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धर्मशाला के सराह गोसदन में लापरवाही की इंतहा, इलाज न मिल पाने से हो रही गायों की मौत

धर्मशाला के समीप सराह में नगर निगम की देखरेख में गोसदन संचालित किया जा रहा है. गोसदन में 60 गायों को रखने की क्षमता है, जबकि यहां कभी 100 तो कभी 80 गायें हो जाती हैं, जबकि सुविधाएं न के बराबर हैं.

Cow Shelter Sarah
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Published : Jul 24, 2019, 10:53 AM IST

धर्मशाला: भले ही सरकार द्वारा गोवंश संरक्षण की बात कही जाती है, लेकिन जिस तरह से सराह गोसदन में गायों की सेहत को नजरअंदाज किया जा रहा है, उससे ये सवाल उठता है कि क्या इसी तरह से गोवंश का संरक्षण होगा. धर्मशाला के सराह गोसदन की हालत बद से बदतर हो गई है.

सराह गौ सदन में हाल ही दो गायों की मौत हो गई है, क्योंकि पशु चिकित्सकों द्वारा गोसदन का दौरा कर गऊओं की सेहत नहीं जांची गई. गोसदन में हुई गायों की मौत पर नगर निगम प्रशासन ने संज्ञान लिया है. नगर निगम ने स्पष्ट किया है कि इस मामले में जिसने भी लापरवाही बरती होगी, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

गोवंश संरक्षण के लिए सरकार गोसदन तो खोल रही है, लेकिन इनके संचालन की उचित व्यवस्था के अभाव में गोवंश दम तोड़ रहा है. यह पहला मामला नहीं है, जब सराह गोसदन में गायों की मौत हुई हो, बल्कि इससे पहले भी उचित देखभाल के अभाव में यहां गायों की मौत होती रही है.

धर्मशाला के समीप सराह में नगर निगम की देखरेख में गोसदन संचालित किया जा रहा है. गोसदन में 60 गायों को रखने की क्षमता है, जबकि यहां कभी 100 तो कभी 80 गायें हो जाती हैं, जबकि सुविधाएं न के बराबर हैं.

वीडियो.

कहने को तो यहां कर्मचारी तैनात किए गए हैं, लेकिन कर्मियों की लापरवाही का आलम यह है कि गायों के बीमार होने पर पशु चिकित्सकों व नगर निगम को इसकी सूचना तक नहीं दी जाती. यही नहीं कई बार लोग अपने बीमार पशुओं को भी गोसदन में छोड़ जाते हैं, जबकि इस बारे गोसदन कर्मियों को अवगत नहीं करवाया जाता, ऐसे में बीमार पशु उपचार के अभाव में दम तोड़ देते हैं.

कुछ समय पहले नगर निगम में गोसदन के लिए कमेटी बनी थी, जिसमें ज्वाइंट कमीशनर, एसडीओ और सेनिटेरी सुपरवाइजर शामिल को शामिल किया गया था. कमेटी द्वारा समय-समय पर गोसदन का दौरा करके गायों की उचित देखभाल सुनिश्चित करना और समस्याओं को दूर किया जाना था, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया.

वहीं, नगर निगम मेयर दवेंद्र जग्गी का कहना है कि सराह गोसदन में गायों की मौत होने के मामले की जांच की जाएगी, चाहे इसके लिए कोई भी जिम्मेवार हो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. गोसदन में दो गायों की मौत की जानकारी मिली है. एक गाय गोसदन में बीमार चल रही थी, जिसे डॉक्टरी सहायता नहीं मिल पाई थी.

गोसदन में तैनात निगम के तीन कर्मियों की जिम्मेवारी थी कि वह डॉक्टर्स को सूचित करते, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. सरकार ने नोटिफिकेशन की थी कि पशुपालन विभाग धर्मशाला से पशु चिकित्सक सप्ताह में दो दिन गोसदन का दौरा करके पशुओं की जांच करेंगे, लेकिन इसके बावजूद ऐसा नहीं हो पाया. निगम प्रशासन अब गोसदन पर नजर रखेगा सभी लोगों की जिम्मेदारी सुनिश्चित करेगा.

