ETV Bharat / city

प्रशासनिक चूक! 2 सालों से PWD भवन में चल रहा ज्वालामुखी तहसील कार्यालय - कहते एसडीएम ज्वालाजी

ज्वालाजी में बीते 2 सालों से पीडब्ल्यूडी के भवन में ही एसडीएम और तहसील कार्यालय चल रहा है, लेकिन अभी तक प्रशासन इसे अपने अधीन नही करवा पाया है. आलम ये है कि भवन अपने अधीन न होने से सचिवालय व तहसील कार्यालय में बने शौचालयों के बाहर एक महीने से ताला लटका हुआ है.

tehsil office running in the building of PWD
tehsil office running in the building of PWD
author img

By

Published : Dec 22, 2019, 9:44 AM IST

कांगड़ा/ज्वालामुखीः जिला कांगड़ा के ज्वालाजी में बीते 2 सालों से पीडब्ल्यूडी के भवन में ही एसडीएम और तहसील कार्यालय चल रहा है, लेकिन अभी तक प्रशासन इसे अपने अधीन नहीं करवा पाया है. आलम ये है कि भवन अपने अधीन न होने से सचिवालय व तहसील कार्यालय में बने शौचालयों के बाहर एक महीने से ताला लटका हुआ है.

ऐसे में यहां आने वाले आम आदमी सहित स्टॉफ को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बताया जा रहा है की ग्राउंड फ्लोर से अन्य फ्लोर पर स्तिथ एक महिला शोचालय ही यहां खुला रहता है. तहसील कार्यालय में स्तिथ शौचालय में कई दिनों से ताले लटके हुए हैं.

वीडियो.

प्रशासन का कहना है कि शोचालय में कनैक्टिविटी न होने के चलते ग्राउंड फ्लोर स्तिथ शौचालयों को बंद किया गया है. इस सिलसिले में उनकी सबंधित विभाग से बात हुई है और इसे लेकर वह एक निवेदन भेजा गया है. ताकि इन शौचालयों में कनेक्शन की जल्द कनैक्टिविटी हो जाए.

2 सालों से नहीं हुई बिल्डिंग हैंडओवर
बीते दो सालों से सचिवालय और तहसील कार्यालय पीडब्ल्यूडी के भवन में चल रहा है. ये बिल्डिंग अभी प्रशासन को हैंडओवर नहीं की गई है और 2 सालों से ही अस्थाई रुप में काम चला हुआ है. इतने वर्ष में भवन अभी तक प्रशासन के नाम क्यू नहीं किया गया, इसे लेकर भी कई तरह के सवाल उठ रहे हैं.

क्या कहते एसडीएम ज्वालाजी?
इस मामले को लेकर एस डी एम ज्वालाजी अंकुश शर्मा ने कहा कि सबंधित बिल्डिंग अभी पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा प्रशासन के हैंडओवर नहीं की गई है, जिस कारण कुछ कार्य यहां रुके पड़े हैं. बंद पड़े शौचालयों का मामला उनके ध्यान में लाया गया है, इस बाबत लोक निर्माण विभाग को एक निवेदन पत्र उनकी ओर से भेजा जा रहा है, ताकि जल्द ही शौचालयों में लगने वाले कनेक्शन की कनेक्टिविटी की जा सके.

क्या कहते पीडब्ल्यूडी विभाग के एसडीओ?
पीडब्ल्यूडी विभाग के एसडीओ सुमन ने मामले को लेकर कहा कि विभाग काफी समय से प्रशासन के पास जाकर उनके समक्ष ये बात रख चुके हैं कि इस विल्डिंग को वे अपने सुपुर्द कर लें, लेकिन प्रशासन इस ओर ढुलूमुल रवैया अपनाए हुए हैं.

विल्डिंग सुपुर्द करने के मामले को लेकर सबंधित प्रशासन और विभाग एक-दूसरे पर भवन के हैंडओवर का पल्ला झाड़ रहे हैं. बहरहाल, अब देखना ये होगा कि ये भवन कब प्रशासन के सुपुर्द होता है और लोगों को सभी मूलभूत सुविधाएं एक ही छत के नीचे मिलती हैं.

ये भी पढ़ें- CAA को लेकर बीजेपी जिला अध्यक्ष का विपक्ष पर हमला, कहा- राजनीतिक रोटियां न सेंके कांग्रेस

कांगड़ा/ज्वालामुखीः जिला कांगड़ा के ज्वालाजी में बीते 2 सालों से पीडब्ल्यूडी के भवन में ही एसडीएम और तहसील कार्यालय चल रहा है, लेकिन अभी तक प्रशासन इसे अपने अधीन नहीं करवा पाया है. आलम ये है कि भवन अपने अधीन न होने से सचिवालय व तहसील कार्यालय में बने शौचालयों के बाहर एक महीने से ताला लटका हुआ है.

