चंबा: नगर परिषद डलहौजी ने स्वच्छ भारत सर्वेक्षण-2020 की रैंकिंग में बाजी मारते हुए ठोस अपशिष्ट के सर्वोत्तम प्रबंधन के लिए प्रदेश भर में प्रथम स्थान हासिल किया है, जबकि पूरे देश में नौवां स्थान हासिल किया है. नगर परिषद डलहौजी के मुख्य अधिशासी अधिकारी रविंद्र ने क्षेत्र वासियों को ये पुरुस्कार मिलने पर बधाई दी है.
डलहौजी परिषद के मुख्य अधिशासी अधिकारी रविंद्र ने बताया कि क्षेत्र को कूड़ा मुक्त बनाए रखने के लिए बोर्ड के कर्मियों की लगातार मेहनत और कुशल प्रशासन की बदौलत डलहौजी परिषद को स्वच्छता रैंकिंग में देश भर में नौंवा स्थान मिला है, जबकि प्रदेश स्तर पर नगर परिषद डलहौजी पहले पायदान पर है. उन्होंने कहा कि छावनी के निवासियों ने स्रोत पर 100 फीसदी ठोस अपशिष्ट पृथक्करण सुनिश्चित करके महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है. साथ ही नगर परिषद ने लोगों को सूखे व गीले कचरे के लिए दो कूड़ेदान निशुल्क वितरित किए हैं. सड़क किनारे पड़े कचरे और घरेलू ठोस कचरे को अलग-अलग एकत्रित किया जाता है.
रविंद्र ने बताया कि सड़क के कचरे की जगह-जगह कंपोस्टिंग की गई है, जबकि घर के कचरे को कचरा निपटान संयंत्र में अलग-अलग किया जाता है. वहीं, सूखे कचरे को प्रयुक्त सामग्री के अनुसार अलग-अलग श्रेणियों में विभाजित किया जाता है, जबकि गीला कचरा खाद में विघटित हो जाता है. उन्होंने कहा कि विक्रेताओं को अलग हुआ सूखा कचरा के फिर से उपयोग के लिए बेच दिया जाता है, जबकि छावनी बोर्ड के रिहायशी इलाकों से निकलने वाले कूड़े को एकत्रित कर उसका निष्पादन किया जाता है.
मुख्य अधिशासी अधिकारी रविंद्र ने बताया कि गार्बेज फ्री सिटी के तहत जगह-जगह कूड़ेदान भी स्थापित किए गए हैं. इसके अलावा समय-समय पर स्वच्छता अभियान चलाकर लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाता है.
बता दें कि गुरुवार को घोषित हुए स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 के परिणामों में ठोस अपशिष्ट के सर्वोत्तम प्रबंधन के लिए डलहौजी परिषद को ये स्थान हासिल हुआ है. वहीं, देश में सबसे स्वच्छ शहर का खिताब मध्य प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र इंदौर को मिला है.
ये भी पढ़ें: बच्चों की पढ़ाई के लिए पिता ने गरीबी नहीं आने दी आड़े, भैंस बेचकर ऑनलाइन स्टडी के लिए खरीदा फोन