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शीतलहर की चपेट में हिमाचल, बर्फबारी को लेकर चंबा-कुल्लू में प्रशासन ने कसी कमर

सर्दियों का मौसम शुरू हो गया है. ऐसे में उत्तर भारत में ठंड ने अपना कहर बरपाना भी शुरू कर दिया है. क्या पहाड़ क्या मैदान जहां देखो बस ठंड अपना कहर बरपा रही है. वहीं, हिमाचल प्रदेश में नवंबर से हो रही बर्फबारी के कारण माइनस में जाता तापमान और सड़कों पर जमता पानी लोगों लिए परेशानी का सबब बने हुए है.

snowfall  news in kullu and chamba
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Published : Dec 5, 2019, 7:59 PM IST

Updated : Dec 5, 2019, 8:20 PM IST

चंबा/ कुल्लू: सर्दियों का मौसम शुरू हो गया है. ऐसे में उत्तर भारत में ठंड ने अपना कहर बरपाना भी शुरू कर दिया है. क्या पहाड़ क्या मैदान जहां देखो बस ठंड अपना कहर बरपा रही है. वहीं, हिमाचल प्रदेश में नवंबर से हो रही बर्फबारी के कारण माइनस में जाता तापमान और सड़कों पर जमता पानी लोगों लिए परेशानी का सबब बने हुए है.

प्रदेश के जिला कुल्लू की बात करें तो यहां विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मनाली, रोहतांग दर्रा और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जमकर बर्फबारी हो रही है. इससे कुछ लोग तो काफी खुश हैं वहीं, कुछ को परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं. बर्फबारी को देखते हुए घाटी में प्रशासन ने भी अपनी कमर कस ली है. साथ ही आपातकाल के लिए फोन नंबर भी स्थापित किए हैं.

वीडियो.

घाटी का तापमान माइनस में होने से यहां सफर करना काफी खतरनाक हो गया है. कुछ ऐसी स्थिति ही जिला लाहौल स्पीती में भी देखने को मिल रही है. बर्फबारी से रोहतांग दर्रा बंद हो गया है जिससे लाहौल स्पीती के लोगों का देश दुनिया से हर साल की तरह संपर्क कट गया है.

जिला चंबा में भी इस समय कुल्लू घाटी जैसी हालत है. साल 2018 की बात करें तो भारी बर्फबारी से जिला का जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हुआ था. यहां बागवानों के हजारों के हिसाब से सेब के बगीचे टूट गए जिससे बागवानों को ही करोड़ों का नुकसान हुआ और बिजली विभाग के करीब आठ सौ के आसपास बिजली के खंभे टूट गए जिससे बिजली बंद हो गई.

बर्फबारी एक तरफ जहां कुछ लोगों के लिए परेशानी बन रही है वहीं, टूरिस्ट्स को हिमाचल की वादियों में आने के लिए अपनी ओर आकर्षित भी कर रही है. सफेद चांदी से सजे पहाड़ों का मन मोह लेने वाला नजारा देखने के लिए टूरिस्ट हिमाचल का रुख कर रहे हैं और यहां पहुंच कर वे बर्फ के बीच खूब अटखेलियां करते हैं.

चंबा/ कुल्लू: सर्दियों का मौसम शुरू हो गया है. ऐसे में उत्तर भारत में ठंड ने अपना कहर बरपाना भी शुरू कर दिया है. क्या पहाड़ क्या मैदान जहां देखो बस ठंड अपना कहर बरपा रही है. वहीं, हिमाचल प्रदेश में नवंबर से हो रही बर्फबारी के कारण माइनस में जाता तापमान और सड़कों पर जमता पानी लोगों लिए परेशानी का सबब बने हुए है.

