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आजादी के 72 साल बाद भी इस पंचायत में नहीं है सड़क, चारपाई के सहारे मरीजों को पहुंचाया जाता अस्पताल

चंबा की चुराह विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाली ग्राम पंचायत कल्हेल में सड़क सुविधा ना होने से मरीजों को चारपाई के सहारे मुख्य मार्ग तक पहुंचाया जाता है. जिससे स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

road problem in chamba
ग्राम पंचायत कल्हेल की सड़क
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Published : Feb 2, 2020, 11:23 PM IST

Updated : Feb 3, 2020, 4:00 PM IST

चंबा: जिला की चुराह विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाली ग्राम पंचायत कल्हेल के 2 दर्जन से अधिक गांव ऐसे हैं जो सड़क सुविधा के लिए तरस रहे हैं. गांव में जब कोई बीमार हो जाता है, तो उसको चारपाई के सहारे अस्पताल पहुंचाया जाता है.

बता दें कि क्षेत्र में सड़क सुविधा न होने से कभी-कभी लोगों को 12 किलोमीटर का सफर पैदल तय करना पड़ता है. जिससे स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है, फिर चाहे बच्चे हो या बुजुर्ग.

स्थानीय लोगों ने बताया कि जब चुनाव का समय आता है, तो सभी दल के नेता सड़क बनाने की बात करते हैं, लेकिन जैसे ही चुनाव खत्म हो जाते हैं, तो कोई सुध नहीं लेता है. उन्होंने कहा कि जब कोई बीमार पड़ जाता है, तो उसको कंधों में उठाकर मुख्य सड़क तक पहुंचाया जाता है. ऐसे में उन्होंने सरकार से जल्द ग्राम पंचायत कल्हेल में सड़क सुविधा मुहैया कराने की मांग की है.

ये भी पढ़ें: सूरजकुंड मेले में बिखरे हिमाचली संस्कृति के रंग, कलाकारों ने पहाड़ी नाटी से बांधा समां

चंबा: जिला की चुराह विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाली ग्राम पंचायत कल्हेल के 2 दर्जन से अधिक गांव ऐसे हैं जो सड़क सुविधा के लिए तरस रहे हैं. गांव में जब कोई बीमार हो जाता है, तो उसको चारपाई के सहारे अस्पताल पहुंचाया जाता है.

बता दें कि क्षेत्र में सड़क सुविधा न होने से कभी-कभी लोगों को 12 किलोमीटर का सफर पैदल तय करना पड़ता है. जिससे स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है, फिर चाहे बच्चे हो या बुजुर्ग.

स्थानीय लोगों ने बताया कि जब चुनाव का समय आता है, तो सभी दल के नेता सड़क बनाने की बात करते हैं, लेकिन जैसे ही चुनाव खत्म हो जाते हैं, तो कोई सुध नहीं लेता है. उन्होंने कहा कि जब कोई बीमार पड़ जाता है, तो उसको कंधों में उठाकर मुख्य सड़क तक पहुंचाया जाता है. ऐसे में उन्होंने सरकार से जल्द ग्राम पंचायत कल्हेल में सड़क सुविधा मुहैया कराने की मांग की है.

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Intro:आजादी के सात दशक बीत जाने के बाद भी भाग्य की रेखा पाने को दो दर्जन से अधिक गांव के लोग इंतजार में ,दस से बारह किलोमीटर पैदल चलने के लिए मजबूत ,।
स्पेशल रिपोर्ट ।
कहते हैं सड़क भाग्य की रेखा होती है लेकिन यह रेखा भी नसीब वालों को ही नसीब होती है चौराहा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत कल्हेल के 2 दर्जन से अधिक गांव ऐसे हैं जो आजादी के बाद से आज तक सड़क कैरी तरस रहे हैं लेकिन सरकार की नाकामी का ही उदाहरण है की आज गांव तक सड़क नहीं पहुंच पाई है सरकार अपनी पीठ थपथपाते नहीं थकती की हर पंचायत के अधिकतर गांव को सड़क सुविधा से जोड़ने का प्रयास सरकार निरंतर करती आ रही है लेकिन यह सारे दावे खोखले साबित होते हुए दिखाई देते हैं जब नजर कल हेल पंचायत के उन गांव पर पड़ती है जहां लोग जानवरों की तरह जिंदगी जीने को मजबूर हैं जब कोई इन इलाकों में बीमार हो जाता है तो उसके पास सिर्फ चारपाई के अलावा कोई सहारा नहीं होता अगर समय रहते हुए सड़क तक पहुंच गए तो आपकी किस्मत है अन्यथा कई बार तो लोगों की जान रास्ते नहीं निकल जाती है 10 से 12 किलोमीटर पैदल सफर तय करके सड़क तक पहुंचना पड़ता हैBody:फिर क्या मरीज क्या बच्चे और क्या बूढ़े सब को यह सफर तय करना होता है हालांकि जब विधानसभा और लोकसभा चुनाव आते हैं तो यह नेताओं की बात से लग जाती है लेकिन जैसे ही नेताओं की मंशा पूरी होती है इन इलाकों का रुख करना ही भूल जाते हैं हैरानी तब होती है जब चुनावों में लोगों के साथ छाती ठोक कर दावे किए जाते हैं कि आप हमें वोट दीजिए हम आपको सड़क देंगे गांव के भोले-भाले लोग इन नेताओं के चंगुल में फंस जाते हैं और उन्हें वोट  तो दे देते हैं लेकिन सड़क के नाम पर 7 दशक बीत जाने के बाद भी कुछ हाथ नहीं लगा अब लोग गांव परिपेक्ष से निकले ग्रामीण मुख्यमंत्री ठाकुर जयराम से मांग कर रहे हैं की कालहेल  पंचायत के उन  गांव में सड़क पहुंचाई जाए जो 7 दशक से इंतजार कर रहे हैं कई जिंदगियां इस इंतजार में बीत गई कि सड़क पहुंचेगी और उनकी जिंदगी भी आसान होगी लेकिन उम्मीदें करते-करते सांसे थम गई ना तो सड़क पहुंची और ना ही उम्मीद बाकी बची । काश कोई तो होता जो इन लोगों के दर्द को समझता लेकिन भोले लोग हैं इन्हें तो यह मालूम नहीं कि नेताओं की नेतागिरी कैसे चलती है फिलहाल अब देखने वाली बात यह रहती है क्या मुख्यमंत्री ठाकुर जयराम इनकी बात को सुनते हैं या फिर वैसे ही चलता रहेगा जैसा 7 दशक से होता आ रहा है।Conclusion:वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोगों ने मांग करते हुए कहा है की हमारे गांव में सड़क सुविधा नहीं है जिसके चलते हमें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है कई बार मरीजों को पालकी के सहारे सड़क  तक पहुंचाना पड़ता है और कई बार तो मरीज की रास्ते में ही मौत हो जाती है पिछले 7 दशक से ऐसा होता आ रहा है मुख्यमंत्री से यही मांग है कि हमारे गांव में सड़क पहुंचा दो हमें और कुछ नहीं चाहिए हम भी इंसान हैं हम भी आप को वोट देते हैं इतनी सी गुजारिश को पूरा कर दीजिए हम आपके ताउम्र आभार प्रकट करते रहेंगे।
Last Updated : Feb 3, 2020, 4:00 PM IST
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