ये भी पढ़ेंः MLA रामलाल का सरकार पर आरोप, अपनों को एडजस्ट करने के लिए चोर दरवाजे से हो रही नियुक्तियां

धर्मशाला: भले ही सरकार द्वारा गोवंश संरक्षण की बात कही जाती है, लेकिन जिस तरह से सराह गोसदन में गायों की सेहत को नजरअंदाज किया जा रहा है, उससे ये सवाल उठता है कि क्या इसी तरह से गोवंश का संरक्षण होगा. धर्मशाला के सराह गोसदन की हालत बद से बदतर हो गई है.

सराह गौ सदन में हाल ही दो गायों की मौत हो गई है, क्योंकि पशु चिकित्सकों द्वारा गोसदन का दौरा कर गऊओं की सेहत नहीं जांची गई. गोसदन में हुई गायों की मौत पर नगर निगम प्रशासन ने संज्ञान लिया है. नगर निगम ने स्पष्ट किया है कि इस मामले में जिसने भी लापरवाही बरती होगी, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

गोवंश संरक्षण के लिए सरकार गोसदन तो खोल रही है, लेकिन इनके संचालन की उचित व्यवस्था के अभाव में गोवंश दम तोड़ रहा है. यह पहला मामला नहीं है, जब सराह गोसदन में गायों की मौत हुई हो, बल्कि इससे पहले भी उचित देखभाल के अभाव में यहां गायों की मौत होती रही है.

धर्मशाला के समीप सराह में नगर निगम की देखरेख में गोसदन संचालित किया जा रहा है. गोसदन में 60 गायों को रखने की क्षमता है, जबकि यहां कभी 100 तो कभी 80 गायें हो जाती हैं, जबकि सुविधाएं न के बराबर हैं.

वीडियो.

कहने को तो यहां कर्मचारी तैनात किए गए हैं, लेकिन कर्मियों की लापरवाही का आलम यह है कि गायों के बीमार होने पर पशु चिकित्सकों व नगर निगम को इसकी सूचना तक नहीं दी जाती. यही नहीं कई बार लोग अपने बीमार पशुओं को भी गोसदन में छोड़ जाते हैं, जबकि इस बारे गोसदन कर्मियों को अवगत नहीं करवाया जाता, ऐसे में बीमार पशु उपचार के अभाव में दम तोड़ देते हैं.

कुछ समय पहले नगर निगम में गोसदन के लिए कमेटी बनी थी, जिसमें ज्वाइंट कमीशनर, एसडीओ और सेनिटेरी सुपरवाइजर शामिल को शामिल किया गया था. कमेटी द्वारा समय-समय पर गोसदन का दौरा करके गायों की उचित देखभाल सुनिश्चित करना और समस्याओं को दूर किया जाना था, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया.

वहीं, नगर निगम मेयर दवेंद्र जग्गी का कहना है कि सराह गोसदन में गायों की मौत होने के मामले की जांच की जाएगी, चाहे इसके लिए कोई भी जिम्मेवार हो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. गोसदन में दो गायों की मौत की जानकारी मिली है. एक गाय गोसदन में बीमार चल रही थी, जिसे डॉक्टरी सहायता नहीं मिल पाई थी.

गोसदन में तैनात निगम के तीन कर्मियों की जिम्मेवारी थी कि वह डॉक्टर्स को सूचित करते, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. सरकार ने नोटिफिकेशन की थी कि पशुपालन विभाग धर्मशाला से पशु चिकित्सक सप्ताह में दो दिन गोसदन का दौरा करके पशुओं की जांच करेंगे, लेकिन इसके बावजूद ऐसा नहीं हो पाया. निगम प्रशासन अब गोसदन पर नजर रखेगा सभी लोगों की जिम्मेदारी सुनिश्चित करेगा.

