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कोरोना संकट के बीच बाहरी राज्यों से घर लौट रहे पशुपालक, आवाजाही पर रोक नहीं

बाहरी राज्यों में अपने मवेशियों के साथ गए पशुपालकों ने अब धीरे-धीरे पहाड़ी क्षेत्रों का रुख करना शुरू कर दिया है. कोविड-19 के चलते इन मवेशी पालकों को भी प्रशासन ने रियायत देते हुए उनकी आवाजाही पर किसी प्रकार की रोक नहीं लगाई गई है. एहतियात के तौर पर सीमा में दाखिल होते वक्त इनके बारे में महज पूछताछ कर और रिकॉर्ड के लिए उनके नाम पत्र अंकित किए जा रहे हैं.

Shepherds return to hilly areas
हिमाचल में पशुपालक
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Published : Jun 6, 2020, 4:43 PM IST

चंबा: कोरोना का कहर देश व प्रदेश में बढ़ता ही जा रहा है. एक तरफ जहां देश में कोरोना के मामले बढ़ रहे है, वहीं प्रदेश में भी हर रोज कोरोना के नए मामले सामने आ रहे है. इस मुश्किल घड़ी के दौरान बाहरी राज्यों में अपने मवेशियों के साथ गए पशुपालकों ने अब धीरे-धीरे पहाड़ी क्षेत्रों का रुख करना शुरू कर दिया है.

कोविड-19 के चलते इन मवेशी पालकों को भी प्रशासन ने रियायत देते हुए उनकी आवाजाही पर किसी प्रकार की रोक नहीं लगाई गई है. एहतियात के तौर पर सीमा में दाखिल होते वक्त इनके बारे में महज पूछताछ कर और रिकॉर्ड के लिए उनके नाम पत्र अंकित किए जा रहे हैं.

जिला मुख्यालय चंबा में शनिवार को भी बाहरी राज्य से मवेशी पालक अपने माल मवेशियों को लेकर पहुंच रहे हैं. जिला मुख्यालय से अब यह माल मवेशी साहू सिल्ला घराट की ऊपरी पहाड़ियों का रुख करेंगे. पशुपालकों ने बताया कि गर्मियों के सीजन में अपने माल मवेशी को लेकर पड़ोसी राज्य में बीते वर्ष गए थे. कोविड-19 के चलते कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें जिला में दाखिल होने में किसी तरह की रुकावट पैदा नहीं हुई है. उन्होंने बताया कि जल्दी ही वे साहो, सील्ला घाट की धारा की ओर कूच करेंगे.

कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने के लिए प्रशासन और सरकारों ने किए गए प्रयासों में मवेशी पालकों और घुमंतू मवेशी पालकों को कुछ हद तक रियायत दी है. इसका प्रत्यक्ष प्रमाण यह है कि सर्दियों के दौरान में मैदानी इलाकों को जाने वाली पशुपालक अब गर्मियां आने पर धीरे-धीरे पहाड़ी क्षेत्रों का रुख कर रहे हैं.

इसी क्रम में शनिवार को भी मवेशी पालक अपने माल मवेशियों को लेकर जिला मुख्यालय चंबा में पहुंचे. अब ये पशुपालक पहाड़ी धाराओं की ओर रुख करेंगे. यहां पर यह पशुपालक सर्दी आने तक रहेंगे. कुल मिलाकर बढ़ती गर्मी के चलते अब पशुपालकों ने पहाड़ी क्षेत्रों का रुख करना शुरू कर दिया है.

ये भी पढ़ें: HRTC बिलासपुर ने चार दिन में कमाए 1.82 लाख रुपये, निगम ने जिला के कई रूट किए बंद

चंबा: कोरोना का कहर देश व प्रदेश में बढ़ता ही जा रहा है. एक तरफ जहां देश में कोरोना के मामले बढ़ रहे है, वहीं प्रदेश में भी हर रोज कोरोना के नए मामले सामने आ रहे है. इस मुश्किल घड़ी के दौरान बाहरी राज्यों में अपने मवेशियों के साथ गए पशुपालकों ने अब धीरे-धीरे पहाड़ी क्षेत्रों का रुख करना शुरू कर दिया है.

कोविड-19 के चलते इन मवेशी पालकों को भी प्रशासन ने रियायत देते हुए उनकी आवाजाही पर किसी प्रकार की रोक नहीं लगाई गई है. एहतियात के तौर पर सीमा में दाखिल होते वक्त इनके बारे में महज पूछताछ कर और रिकॉर्ड के लिए उनके नाम पत्र अंकित किए जा रहे हैं.

जिला मुख्यालय चंबा में शनिवार को भी बाहरी राज्य से मवेशी पालक अपने माल मवेशियों को लेकर पहुंच रहे हैं. जिला मुख्यालय से अब यह माल मवेशी साहू सिल्ला घराट की ऊपरी पहाड़ियों का रुख करेंगे. पशुपालकों ने बताया कि गर्मियों के सीजन में अपने माल मवेशी को लेकर पड़ोसी राज्य में बीते वर्ष गए थे. कोविड-19 के चलते कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें जिला में दाखिल होने में किसी तरह की रुकावट पैदा नहीं हुई है. उन्होंने बताया कि जल्दी ही वे साहो, सील्ला घाट की धारा की ओर कूच करेंगे.

कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने के लिए प्रशासन और सरकारों ने किए गए प्रयासों में मवेशी पालकों और घुमंतू मवेशी पालकों को कुछ हद तक रियायत दी है. इसका प्रत्यक्ष प्रमाण यह है कि सर्दियों के दौरान में मैदानी इलाकों को जाने वाली पशुपालक अब गर्मियां आने पर धीरे-धीरे पहाड़ी क्षेत्रों का रुख कर रहे हैं.

इसी क्रम में शनिवार को भी मवेशी पालक अपने माल मवेशियों को लेकर जिला मुख्यालय चंबा में पहुंचे. अब ये पशुपालक पहाड़ी धाराओं की ओर रुख करेंगे. यहां पर यह पशुपालक सर्दी आने तक रहेंगे. कुल मिलाकर बढ़ती गर्मी के चलते अब पशुपालकों ने पहाड़ी क्षेत्रों का रुख करना शुरू कर दिया है.

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