धर्मशाला: शक्तिपीठ ज्वालामुखी मंदिर में बढ़ते वीआईपी कल्चर और अनियमितताओं पर जिला प्रशासन रोक लगाए. यह मांग ज्वालामुखी मंदिर के पुजारी वर्ग ने मंदिर आयुक्त और डीसी कांगड़ा राकेश प्रजापति को ज्ञापन सौंप कर उठाई है.
ज्वालामुखी मंदिर के पूर्व न्यास सदस्य व पुजारी हिमांशु भूषण दत्त ने डीसी कांगड़ा को अवगत करवाया कि मंदिर के कुछ तथाकथित कर्मचारी और पुजारी ऐसे हैं जो सारा दिन मंदिर के आसपास की दुकानों में बैठकर आने जाने वाले श्रद्धालुओं से पैसे ऐंठने का काम कर रहे हैं. इतना ही कुछ ऐसे लोग हैं जो अपने आप को मंदिर का पुजारी कहकर श्रद्धालुओं को वीआईपी बता कर मंदिर के निकासी द्वार से अंदर भेज रहे हैं.
'मंदिर में दर्शन करवाने के नाम पर ऐंठे जाते है पैसे'
ज्वालामुखी पुजारी वर्ग का कहना है कि पिछले कुछ सालों से मंदिर में कुछ ऐसे लोग सक्रिय हो गए हैं. जो ना तो पुजारी हैं और ना ही मंदिर कर्मचारी हैं, लेकिन यह लोग सारा दिन मंदिर प्रांगण में रहते हैं. मंदिर में यात्रियों को दर्शन, यज्ञ, अनुष्ठान करवाने का पुजारी वर्ग ही आज तक करता आया है, लेकिन यह लोग जिनका मंदिर से कोई लेना-देना नहीं है. वह यात्रियों को मंदिर में दर्शन करवाने के नाम पर पैसे ऐंठते हैं.
पुजारी वर्ग ने कहा कि इससे मंदिर की प्रतिष्ठा और गरिमा को धक्का लग रहा है. पुजारी वर्ग कई सालों से मंदिर में अपनी सेवाएं दे रहा है, लेकिन ऐसे लोगों की वजह से यात्रियों की आस्था को भी ठेस पहुंच रही है. पुजारी वर्ग ने प्रशासन से अनुरोध किया कि ऐसे लोगों को चिन्हित किया जाए और इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. उनका कहना है कि पुजारी वर्ग के पास अपने पहचान पत्र उपलब्ध हैं.
'कई कर्मचारी हैं लंबे समय से एक ही पद और स्थान पर कार्यरत'
वहीं, उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि ऐसे भी कर्मचारी हैं जो पिछले लंबे समय से एक ही पद और स्थान पर कार्यरत हैं, जिन्हें प्रशासन की ओर से स्थानांतरित नहीं किया जाता है. उन्होंने कहा कि पुजारियों की मांग है कि जो लोग अपने आप को मंदिर का पुजारी कहकर नियमों को दरकिनार कर वीआईपी की तरह लोगों को मंदिर के दर्शन करवाते हैं, उनके ऊपर कार्रवाई की जाए, ताकि सभी श्रद्धालुओं पर एक ही नियम लागू हो. वहीं, इस पर डीसी कांगड़ा राकेश प्रजापति ने संबधित अधिकारियों से बात कर उचित कार्रवाई करने का अश्वासन दिया है.
ये भी पढ़ें- साइबर अपराधियों का नया पैंतरा, आधार कार्ड और पैन कार्ड वेरिफिकेशन से लोगों को बना रहे ठगी शिकार