धर्मशाला : डीआरडीए के सभागार में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (National Green Authority) के तहत कार्यों की समीक्षा बैठक (Review meeting) की अध्यक्षता एडीसी राहुल कुमार (ADC kangra Rahul Kumar) ने की. इस दौरान उन्होंने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और उच्च न्यायालय के आदेशों की पालना के लिए सभी अधिकारी अपने-अपने विभाग के कार्यों के प्रति जिम्मेदार रहें और संबंधित विभाग इस योजना के तहत अपने-अपने क्षेत्रों में तेजी से कार्यों का निर्वहन करें.
बैठक में जिला में एनजीटी के तहत गठित समितियों द्वारा किये गए कार्यों की समीक्षा की गई. एडीसी ने आदेश दिए कि पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने के दृष्टिगत नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal) की और से सॉलिड वेस्ट, प्लास्टिक वेस्ट, बायो मेडिकल वेस्ट, ई-वेस्ट और कंस्ट्रक्शन के प्रबंधन के लिए जो नियम बनाए गए हैं, उनका सफल तरीके से क्रियान्वयन करना सुनिश्चित करें. एडीसी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिला के नदी-नालों में प्रदूषण, अवैध डंपिंग और अवैध खनन को रोकने के लिए सभी संबंधित अधिकारी कदम उठाएं और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें.
उन्होंने कहा कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वच्छ भारत मिशन (Swachh Bharat Mission in himachal) के अंतर्गत ठोस एवं तरल कचरे का सही निष्पादन सुनिश्चित किया जा सकता है. बैठक में बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट (Bio Medical Waste Management) के तहत जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं, बायो मेडिकल वेस्ट की मात्रा व उनका प्रबंधन, बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट (Bio Medical Waste Management in himachal) के लिए ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने के बिंदुओं पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई. इसके अलावा जिले में चल रहे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की कार्यप्रणाली, निर्माणाधीन प्लांट की प्रगति के बारे में भी चर्चा की गई.
उन्होंने बताया कि सामाजिक सहभागिता को शामिल करने के लिए हमीरपुर जिला पर्यावरण योजना (Hamirpur District Environment Plan) का महत्वपूर्ण महत्व है. इसे व्यक्तिगत भूमिकाओं और जिम्मेदारियों से प्रत्येक विभाग एवं अधिकारी को पूरा करना चाहिए ताकि मानव गतिविधियों के प्रतिकूल प्रभाव को कम किया जा सके. उन्होंने आह्वान किया कि नागरिक जिले को स्वच्छ बनाने में सहयोग करें और अपने घरों में ही कूड़ा एकत्रित कर नगरपरिषद द्वारा कूड़ा एकत्रित करने वाली गाड़ियों में ही कूड़ा डालें.
उन्होंने कहा कि स्वच्छता के लिए डोर टू डोर स्तर पर ही तरल तथा ठोस कूड़ा कचरा अलग-अलग से एकत्रित करना जरूरी है ताकि संयंत्र में तरल और ठोस कचरे का सही तरीके से उपयोग हो सके. बैठक में पर्यावरण संरक्षण से जुड़े अन्य मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा की गई.
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