ETV Bharat / city

No Road Facility in Bhattiyat chamba: प्रसूता महिला की जान बचाने के लिए ग्रामीणों ने महिला को पालकी में उठाकर पहुंचाया घर

बर्फ और कड़ाके की ठंड में जान बचाने के लिए लोग किसी भी हद को पार करने से गुरेज नहीं करते हैं. यहां पर प्रसूता महिला की जान बचाने को परिजनों और ग्रामीणों ने महिला को पालकी में उठाकर घर तक पहुंचाने का निर्णय लिया. बात हो रही जिला चंबा के उपमंडल भटियात के अधीन आती ग्राम पंचायत काहरी के गांवों की. ये गांव आज तलक सड़क सुविधा से महरूम हैं. ग्रामीण सड़क के अभाव में मीलों चलने को मजबूर हैं.

No Road Facility in Bhattiyat chamba
फोटो.
author img

By

Published : Jan 25, 2022, 9:51 PM IST

चंबा: बर्फ और कड़ाके की ठंड में जान बचाने के लिए लोग किसी भी हद को पार करने से गुरेज नहीं करते हैं. यहां पर प्रसूता महिला की जान बचाने को परिजनों और ग्रामीणों ने महिला को पालकी में उठाकर घर तक पहुंचाने का निर्णय लिया. वहीं, लचर कार्यप्रणाली और राजनेताओं के प्रति अपना रोष प्रकट करने को ग्रामीण पालकी को एंबुलेंस तक कहने से भी नहीं कतराए. बात हो रही जिला चंबा के उपमंडल भटियात के अधीन आती ग्राम पंचायत (No Road Facility in Bhattiyat chamba) काहरी के गांवों की. ये गांव आज तक सड़क सुविधा से महरूम हैं.

हैरानी इस बात की यहां जताई जा रही है कि भटियात के राजनेता क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछाने का राग अलापते हुए भटियात को पालकी मुक्त तक करने के दावे करते हैं. बर्फबारी में प्रसूता महिला को पालकी में उठा 5 किमी पैदल चल परिजनों और ग्रामीणों ने काहरी पंचायत के डैनघोड़ी गांव स्थित घर पहुंचाया. इस दौरान ग्रामीणों ने पालकी मुक्त भटियात करने संबंधी दावों को लेकर पालकी को एंबुलेंस कहते हुए भटियात विधानसभा क्षेत्र के राजनेताओं, प्रशासन (Road problem in chamba) और संबंधित विभाग पर तंज कसे.

वीडियो.

बता दें कि डैनघोड़ी निवासी सोनू कुमार पुत्र गांधी राम की पत्नी को प्रसव पीड़ा के कारण शनिवार को टांडा ले जाया गया. जहां पर उनका प्रसव हुआ. बीते रविवार को बर्फबारी के बीच प्रसूता को वापिस घर लाना परिजनों और ग्रामीणों के लिए चुनौती बन गया. ग्रामीण सोनू कुमार, बिरेंद्र कुमार, विजय कुमार, मान सिंह ने कहा कि ग्राम पंचायत काहरी के गांव डैनघोड़ी, पुरखड़ा, घामग्रा, रखेड़, खैर, रियाली, रेड, झुम्टारा, खेड़ा, खरपू, धुड़ी, सुधार गांव आज तलक सड़क नहीं हैं. ग्रामीण सड़क के अभाव में मीलों चलने को मजबूर हैं.

ये भी पढ़ें- Republic Day: राजभवन शिमला में एट होम समारोह रद्द, कोरोना के चलते लिया फैसला

चंबा: बर्फ और कड़ाके की ठंड में जान बचाने के लिए लोग किसी भी हद को पार करने से गुरेज नहीं करते हैं. यहां पर प्रसूता महिला की जान बचाने को परिजनों और ग्रामीणों ने महिला को पालकी में उठाकर घर तक पहुंचाने का निर्णय लिया. वहीं, लचर कार्यप्रणाली और राजनेताओं के प्रति अपना रोष प्रकट करने को ग्रामीण पालकी को एंबुलेंस तक कहने से भी नहीं कतराए. बात हो रही जिला चंबा के उपमंडल भटियात के अधीन आती ग्राम पंचायत (No Road Facility in Bhattiyat chamba) काहरी के गांवों की. ये गांव आज तक सड़क सुविधा से महरूम हैं.

हैरानी इस बात की यहां जताई जा रही है कि भटियात के राजनेता क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछाने का राग अलापते हुए भटियात को पालकी मुक्त तक करने के दावे करते हैं. बर्फबारी में प्रसूता महिला को पालकी में उठा 5 किमी पैदल चल परिजनों और ग्रामीणों ने काहरी पंचायत के डैनघोड़ी गांव स्थित घर पहुंचाया. इस दौरान ग्रामीणों ने पालकी मुक्त भटियात करने संबंधी दावों को लेकर पालकी को एंबुलेंस कहते हुए भटियात विधानसभा क्षेत्र के राजनेताओं, प्रशासन (Road problem in chamba) और संबंधित विभाग पर तंज कसे.

वीडियो.

बता दें कि डैनघोड़ी निवासी सोनू कुमार पुत्र गांधी राम की पत्नी को प्रसव पीड़ा के कारण शनिवार को टांडा ले जाया गया. जहां पर उनका प्रसव हुआ. बीते रविवार को बर्फबारी के बीच प्रसूता को वापिस घर लाना परिजनों और ग्रामीणों के लिए चुनौती बन गया. ग्रामीण सोनू कुमार, बिरेंद्र कुमार, विजय कुमार, मान सिंह ने कहा कि ग्राम पंचायत काहरी के गांव डैनघोड़ी, पुरखड़ा, घामग्रा, रखेड़, खैर, रियाली, रेड, झुम्टारा, खेड़ा, खरपू, धुड़ी, सुधार गांव आज तलक सड़क नहीं हैं. ग्रामीण सड़क के अभाव में मीलों चलने को मजबूर हैं.

ये भी पढ़ें- Republic Day: राजभवन शिमला में एट होम समारोह रद्द, कोरोना के चलते लिया फैसला

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.