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सर्दी शुरू होते ही बागवानों की बढ़ी मुश्किलें, वूली एफिड की चपेट में सेब के पेड़

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Published : Dec 1, 2019, 8:54 PM IST

सर्दी शुरू होते ही पहाड़ी इलाकों में वूली एफिड नामक बीमारी से बागवानों के बगीचों को नुकसान हो रहा है. ऐसे में बागवानों ने सरकार से मांग की है कि पहाड़ी इलाकों में उद्यान विभाग के कर्मचारी और अधिकारी द्वारा उक्त बीमारी के बारे में जागरुक करने के लिए कैंप का आयोजन किया जाए.

Bully affair disease in apple crop in chamba
डिजाइन फोटो

चंबा: प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में सर्दी ने दस्तक दे दी है, जिसके चलते क्षेत्र के बागवानों की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं. दरअसल सर्दी शुरू होते ही पहाड़ी इलाकों में वूली एफिड नामक बीमारी से बागवानों के बगीचों को नुकसान हो रहा है.

वूली एफिड बीमारी रुई की तरह होती है और सेब के पेड़ों की जड़ों में सबसे पहले पैदा होती है. ये बीमारी धीरे-धीरे पूरे पेड़ को अपनी आगोश में ले लेती है और पेड़ को सुखाने का कम करती है.

वीडियो.

बता दें कि चंबा जिला के डलहौजी, सलूणी और तीसा में सबसे अधिक सेब के बगीचे हैं, जहां बागवान सेब की फसल पैदा करके अपना भरन पोषण करते हैं.

बागवानों ने बताया कि सर्दी शुरू होते ही पहाड़ी इलाकों में बुली एफार्ड बीमारी से सेब के पेड़ों को नुकसान हो रहा है. ऐसे में उन्होंने सरकार से मांग की है कि पहाड़ी इलाकों में उद्यान विभाग के कर्मचारी और अधिकारी द्वारा उक्त बीमारी के बारे में जागरुक करने के लिए कैंप का आयोजन किया जाए.

चंबा: प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में सर्दी ने दस्तक दे दी है, जिसके चलते क्षेत्र के बागवानों की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं. दरअसल सर्दी शुरू होते ही पहाड़ी इलाकों में वूली एफिड नामक बीमारी से बागवानों के बगीचों को नुकसान हो रहा है.

वूली एफिड बीमारी रुई की तरह होती है और सेब के पेड़ों की जड़ों में सबसे पहले पैदा होती है. ये बीमारी धीरे-धीरे पूरे पेड़ को अपनी आगोश में ले लेती है और पेड़ को सुखाने का कम करती है.

वीडियो.

बता दें कि चंबा जिला के डलहौजी, सलूणी और तीसा में सबसे अधिक सेब के बगीचे हैं, जहां बागवान सेब की फसल पैदा करके अपना भरन पोषण करते हैं.

बागवानों ने बताया कि सर्दी शुरू होते ही पहाड़ी इलाकों में बुली एफार्ड बीमारी से सेब के पेड़ों को नुकसान हो रहा है. ऐसे में उन्होंने सरकार से मांग की है कि पहाड़ी इलाकों में उद्यान विभाग के कर्मचारी और अधिकारी द्वारा उक्त बीमारी के बारे में जागरुक करने के लिए कैंप का आयोजन किया जाए.

Intro:चंबा जिला के पहाड़ी इलाकों में बुली एफर्ड बीमारी ने बढाई बागवानो की मुश्किलें सरकार से मांग बागवानो के लिए लगाये केम्प

हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में सर्दी ने दस्तक देना शुरू कर दिया है जिसके चलते अब पहाड़ी इलाकों में बागवानो की मुश्किलें बढ़ने लगी है ,सर्दी शुरू होते ही पहाड़ी इलाको में बुली एफर्ड नामक बिमारी से बागवनो के बगीचों में पेड़ों हाला करा शुरू कर दिया है ये रुई की तरह बिमारी होती है और सेब के पेड़ों की जड़ों में सबसे पहले पैदा होती है और धीरे धीरे पूरे पेड़ को अपनी आगोश में लेने के बाद पेड़ को सुखाने के कम करती है ऐसे पहाड़ी इलाकों में अब बागवानो को अपने सेब के पेड़ों की चिंता सताने लगी है ,फिलहाल बागवान चाहते है की पहाड़ी इलाकों में उद्यान विभाग के कर्मचारी और अधिकारी उक्त बीमारी के बारे में बागवानो को जानकारी दे ताकि इस बीमारी से बचा जा सके Body:आपको बताते चले की डलहौजी सलूनी और तीसा में सबसे अधिक सेब के बगीचे है जहाँ बागवान अपना काम करते है ,Conclusion:क्या कहते है बागवान लोग
वहीँ दूसरी तरफ बागवानो का कहना है की सर्दी शुरू होते ही पहाड़ी इलाकों में बुली एफार्ड बिमारी से सेब के पेड़ों को नुक्सान हो रहा है ऐसे में हम मांग करते है की सरकार उद्यान विभाग के माध्यम से पहाड़ी इलाको में बागवानो के लिए केम्प लगाए ताकि इस बीमारी से पेड़ो को बचाया जा सके ,
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