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विश्व प्रसिद्ध चंबा चप्पल के कारोबार पर महंगाई की मार, कारोबारियों ने सरकार से लगाई ये गुहार

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Published : Dec 12, 2021, 10:19 PM IST

Updated : Dec 13, 2021, 11:48 AM IST

चंबा जिले में बनने वाली विश्व विख्यात चंबा चप्पल (world famous chamba chappal) का करोबार इन दिनों महंगाई की मार झेल रहा है. आलम यह है कि एक साल में 10 लाख के करीब कारोबार करने वाले व्यापारी आज दो से तीन लाख का ही कारोबार कर पा रहा है. वहीं, इस कारोबार से जुड़े कारोबारियों और कारीगरों (Traders of Chamba Chappal) ने सरकार से मांग की है कि इनके इस नुकसान की भरपाई के लिए विशेष कदम उठाया जाए, ताकि (How chamba chappal are made) दोबारा इनका कारोबार पटरी पर लौट सके.

inflation hits business of Chamba  chappal
विश्व प्रसिद्ध चंबा चप्पल

चंबा: चंबा जिले में बनने वाली विश्व विख्यात चंबा चप्पल का करोबार इन दिनों महंगाई की मार झेल रहा है. आलम (world famous chamba chappal) यह है कि एक साल में 10 लाख के करीब कारोबार करने वाले व्यापारी आज दो से तीन लाख का ही कारोबार कर पा रहा है. इस चप्पल का इतिहास 500 साल पुराना है. 16वीं शताब्दी में चंबा के राजा की पत्नी के दहेज में कारीगर चंबा लाए गए थे, जो राज परिवार के लोगों के ही चप्पल (Histroy of chamba chappal) बनाते थे.

उसके बाद धीरे-धीरे यह परंपरा आगे बढ़ी और चंबा चप्पल को रोजगार का जरिया भी बनाने के लिए राज परिवार ने कार्यों को छूट प्रदान की. उसके बाद चंबा जिला में चंबा चप्पल का उदय हुआ. लेकिन पहले इस चप्पल के कारोबार पर कोरोना मार पड़ी और अब महंगाई के चलते कारोबार पर काफी असप पड़ा है. कोरोना से पहले चंबा चप्पल का कारोबार करने वाला प्रत्येक दुकानदार 8 से दस लाख रुपए कमाते थे, जिससे कारीगरों का परिवार भी चलता था.

मुनाफा अधिक होने की वजह से जिले के काफी कारीगर इस कार्य (How chamba chappal are made) को पिछले कई दशकों से करते आ रहे थे, लेकिन चंबा चप्पल का कारोबार करने वाले कारीगरों को कोरोना वायरस काल में तीन से चार लाख का नुकसान हुआ है. कोरोना की मार से अब तक यह कारोबार उभर नहीं पाया है. लॉकडाउन के दौरान जो उत्पाद तैयार किए गए थे. वह सब खराब हो गए. इस नुकसान की भरपाई करना कारीगरों के लिए काफी मुश्किल हो गया है. साथ ही, महंगाई की मार भी इन्हें झेलनी पड़ रही है.

चप्पल तैयार (Corona effect on chamba chappal) करने में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल के दाम में भी काफी इजाफा हो गया है. इस कारोबार से जुड़े कारोबारियों और कारीगरों ने सरकार से मांग (Traders of Chamba Chappal) की है कि इनके इस नुकसान की भरपाई के लिए विशेष कदम उठाया जाए, ताकि दोबारा इनका कारोबार पटरी पर लौट सके. इतना ही नहीं सरकार को इस प्राचीन विश्व (Handicrafts of Himachal) विख्यात संस्कृति को बचाने के लिए आगे आना चाहिए ताकि जिस तरह से चंबा चप्पल विश्व विख्यात है, इसी तरह इसका नाम आगे भी रोशन होता रहे.

