकिन अभी भी और विभिन्न पहलुओं पर नजर दौड़ाएं तो कहीं न कहीं सुधार की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि सरकारी विद्यालयों में बच्चों के साथ शिक्षकों की संख्या भी कम हो रही है.
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