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चेक बाउंस के दोषी को 6 माह कारावास व 80 हजार जुर्माना, CJM कोर्ट ने सुनाई सजा

धर्मशाला मुख्य न्याय दंडाधिकारी ने चेक देने एवं चेक बाउंस मामले के आरोपी को अपने मकान मालिक के खिलाफ दोष सिद्ध होने पर कुल 80 हजार रुपये जुर्माना और छह माह कारावास की सजा सुनाई है.

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Published : Aug 30, 2019, 10:49 AM IST

धर्मशालाः मुख्य न्याय दंडाधिकारी धर्मशाला ने चेक देने एवं चेक बाउंस मामले के आरोपी के खिलाफ दोष सिद्ध होने पर कुल 80 हजार रुपये जुर्माना व छह माह कारावास की सजा सुनाई है. पपरोला निवासी प्रवीण चौधरी को मकान मालिक अपने खाली बैंक खाते के दो चेक देने पर ये सजा सुनाई गई है. दोनों मामलों में जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतान होगा.


जानकारी के मुताबिक पपरोला निवासी प्रवीन कुमार, सकोह के इंशात गुलेरिया की सिविल लाइन धर्मशाला स्थित दुकानों में अपने व्यवसाय चलाता था. इस दौरान दुकानों का प्रतिमाह 8500 रुपये किराया तय किया गया था. 2010 से लेकर 2015 तक प्रवीण कुमार ने किराया नहीं दिया और फरवरी माह में वो यहां से चला गया.


इसके बाद इशांत गुलेरिया ने 6 मई 2015 को बैजनाथ में उससे पैसे मांगे तो प्रवीण ने मकान मालिक के खिलाफ बैजनाथ थाना में शिकायत दर्ज करवा दी. शिकायत के बाद 7 व 8 मई को लगातार थाने में पूछताछ के बाद 8 मई को दोनों पक्षों में समझौता करवाते हुए एग्रीमेंट किया गया कि प्रवीण चौधरी 40 हजार रुपये देगा.


एग्रीमेंट के मुताबिक पहली जुलाई 2015 को प्रवीण ने एचडीएफसी बैंक का 20 हजार रुपये का चेक दिया. जैसे ही इशांत ने चेक लगाया तो चेक बाउंस हो गया. इसके बाद 1 दिसंबर 2015 को दिए गए 20 हजार रुपये का चेक भी बाउंस हो गया. ये चेक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का उसके अपने खाते का था.


दोनों चेक को लेकर केस सीजेएम कोर्ट में केस पहुंचा. जिसकी कार्रवाई के दौरान प्रवीन चौधरी पर लगे आरोप सिद्ध होने पर न्यायालय ने दोनों मामलों में उसे कुल 80 हजार रुपये असल एवं जुर्माना और छह माह कैद की सजा सुनाई है.

ये भी पढ़ें- वायरल वीडियो: सिरमौर में बच्चा चोर समझ मानसिक रोगी को किया लहुलूहान

धर्मशालाः मुख्य न्याय दंडाधिकारी धर्मशाला ने चेक देने एवं चेक बाउंस मामले के आरोपी के खिलाफ दोष सिद्ध होने पर कुल 80 हजार रुपये जुर्माना व छह माह कारावास की सजा सुनाई है. पपरोला निवासी प्रवीण चौधरी को मकान मालिक अपने खाली बैंक खाते के दो चेक देने पर ये सजा सुनाई गई है. दोनों मामलों में जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतान होगा.


जानकारी के मुताबिक पपरोला निवासी प्रवीन कुमार, सकोह के इंशात गुलेरिया की सिविल लाइन धर्मशाला स्थित दुकानों में अपने व्यवसाय चलाता था. इस दौरान दुकानों का प्रतिमाह 8500 रुपये किराया तय किया गया था. 2010 से लेकर 2015 तक प्रवीण कुमार ने किराया नहीं दिया और फरवरी माह में वो यहां से चला गया.


इसके बाद इशांत गुलेरिया ने 6 मई 2015 को बैजनाथ में उससे पैसे मांगे तो प्रवीण ने मकान मालिक के खिलाफ बैजनाथ थाना में शिकायत दर्ज करवा दी. शिकायत के बाद 7 व 8 मई को लगातार थाने में पूछताछ के बाद 8 मई को दोनों पक्षों में समझौता करवाते हुए एग्रीमेंट किया गया कि प्रवीण चौधरी 40 हजार रुपये देगा.


एग्रीमेंट के मुताबिक पहली जुलाई 2015 को प्रवीण ने एचडीएफसी बैंक का 20 हजार रुपये का चेक दिया. जैसे ही इशांत ने चेक लगाया तो चेक बाउंस हो गया. इसके बाद 1 दिसंबर 2015 को दिए गए 20 हजार रुपये का चेक भी बाउंस हो गया. ये चेक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का उसके अपने खाते का था.


दोनों चेक को लेकर केस सीजेएम कोर्ट में केस पहुंचा. जिसकी कार्रवाई के दौरान प्रवीन चौधरी पर लगे आरोप सिद्ध होने पर न्यायालय ने दोनों मामलों में उसे कुल 80 हजार रुपये असल एवं जुर्माना और छह माह कैद की सजा सुनाई है.

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Intro:धर्मशाला- मुख्य न्याय दंडाधिकारी धर्मशाला ने मकान मालिक को अपने खाली बैंक खाते के दो चेक देने एवं चेक बाउंस मामले के आरोपी के खिलाफ दोष सिद्ध होने पर पपरोला निवासी प्रवीन चौधरी को दोनों मामलों में कुल 80 हजार रुपये जुर्माना व छह माह कारावास की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतान होगा। जानकारी के मुताबिक पपरोला निवासी प्रवीन कुमार, सकोह के इंशात गुलेरिया की सिविल लाइन धर्मशाला स्थित दुकानों में अपने व्यवसाय चलाता था।




Body:दुकानों का प्रतिमाह 8500 रुपये किराया तय किया था। 2010 से लेकर 2015 तक उसने किराया नहीं दिया और फरवरी माह में वो यहां से चला गया।  इसके बाद इशांत गुलेरिया ने 6 मई 2015 को बैजनाथ में उससे पैसे मांगे तो प्रवीन ने मकान मालिक के खिलाफ बैजनाथ थाना में शिकायत दर्ज करवा दी। शिकायत के बाद 7 व 8 मई को लगातार थाने में पूछताछ के बाद 8 मई को दोनों पक्षों में समझौता करवाते हुए एग्रीमेंट किया गया कि प्रवीन चौधरी 40 हजार रुपये देगा।


 


Conclusion:एग्रीमेंट के मुताबिक पहली जुलाई 2015 को प्रवीन ने एचडीएफसी बैंक का 20 हजार रुपये का चेक दिया। जैसे ही इशांत ने चेक लगाया तो चेक बाउंस हो गया। इसके बाद 1 दिसंबर 2015 को दिए गए 20 हजार रुपये का चेक भी बाउंस हो गया। ये चेक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का उसके अपने खाते का था। दोनों चेकों को लेकर सीजेएम कोर्ट में केस पहुंचा। जिस कार्रवाई के दौरान प्रवीन चौधरी पर लगे आरोप सिद्ध होने पर न्यायालय ने दोनों मामलों में उसे कुल 80 हजार रुपये असल एवं जुर्माना और छह माह कैद की सजा सुनाई है।

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