बता दें कि चंबा चप्पल को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने में इन कारीगरों का बहुत बड़ा योगदान है, जब भी विदेश से चंबा घूमने के लिए पर्यटक पहुंचते हैं तो उनकी पहली पसंद चंबा चप्पल होती है और वह पर्यटक अपने लिए (Chamba chappal online) तो चंबा चप्पल खरीदते ही हैं. साथ ही, परिवार के लिए भी लेकर जाते हैं. चंबा चप्पल विभिन्न शॉपिंग ऐप (Chamba chappal got GI Tag) भी उपलब्ध हैं.

ये भी पढ़ें: शादी में बाइक चुराना पड़ा महंगा, 12 घंटे में पांवटा पुलिस ने पकड़ा चोर

चंबा: चंबा जिले में बनने वाली विश्व विख्यात चंबा चप्पल का करोबार इन दिनों महंगाई की मार झेल रहा है. आलम (world famous chamba chappal) यह है कि एक साल में 10 लाख के करीब कारोबार करने वाले व्यापारी आज दो से तीन लाख का ही कारोबार कर पा रहा है. इस चप्पल का इतिहास 500 साल पुराना है. 16वीं शताब्दी में चंबा के राजा की पत्नी के दहेज में कारीगर चंबा लाए गए थे, जो राज परिवार के लोगों के ही चप्पल (Histroy of chamba chappal) बनाते थे.

उसके बाद धीरे-धीरे यह परंपरा आगे बढ़ी और चंबा चप्पल को रोजगार का जरिया भी बनाने के लिए राज परिवार ने कार्यों को छूट प्रदान की. उसके बाद चंबा जिला में चंबा चप्पल का उदय हुआ. लेकिन पहले इस चप्पल के कारोबार पर कोरोना मार पड़ी और अब महंगाई के चलते कारोबार पर काफी असप पड़ा है. कोरोना से पहले चंबा चप्पल का कारोबार करने वाला प्रत्येक दुकानदार 8 से दस लाख रुपए कमाते थे, जिससे कारीगरों का परिवार भी चलता था.

मुनाफा अधिक होने की वजह से जिले के काफी कारीगर इस कार्य (How chamba chappal are made) को पिछले कई दशकों से करते आ रहे थे, लेकिन चंबा चप्पल का कारोबार करने वाले कारीगरों को कोरोना वायरस काल में तीन से चार लाख का नुकसान हुआ है. कोरोना की मार से अब तक यह कारोबार उभर नहीं पाया है. लॉकडाउन के दौरान जो उत्पाद तैयार किए गए थे. वह सब खराब हो गए. इस नुकसान की भरपाई करना कारीगरों के लिए काफी मुश्किल हो गया है. साथ ही, महंगाई की मार भी इन्हें झेलनी पड़ रही है.

चप्पल तैयार (Corona effect on chamba chappal) करने में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल के दाम में भी काफी इजाफा हो गया है. इस कारोबार से जुड़े कारोबारियों और कारीगरों ने सरकार से मांग (Traders of Chamba Chappal) की है कि इनके इस नुकसान की भरपाई के लिए विशेष कदम उठाया जाए, ताकि दोबारा इनका कारोबार पटरी पर लौट सके. इतना ही नहीं सरकार को इस प्राचीन विश्व (Handicrafts of Himachal) विख्यात संस्कृति को बचाने के लिए आगे आना चाहिए ताकि जिस तरह से चंबा चप्पल विश्व विख्यात है, इसी तरह इसका नाम आगे भी रोशन होता रहे.

बता दें कि चंबा चप्पल को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने में इन कारीगरों का बहुत बड़ा योगदान है, जब भी विदेश से चंबा घूमने के लिए पर्यटक पहुंचते हैं तो उनकी पहली पसंद चंबा चप्पल होती है और वह पर्यटक अपने लिए (Chamba chappal online) तो चंबा चप्पल खरीदते ही हैं. साथ ही, परिवार के लिए भी लेकर जाते हैं. चंबा चप्पल विभिन्न शॉपिंग ऐप (Chamba chappal got GI Tag) भी उपलब्ध हैं.

ये भी पढ़ें: शादी में बाइक चुराना पड़ा महंगा, 12 घंटे में पांवटा पुलिस ने पकड़ा चोर

Last Updated : Dec 13, 2021, 11:48 AM IST
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