ऐसे में यहां आने वाले आम आदमी सहित स्टॉफ को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बताया जा रहा है की ग्राउंड फ्लोर से अन्य फ्लोर पर स्तिथ एक महिला शोचालय ही यहां खुला रहता है. तहसील कार्यालय में स्तिथ शौचालय में कई दिनों से ताले लटके हुए हैं.

वीडियो.

प्रशासन का कहना है कि शोचालय में कनैक्टिविटी न होने के चलते ग्राउंड फ्लोर स्तिथ शौचालयों को बंद किया गया है. इस सिलसिले में उनकी सबंधित विभाग से बात हुई है और इसे लेकर वह एक निवेदन भेजा गया है. ताकि इन शौचालयों में कनेक्शन की जल्द कनैक्टिविटी हो जाए.

2 सालों से नहीं हुई बिल्डिंग हैंडओवर
बीते दो सालों से सचिवालय और तहसील कार्यालय पीडब्ल्यूडी के भवन में चल रहा है. ये बिल्डिंग अभी प्रशासन को हैंडओवर नहीं की गई है और 2 सालों से ही अस्थाई रुप में काम चला हुआ है. इतने वर्ष में भवन अभी तक प्रशासन के नाम क्यू नहीं किया गया, इसे लेकर भी कई तरह के सवाल उठ रहे हैं.

क्या कहते एसडीएम ज्वालाजी?
इस मामले को लेकर एस डी एम ज्वालाजी अंकुश शर्मा ने कहा कि सबंधित बिल्डिंग अभी पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा प्रशासन के हैंडओवर नहीं की गई है, जिस कारण कुछ कार्य यहां रुके पड़े हैं. बंद पड़े शौचालयों का मामला उनके ध्यान में लाया गया है, इस बाबत लोक निर्माण विभाग को एक निवेदन पत्र उनकी ओर से भेजा जा रहा है, ताकि जल्द ही शौचालयों में लगने वाले कनेक्शन की कनेक्टिविटी की जा सके.

क्या कहते पीडब्ल्यूडी विभाग के एसडीओ?
पीडब्ल्यूडी विभाग के एसडीओ सुमन ने मामले को लेकर कहा कि विभाग काफी समय से प्रशासन के पास जाकर उनके समक्ष ये बात रख चुके हैं कि इस विल्डिंग को वे अपने सुपुर्द कर लें, लेकिन प्रशासन इस ओर ढुलूमुल रवैया अपनाए हुए हैं.

विल्डिंग सुपुर्द करने के मामले को लेकर सबंधित प्रशासन और विभाग एक-दूसरे पर भवन के हैंडओवर का पल्ला झाड़ रहे हैं. बहरहाल, अब देखना ये होगा कि ये भवन कब प्रशासन के सुपुर्द होता है और लोगों को सभी मूलभूत सुविधाएं एक ही छत के नीचे मिलती हैं.

ये भी पढ़ें- CAA को लेकर बीजेपी जिला अध्यक्ष का विपक्ष पर हमला, कहा- राजनीतिक रोटियां न सेंके कांग्रेस

Intro:2 सालों से पी डब्ल्यू डी के भवन में चल रहा सचिवालय व तहसील कार्यालय ज्वालामुखी, प्रसाशन अपने अधीन नही करवा पाया विल्ड़िंग

-भवन अपने नाम न होने से यहाँ बने शौचालयों के बाहर एक महीने से लटका ताला, आम आदमी सहित स्टाफ परेशान, पटरी पर नही लौट रही व्यवस्था
-शौचालय बन्द पड़े रहने का मुख्य कारण इनकी कनैक्टिविटी न होनाBody:
ज्वालामुखी, 21 दिसम्बर (नितेश): ज्वालाजी में बीते 2 सालों से पी डब्ल्यू डी के भवन में ही एस.डी.एम. व तहसील कार्यालय चल रहा है और अभी तक प्रसाशन इसे अपने अधीन नही करवा पाया है। आलम ये है कि भवन अपने अधीन न होने से सचिवालय व तहसील कार्यालय में बने शौचालयों के बाहर एक महीने से ताला लटका हुआ है और आम आदमी सहित यहाँ उपस्तिथ स्टॉफ इसे लेकर काफी परेशान है। बजह ये है की विल्ड़िंग प्रसाशन ने अपने अधीन नही की है जिस कारण शौचालय बन्द पड़े हैं, जिसका मुख्य कारण इनकी कनैक्टिविटी न होना है। बताया जा रहा है की ग्राउंड फ्लोर से अन्य फ्लोर पर स्तिथ एक महिला शोचालय ही यहां खुला रहता है।
हैरत की बात ये है की लाखों रुपय खर्च कर भवन में बनाए गए शौचालय की कनैक्टिविटी न होने के चलते ये मात्र शोपिश बन कर रह गए हैं। तहसील कार्यालय में स्तिथ शौचालय में कई दिनों से ताले लटकें हुए हैं वहीं इनमें स्तिथ एक शौचालय के दरवाजे को तार के सहारे बन्द किया गया है। वहीं तहसील कार्यालय के ऊपर स्तिथ एक शौचालय की हालत भी काफी दयनीय है। शौचालय के अंदर लगी कुछ टूटियां ही गायब हैं वहीं अंदर लगे बिजली के उपकरण भी टूट चुके हैं ओर ये प्रसाशन की अनदेखी का शिकार हो रहे हैं। इधर, बन्द पड़े शौचालयों को लेकर प्रसाशन का तर्क है कि इस सिलसिले में उनकी सबंधित विभाग से बात हुई है और इसे लेकर वह एक निवेदन भेज रहे हैं ताकि इन शौचालयों में कनेक्शन की जल्द कनैक्टिविटी हो जाए। प्रसाशन का तर्क है कि कनेक्शन की कनैक्टिविटी न होने के चलते ग्राउंड फ्लोर स्तिथ शौचालयों को बन्द किया गया है, कयुंकि कनेक्शन न होने के चलते शोचालय में गंदगी का आलम पैदा हो रहा था।

