चंबा: हिमाचल में एक बाद मौसम का मिजाज (himachal weather update) बदल गया है. प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में करीब एक सप्ताह बाद बर्फबारी का दौर शुरू हो (snowfall in himachal) गया है. चंबा जिले के चुराह विधान सभा क्षेत्र में गुरुवार की देर रात हुई जमकर भारी बर्फबारी (snowfall in chamba hilly areas) से किसान और बागवान के चेहरे पर खुशी झलक रही है. वहीं, बर्फबारी की वजह से आम लोगों की परेशानियां भी बढ़ गई है. चुराह की अति दुर्गम देवी कोठी और टेपा पंचायत में दो से तीन इंच तक देर रात बर्फबारी देखने को मिली है, जिसके बाद बागवान लोग खुश दिखाई दिए हैं.
बता दें की ग्रामीण इलाकों में बर्फबारी सेब के बगीचों और फसलों के लिए बेहतर मानी जाती है, क्योंकि इन क्षेत्रों में जन सिंचाई की कोई सुविधा नहीं होती है. ऐसे में यहां पर रहने वाले किसान बागवान प्राकृतिक रूप से बारिश और बर्फबारी पर निर्भर रहते है. इन दिनों बागवानों ने सेब के बगीचों में भी काम करना शुरू कर दिया है. ऐसे में जितनी अधिक बर्फबारी होती है. उतनी सेब के बगीचों के लिए बेहतर मानी जाती है, कई तरह की बीमारियां बर्फबारी की वजह से खत्म हो जाती हैं.
हालांकि, किसानों बागवानों को इस बात की उम्मीद है कि आने वाले समय में जितनी अधिक बर्फबारी होगी. उतना ही उनकी फसलों को फायदा होगा. साथ ही, प्राकृतिक रूप से जलस्रोत में भी पानी की भरपाई हो जाती है और पानी की कोई कमी नहीं रहती है. वहीं, दूसरी और किसानों बागवानों का कहना है कि भारी बर्फबारी से बागवानों के लिए अच्छी है और जो हमारे पानी के प्राकृतिक स्रोत हैं. वहां भी पानी की कमी पूरी हो जाएगी. क्योंकि बर्फबारी होने से पानी सहित बागवानी को काफी लाभ होता है और कई तरह की बीमारियां खत्म हो जाती हैं. उन्हें उम्मीद है कि आने वाले समय में बेहतर जितनी अधिक बर्फबारी होगी, जिससे उनके सेब की फसल की अच्छी फ्लावरिंग हो पाएगी.
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला (Meteorological Center Shimla) ने शुक्रवार को मध्य पर्वतीय क्षेत्रों शिमला, सोलन, सिरमौर, मंडी, कुल्लू, चंबा और उच्च पर्वतीय क्षेत्रों किन्नौर व लाहौल स्पीति में बारिश और बर्फबारी का पूर्वानुमान जताया है. मैदानी जिलों ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर और कांगड़ा में मौसम साफ रहने के आसार हैं. वहीं, जिला लाहौल स्पीति में वीरवार शाम के समय अचानक बर्फीला तूफान (Snow storm in Lahaul Spiti) चल पड़ा. जिसके चलते वाहनों की आवाजाही भी काफी प्रभावित हुई.
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