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धर्मशाला: सेवा सप्ताह के अन्तर्गत 'बढ़ती उम्र का उल्लास' कार्यक्रम आयोजित

जिला भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा 'सेवा सप्ताह' के उपलक्ष्य पर जिला पंचायत कार्यालय सभागार में 'बढ़ती उम्र का उल्लास' कार्यक्रम का आयोजन किया गया. पूर्व राज्य चुनाव आयुक्त हिमाचल प्रदेश केसी शर्मा ने कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि और केके तूर ने बतौर अध्यक्ष शिरकत की.

Program organized under seva saptah in Dharamsala
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Published : Sep 21, 2021, 5:05 PM IST

धर्मशाला: जिला भाषा अधिकारी सुरेश राणा ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा 'सेवा सप्ताह' के उपलक्ष्य पर जिला पंचायत कार्यालय सभागार में 'बढ़ती उम्र का उल्लास' कार्यक्रम का आयोजन किया गया. पूर्व राज्य चुनाव आयुक्त हिमाचल प्रदेश केसी शर्मा ने कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि और केके तूर ने बतौर अध्यक्ष शिरकत की.

केसी शर्मा ने अपने सम्बोधन में कहा कि उल्लास भरे दिन हमारे दुखों को दूर करते हैं और इस तरह के भाव हमारे अंदर पनपने नहीं देते. हमारा हर घड़ी हर पल उल्लास का क्षण बन जाता है. आहार और व्यवहार हमारे युक्त हों. हमारी चेष्टाएं भी युक्त हों. हर दिन हर मास यह उल्लास का ही होगा. यह उल्लास हमारे हाथ में ही है इसको हम स्वयं पैदा करते हैं.

कार्यक्रम में उपस्थित सभी गणमान्यों, कवियों ने अपने जीवन के उल्लास के दिनों को कविताओं व घटित घटनाओं के माध्यम से सांझा किया. शक्ति चंद राणा ने बढ़ती उम्र के उल्लास को अपनी कविता के माध्यम से प्रस्तुत किया. इस दौरान सीमा कटोच, कुशल कटोच ने अपनी रचनाओं से समा बांधा. गौतम शर्मा व्यथित ने अपने जीवन में घटित उमगं के उल्लास पलों को सांझा किया.

ये भी पढ़ें- अचानक दिल्ली पहुंचे विक्रमादित्य सिंह और प्रतिभा सिंह, AICC महासचिव वेणुगोपाल से की मुलाकात

धर्मशाला: जिला भाषा अधिकारी सुरेश राणा ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा 'सेवा सप्ताह' के उपलक्ष्य पर जिला पंचायत कार्यालय सभागार में 'बढ़ती उम्र का उल्लास' कार्यक्रम का आयोजन किया गया. पूर्व राज्य चुनाव आयुक्त हिमाचल प्रदेश केसी शर्मा ने कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि और केके तूर ने बतौर अध्यक्ष शिरकत की.

केसी शर्मा ने अपने सम्बोधन में कहा कि उल्लास भरे दिन हमारे दुखों को दूर करते हैं और इस तरह के भाव हमारे अंदर पनपने नहीं देते. हमारा हर घड़ी हर पल उल्लास का क्षण बन जाता है. आहार और व्यवहार हमारे युक्त हों. हमारी चेष्टाएं भी युक्त हों. हर दिन हर मास यह उल्लास का ही होगा. यह उल्लास हमारे हाथ में ही है इसको हम स्वयं पैदा करते हैं.

कार्यक्रम में उपस्थित सभी गणमान्यों, कवियों ने अपने जीवन के उल्लास के दिनों को कविताओं व घटित घटनाओं के माध्यम से सांझा किया. शक्ति चंद राणा ने बढ़ती उम्र के उल्लास को अपनी कविता के माध्यम से प्रस्तुत किया. इस दौरान सीमा कटोच, कुशल कटोच ने अपनी रचनाओं से समा बांधा. गौतम शर्मा व्यथित ने अपने जीवन में घटित उमगं के उल्लास पलों को सांझा किया.

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