नलकें हो रहे चोरी, 2 बार ठीक करवा चुका है पी.डब्ल्यू.डी. विभाग
हैरत की बात ये है कि इन शौचालय के अंदर लगे पानी की नलकें भी कुछ शरारती तत्वों द्वारा उखाड़ें जा चुके हैं। हालांकि इस बीच पी.डब्ल्यू.डी. विभाग द्वारा इन्हें ठीक भी करवाया गया। अब सवाल ये है कि यदि ये विल्ड़िंग अभी प्रसाशन को हैंडओवर ही नही हुई है तो इन शौचालयों के अंदर हो रही इस तरह की घटनाओं की निगरानी का जिम्मेवार कौन है।

विल्ड़िंग हैंडओवर नही ओर 2 सालों से ऐसे ही चला हुआ काम
हैरानी की बात ये है कि जिस भवन में ये सचिवालय ओर तहसील कार्यालय चल रहा है ये बिल्डिंग अभी प्रसाशन को हैंडओवर नही की गई है ओर इसमें ऐसे ही 2 सालों से काम चला हुआ है। इतने वर्ष में भवन अभी तक प्रसाशन के नाम कयूं नही है इसे लेकर भी कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। हालांकि इस मामले को लेकर सबंधित प्रशासन और विभाग द्वारा एक दूसरे पर भवन के हैंडओवर का पल्ला झाड़ा जा रहा है। बहरहाल अब देखना ये होगा कि ये भवन कब प्रसाशन के सुपुर्द होता है और लोगों को सभी मूलभूत सुविधाएं यहां एक ही छत के नीचे मिलती हैं।

क्या कहते एस डी एम ज्वालाजी
इस मामले को लेकर एस डी एम ज्वालाजी अंकुश शर्मा ने कहा कि सबंधित बिल्डिंग अभी पी डब्ल्यू डी विभाग द्वारा प्रसाशन के हैंडओवर नही की गई है, जिस कारण कुछ कार्य यहां रुके पड़े हैं। बन्द पड़े शौचालयों का मामला उनके ध्यान में लाया गया है, इस बाबत लोक निर्माण विभाग को एक निवेदन पत्र उनकी ओर से भेजा जा रहा है, ताकि जल्द ही शौचालयों में लगने वाले कनेक्शन की कनेक्टिविटी की जा सके।

क्या कहते पी डब्ल्यू डी विभाग के एस.डी.ओ.
एस.डी.ओ. पी.डब्ल्यू.डी. सुमन ने मामले को लेकर कहा कि विभाग काफी समय से प्रसाशन के पास जाकर उनके समक्ष ये बात रख चुके हैं कि इस विल्ड़िंग को वह अपने सुपुर्द कर लें, लेकिन प्रसाशन इस ओर ढुलूमुल रवैया अपनाए हुए हैं।
फोटो कैप्शन
1. ज्वालामुखी : शरारती तत्वों द्वारा जवालाजी सचिवालय व तहसील कार्यालय में उखाड़ी गई नल की टूटी। नितेश
2. ज्वालामुखी : शरारती तत्वों द्वारा जवालाजी सचिवालय व तहसील में उखाड़ी गई नल की टूटी। नितेश
3. ज्वालामुखी : जवालाजी सचिवालय व तहसील में स्तिथ एक शौचालय का तार के सहारे बांधकर बन्द किया गया दरवाजा।
4. ज्वालामुखी : जवालाजी सचिवालय व तहसील कार्यालय में स्तिथ शौचालयों के बाहर लटके तालें। नितेशConclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.