कांगड़ाः हिमाचल प्रदेश में मंगलवार को दूसरे दिन भी बैंक कर्मचारियों की हड़ताल जारी रही. प्रदेशभर में बैंक कर्मियों ने सड़क पर उतरकर निजीकरण का विरोध किया. कर्मचारियों ने भारतीय स्टेट बैंक के प्रांगण में प्रदर्शन किया व केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
बैंक कर्मियों ने कहा कि देश के जिन कारपोरेट घरानों के पास बैंको का करोड़ों रुपये फंसे हैं, उन्हें ही बैंकों का मालिक बनाने की तैयारी की जा रही है. भारत सरकार की बैंकों के निजीकरण की नीति के खिलाफ कर्मचारी लगातार धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे.
निजीकरण के कारण आम आदमी परेशान
बैंक कर्मियों ने कहा कि सरकार लगातार अनुचित नीतियां लागू कर रही है. निजीकरण के चलते आम आदमी को भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. केंद्र सरकार बैंकों का निजीकरण चंद पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए कर रही है. सरकार की निजीकरण की नीति का असर आम लोगों पर पड़ेगा.
ऋण लेना मुश्किल
बैंकों का निजीकरण होने से बैंकों में छंटनी होगी, जिससे हजारों लोगों की नौकरी खतरे में पड़ जाएगी. केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में दो पब्लिक सेक्टर बैंकों के निजीकरण करने का प्रस्ताव रखा है. निजीकरण के बाद आम लोगों के लिए बैंकों से ऋण लेना मुश्किल हो जाएगा.
हड़ताल के दौरान बैंक कर्मियों का दो दिन का कटेगा वेतन
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर तले 9 यूनियनों के कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल पर हैं. हड़ताल के दौरान बैंक कर्मियों का दो दिन का वेतन भी कटेगा, लेकिन बैंकों का अस्तित्व बचाए रखने के लिए व हड़ताल पर उतरे हैं. बैंक कर्मियों ने कहा कि हमारे ग्राहकों को जो असुविधा हुई है, उसके लिए हमें खेद है और ग्राहकों का सहयोग देने के लिए भी बैंक कर्मियों ने आभार व्यक्त किया.
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