प्रदेश के जिला कुल्लू की बात करें तो यहां विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मनाली, रोहतांग दर्रा और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जमकर बर्फबारी हो रही है. इससे कुछ लोग तो काफी खुश हैं वहीं, कुछ को परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं. बर्फबारी को देखते हुए घाटी में प्रशासन ने भी अपनी कमर कस ली है. साथ ही आपातकाल के लिए फोन नंबर भी स्थापित किए हैं.

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घाटी का तापमान माइनस में होने से यहां सफर करना काफी खतरनाक हो गया है. कुछ ऐसी स्थिति ही जिला लाहौल स्पीती में भी देखने को मिल रही है. बर्फबारी से रोहतांग दर्रा बंद हो गया है जिससे लाहौल स्पीती के लोगों का देश दुनिया से हर साल की तरह संपर्क कट गया है.

जिला चंबा में भी इस समय कुल्लू घाटी जैसी हालत है. साल 2018 की बात करें तो भारी बर्फबारी से जिला का जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हुआ था. यहां बागवानों के हजारों के हिसाब से सेब के बगीचे टूट गए जिससे बागवानों को ही करोड़ों का नुकसान हुआ और बिजली विभाग के करीब आठ सौ के आसपास बिजली के खंभे टूट गए जिससे बिजली बंद हो गई.

बर्फबारी एक तरफ जहां कुछ लोगों के लिए परेशानी बन रही है वहीं, टूरिस्ट्स को हिमाचल की वादियों में आने के लिए अपनी ओर आकर्षित भी कर रही है. सफेद चांदी से सजे पहाड़ों का मन मोह लेने वाला नजारा देखने के लिए टूरिस्ट हिमाचल का रुख कर रहे हैं और यहां पहुंच कर वे बर्फ के बीच खूब अटखेलियां करते हैं.

Intro:कुल्लू अस्पताल में डॉक्टरों के खाली पदों को लेकर भड़की माकपाBody:
जिला कुल्लू के मुख्यालय क्षेत्रीय अस्पताल में इन दिनों चल रहे डॉक्टरों के खाली पदों को लेकर माकपा भड़क उठी है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के दर्जनों कार्यकर्ता सरवरी से लेकर ढालपुर तक एक रोष रैली के माध्यम से पहुंचे और उन्होंने डीसी कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन भी किया। रैली में आए लोगों को संबोधित करते हुए माकपा के जिला महासचिव गौतम सिंह सोखला ने कहा कि जिला के क्षेत्रीय अस्पताल व जिला के अन्य प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों के पद लंबे समय से खाली चल रहे हैं और प्रदेश सरकार जनता को इलाज करवाने की सुविधा देने में नाकाम रही है। डॉक्टरों की कमी के कारण जिला कुल्लू की जनता को इलाज करवाने के लिए निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है। पहले कुल्लू अस्पताल में डॉक्टरों के सभी पद भरे हुए थे लेकिन अचानक ही 8 डॉक्टरों के तबादले कर दिए गए। जिससे आम जनता को अचानक ही स्वास्थ्य सुविधा के क्षेत्र में नुकसान उठाना पड़ रहा है। होतम का कहना है कि एक तरफ सरकार विकास का झूठा ढोल पीट रही है वहीं लोगों को महंगे दामों पर निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरवरी में भूतनाथ पुल को बंद किए ही 1 साल का समय होने वाला है और अब लोक निर्माण विभाग किसी निजी कंपनी के माध्यम से पुल की मरम्मत की बात कह रही हैं। Conclusion:लेकिन क्या लोक निर्माण विभाग के पास काबिल इंजीनियर नहीं है जो इस पुल में आई दिक्कत को दूर कर सके। होतम सिंह सोखला का कहना है कि अभी भी निजी कंपनी ने 5 महीने का समय दिया है और उसके बाद ही स्कूल से वाहनों की आवाजाही गुजरने का आश्वासन दिया है। लेकिन तब तक के लिए आम जनता को सुविधा देने के क्षेत्र में सरकार व प्रशासन द्वारा भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
Last Updated : Dec 5, 2019, 8:20 PM IST
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