ये भी पढ़ेंः MLA रामलाल का सरकार पर आरोप, अपनों को एडजस्ट करने के लिए चोर दरवाजे से हो रही नियुक्तियां

Intro:धर्मशाला- भले ही सरकार द्वारा गौवंश संरक्षण की बात कही जाती है, लेकिन जिस तरह से सराह गौसदन में गऊओं की सेहत को नजरअंदाज किया जा रहा है, उससे बुद्धिजीवी वर्ग यही सोचने को मजबूर है कि क्या इसी तरह से गौवंश का संरक्षण होगा। सराह गौ सदन में हाल ही दो गायों की मौत हो गई है, क्योंकि पशु चिकित्सकों द्वारा गौसदन का दौरा कर गऊओं की सेहत नहीं जांची जा रही है। गौसदन में हुई गऊंओं की मौत पर नगर निगम प्रशासन ने संज्ञान लिया है। नगर निगम ने स्पष्ट किया है कि इस मामले में जिसने भी लापरवाही बरती होगी, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गौवंश संरक्षण के लिए सरकार गौसदन तो खोल रही है, लेकिन इनके संचालन की उचित व्यवस्था के अभाव में गौवंश दम तोड़ रहा है। यह पहला मामला नहीं है, जब सराह गौसदन में गायों की मौत हुई हो, बल्कि इससे पहले भी उचित देखभाल के अभाव में गऊओं की मौत होती रही है।





Body:हिमाचल की दूसरी राजधानी धर्मशाला के समीप सराह में नगर निगम की देखरेख में गौसदन संचालित किया जा रहा है। गौसदन में 60 गायों को रखने की क्षमता है, जबकि यहां कभी 100 तो कभी 80 गायें हो जाती हैं, जबकि सुविधाएं न बराबर हैं। कहने को तो यहां कर्मचारी तैनात किए गए हैं, लेकिन कर्मियों की लापरवाही का आलम यह है कि गऊओं के बीमार होने पर पशु चिकित्सकों व नगर निगम को इसकी सूचना तक नहीं दी जाती। यही नहीं कई बार लोग अपने बीमार पशुओं को भी गौसदन में छोड़ जाते हैं, जबकि इस बारे गौसदन कर्मियों को अवगत नहीं करवाया जाता, ऐसे में बीमार पशु उपचार के अभाव में दम तोड़ देते हैं।






Conclusion:जानकारी के अनुसार कुछ समय पहले नगर निगम में गौसदन के लिए  कमेटी बनी थी, जिसमें ज्वाइंट कमीशनर, एसडीओ और सेनिटेरी सुपरवाइजर शामिल को शामिल किया गया था। कमेटी द्वारा समय-समय पर गौसदन का दौरा करके गऊओं की उचित देखभाल सुनिश्चित करना तथा समस्याओं को दूर किया जाना था, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। वही नगर निगम मेयर दवेंद्र जग्गी का कहना है कि सराह गौसदन में गऊओं की मौत होने के मामले की जांच की जाएगी, चाहे इसके लिए कोई भी जिम्मेवार हो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गौसदन में दो गऊओं की मौत की जानकारी मिली है। एक गाय गौसदन में बीमार चल रही थी, जिसे डाक्टरी सहायता नहीं मिल पाई थी। गौसदन में तैनात निगम के तीन कर्मियों की जिम्मेवारी थी कि वह डाक्टर्स को सूचित करते, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। सरकार ने नोटिफिकेशन की थी कि पशुपालन विभाग धर्मशाला से पशु चिकित्सक सप्ताह में दो दिन गौसदन का दौरा करके पशुओं की जांच करेंगे, लेकिन इसके बावजूद ऐसा नहीं हो पाया। निगम प्रशासन अब गौसदन पर नजर रखेगा तथा हर किसी की जिम्मेवारी सुनिश्चित करेगा।

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