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CSIR-IHBT का 38वां स्थापना स्पताह, समापन समारोह को राज्यपाल ने किया संबोधित - आईएचबीटी पालमपुर निदेशक

आईएचबीटी पालमपुर के 38वें स्थापना समारोह के मौके पर राज्यपाल ने कहा कि कोविड-19 के परीक्षण में सीएसआईआर-आईएचबीटी की ओर से किए जा रहा योगदान सराहनीय है. उन्होंने संस्थान को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे संस्थान में की जा रही वैज्ञानिक रिसर्च को जन जन तक पहुंचाएं तभी इसकी सार्थकता होगी.

IHBT Palampur 38th foundation program
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Published : Jul 9, 2020, 7:56 PM IST

पालमपुरः हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान, आईएचबीटी पालमपुर के 38वें स्थापना सप्ताह समारोह को समापन अवसर पर राज्यपाल बंडारू दतात्रेय ने संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने संस्थान को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे संस्थान में की जा रही वैज्ञानिक रिसर्च को जन-जन तक पहुंचाएं तभी इसकी सार्थकता होगी.

राज्यपाल ने शोध कार्य और उद्यमशीलता और स्टार्ट-अप लोगों की आजीविका के साधनों को बढ़ाने के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के परीक्षण में सीएसआईआर-आईएचबीटी की ओर से किए जा रहा योगदान सराहनीय है.

वीडियो.

बंडारू दतात्रेय संस्थान की ओर से हैंड सेनिटाइजर, हर्बल साबुन की तकनीक विकसित करने और स्थानीय उद्यमियों के माध्यम से व्यापक स्तर पर इसका उत्पादन करके लोगों तक उपलब्ध कराने के लिए संस्थान के प्रयासों की सराहना की.

राज्यपाल ने बताया कि सीएसआईआर-आईएचबीटी ने हींग और केसर की खेती से प्रदेश के दूरदराज के इन क्षेत्रों में विकास के नए द्वार खुल रहे हैं. इसी प्रकार संस्थान हिमालय के विशाल बांस संसाधन के उपयोग के अभिनव उपाय विकसित कर रहा है.

उन्होंने संस्थान से जुड़े किसानों और उद्यमियों को बहुत उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी और आशा व्यक्त की कि संस्थान भारत के प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ आह्वान की दिशा में अपना महत्वपूर्ण योगदान देगा.

इससे पहले संस्थान के निदेशक डॉ. संजय कुमार ने राज्यपाल और अन्य अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्थान की प्रमुख उपलब्धियों व गतिविधियों के बारे में जानका दी. उन्होंने बताया कि संस्थान औषधीय, खाद्य, फूल, माइक्रोव के क्षेत्र में कार्य कर रहा है और जैवआर्थिकी को बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकियों को विकसित कर रहा है.

ये भी पढ़ें- बिलासपुर: 2019-20 में बैंकों ने वितरित किया 895 करोड़ 90 लाख का ऋण

पालमपुरः हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान, आईएचबीटी पालमपुर के 38वें स्थापना सप्ताह समारोह को समापन अवसर पर राज्यपाल बंडारू दतात्रेय ने संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने संस्थान को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे संस्थान में की जा रही वैज्ञानिक रिसर्च को जन-जन तक पहुंचाएं तभी इसकी सार्थकता होगी.

राज्यपाल ने शोध कार्य और उद्यमशीलता और स्टार्ट-अप लोगों की आजीविका के साधनों को बढ़ाने के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के परीक्षण में सीएसआईआर-आईएचबीटी की ओर से किए जा रहा योगदान सराहनीय है.

वीडियो.

बंडारू दतात्रेय संस्थान की ओर से हैंड सेनिटाइजर, हर्बल साबुन की तकनीक विकसित करने और स्थानीय उद्यमियों के माध्यम से व्यापक स्तर पर इसका उत्पादन करके लोगों तक उपलब्ध कराने के लिए संस्थान के प्रयासों की सराहना की.

राज्यपाल ने बताया कि सीएसआईआर-आईएचबीटी ने हींग और केसर की खेती से प्रदेश के दूरदराज के इन क्षेत्रों में विकास के नए द्वार खुल रहे हैं. इसी प्रकार संस्थान हिमालय के विशाल बांस संसाधन के उपयोग के अभिनव उपाय विकसित कर रहा है.

उन्होंने संस्थान से जुड़े किसानों और उद्यमियों को बहुत उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी और आशा व्यक्त की कि संस्थान भारत के प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ आह्वान की दिशा में अपना महत्वपूर्ण योगदान देगा.

इससे पहले संस्थान के निदेशक डॉ. संजय कुमार ने राज्यपाल और अन्य अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्थान की प्रमुख उपलब्धियों व गतिविधियों के बारे में जानका दी. उन्होंने बताया कि संस्थान औषधीय, खाद्य, फूल, माइक्रोव के क्षेत्र में कार्य कर रहा है और जैवआर्थिकी को बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकियों को विकसित कर रहा है.

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