धर्मशालाः भूटान में वायुसेना के चीता हेलीकॉप्टर क्रैश में अपने जन्मदिन पर शहीद हुए पायलट लेफ्टिनेंट कर्नल रजनीश परमार का पार्थिव शरीर रविवार को उनके पैतृक गांव लाया गया. सेना के हेलीकॉप्टर में पार्थिव देह को होल्टा कैंट स्थित हैलीपैड ग्राउंड में उतारा गया.
वहीं, डिविजन हेडक्वार्टर में शहीद को सलामी सहित अन्य औपचारिकताएं पूरी करने के बाद कर्नल का पार्थिव शरीर उनके नए घर मारंडा में पिंडदान के लिए लाया गया. इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने भी शहीद को श्रद्वांजलि दी. शमशान घाट पर शहीद को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई.
शहीद हुए लेफ्टिनेंट कर्नल रजनीश परमार ने दिल्ली से बारहवीं की परीक्षा पास की थी. इसके बाद वर्ष 2000 में आईएमए देहरादून में प्रवेश किया था. उन्होंने भारतीय सेना के एविएशन में वर्ष 2007 में ज्वाइन किया था. वर्तमान में वह असम के मिस्सामरी में बतौर इंस्ट्रेक्टर तैनात थे.
लेफ्टिनेंट कर्नल रजनीश परमार की शादी 10 दिसंबर 2006 को हीना परमार के साथ हुई थी. उनका एक बेटा अभिराज परमार (11) है, जो कि बीकानेर में ही पढ़ता है. शहीद लेफ्टिनेंट कर्नल रजनीश परमार का छोटा भाई निखिल परमार भी सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल है. रजनीश परमार के पिता मुख्त्यार परमार भारतीय रेलवे से जूनियर वारंट ऑफिसर रिटायर हुए हैं. उनकी शहीद की खबर के बाद पूरे गांव गमगीन है.
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