चंबाः सरकार की ओर से लोगों के सुविधा के लिए विकासात्मक योजनाएं चलाई जाती हैं, लेकिन विभाग की लापरवाही के चलते लोगों को लाभ नहीं मिल पाता है और योजनाओ के लिए बनाई गई बिल्डिंग खंडहर हो जाती है. ऐसा ही एक मामला चंबा में आया है. चंबा मुख्यालय के साथ लगते सरोल में उठाऊ पेयजल योजना के लिए लाखों रुपये खर्च किए गए थे.
यहां पानी की बड़ी-बड़ी पाइपें के साथ ही भवन भी बनाया गया था. योजना के लिए रावी नदी का जल भी प्रयाप्त मात्रा में मिल रहा था, लेकिन फिर भी योजना आगे बढ़ न सकीं. लोगों का कहना है कि विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते यह योजना बंद हो गई. अब योजना के लिए बनाया गया भवन खंडहर में बदल चुका है. मशीनों को पूरी तरह से जंग लग चुका है और जनता के लाखों रुपये की सम्पत्ति बर्बाद हो गई है.
स्थानीय लोगों ने बताया कि कई साल पहले उनके क्षेत्र के लिए सिंचाई के लिए उठाऊ जल योजना शुरू की गई थी जिसके लिए पाइपें भी यहां डाली गईं थीं. इस योजना के तहत यहां इतना पानी था कि यहां के गांव तो दूर आसपास के गांव के लिए भी हो पानी प्राप्त हो सकता था, लेकिन विभाग की लापरवाही के चलते इस योजना को आधे अधूरे में लटका दिया गया. अब वहां के भवन की जर्जर हालत हो चुकी है.
लोगों का कहना है कि अगर इस योजना को दोबारा से शुरू किया जाए तो यहां के करीब दस गांवों को लाभ हो सकता है. साथ ही यहां ऐतिहासिक राजा का तालाब है, इसे दोबारा पानी भर के उसको पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा सकता है. उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि जल्द से इस योजना को चालू किया जाए ताकि इसका लोगों को लाभ मिल पाए.
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