चंबा: पंडित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज चंबा में हुई गर्भवती की मौत को लेकर उपायुक्त चंबा विवेक भाटिया ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से जवाब मांगा है. गर्भवती की मौत के लिए आशा वर्कर की लापरवाही भी देखने को मिल रही है.
बता दें कि जिस समय महिला को प्रसव के लिए अस्पताल में लाया गया था, उस समय महिला के अंदर खून की मात्रा 1.5 ग्राम थी. महिला विशेषज्ञ ने खून की कमी को पूरा करने के लिए अलग से खून चढ़ाया लेकिन इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई. डॉक्टर के मुताबिक महिला के पेट में बच्चा पहले से मर चुका था.
इसकी वजह से महिला में खून की कमी हो गई. साथ ही महिला के पेट में संक्रमण फैल चुका था जिसके चलते उसकी मौत हो गई. फिलहाल, उपायुक्त ने इस पूरे मामले की जांच करने के आदेश दिए हैं. उपायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग से जिले की ऐसी सभी गर्भवतियों का डाटा मांगा है जिनमें खून की मात्रा सात ग्राम से नीचे है. प्रसव के लिए महिला में कम से कम 12 ग्राम खून होना चाहिए.
उपायुक्त के निर्देश के बाद कार्यकारी सीएमओ डॉ. विनोद शर्मा ने संबंधित बीएमओ को महिला से जुड़े पूरे मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं. मृतक महिला के क्षेत्र की आशा वर्कर की कार्यप्रणाली को भी जांचा जाएगा. आशा वर्कर की गलती पाई गई तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
कार्यकारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विनोद शर्मा ने बताया कि महिला की मौत उसके पेट के अंदर मर चुके बच्चे से फैले संक्रमण के कारण हुआ है. हालांकि, डॉक्टर ने उसे बचाने का पूरा प्रयास किया और कहा कि महिला में खून की भी भारी कमी थी.
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उपायुक्त चंबा विवेक भाटिया ने बताया कि चंबा मेडिकल कॉलेज में एक गर्भवती की मौत का मामला सामने आया है. महिला में खून की मात्रा काफी कम थी जिसकी जांच करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए गए हैं. साथ ही जिले में सात ग्राम खून से कम वाली सभी गर्भवतियों का डाटा विभाग से मांगा गया है.
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