धर्मशाला: प्रधान सचिव आबकारी व कराधान अधिकारी और मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश के प्रमुख सचिव संजय कुंडू ने शनिवार को राजस्व संग्रह की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता की.
मीटिंग में उत्तर के आबकारी व कराधान विभाग के सभी अधिकारी मौजूद रहे. बैठक में साल 2018 की अवधि की तुलना में अप्रैल-दिसंबर 2019 की अवधि के लिए कर संग्रह की समीक्षा की गई.
प्रधान सचिव ने बताया कि उत्तर क्षेत्र के लिए वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए 1200 करोड़ के कर संग्रह का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जबकि प्रवर्तन क्षेत्र पालमपुर के लिए 30 करोड़ रुपये और प्रवर्तन क्षेत्र ऊना के लिए 19 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया है.
प्रधान सचिव ने सिगरेट उद्योग, दवा उद्योग और पर्यटन उद्योग के नकली इनपुट कर क्रेडिट का पता लगाने के लिए राज्य के आबकारी और कराधान विभाग के अधिकारियों की सराहना की. बैठक में खनन गतिविधियों, पर्यटन गतिविधियों और परियोजनाओं (जल-विद्युत परियोजनाओं सहित) में जीएसटी संग्रह पर जोर देने का निर्णय लिया गया.
संजय कुंडू ने अधिकारियों को जीएसटी रिटर्न को 85 प्रतिशत से 100 प्रतिशत करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि ऐसे व्यावसायिक प्रतिष्ठान जो 200 रुपये से अधिक के लेनदेन के लिए बिक्री बिल जारी नहीं कर रहे हैं, उनके खिलाफ जीएसटी अधिनियम की धारा 122 के तहत कारवाई की जाए. साथ ही एसजीएसटी अधिनियम और सीजीएसटी अधिनियम के तहत 10 हजार रुपये का जुर्माने लगाने का भी प्रावधान है.
संजय कुंडू ने अधिकारियों को लोहे, स्टील और प्लाईवुड के व्यापार पर नजर रखने के आदेश दिए. साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिये कि एक्साइज (शराब) के ठेकेदारों और बोटलरों के साथ लंबित सभी बकाया वसूलने के लिये आवश्यक कदम उठाए जाए.
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संजय कुंडू ने बताया कि उत्तर क्षेत्र के तहत चंबा, नूरपुर, कांगड़ा और ऊना के राजस्व जिलों में राजस्व प्राप्ति में 11.27 प्रतिशत की वृद्वि दर्ज की गई है. उन्होंने कहा कि आबकारी और कराधान विभाग के अधिकारियों की क्षमता के निर्माण के लिए राज्य सरकार से आईआईएम और इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस जैसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानो में प्रशिक्षण प्रदान करने का अनुरोध किया जाएगा.