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पंजाब रवाना हुए बिलासपुर साई हॉस्टल के खिलाड़ी, वॉलीबॉल कोच ना होने के कारण लिया ये फैसला

स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया हॉस्टल बिलासपुर के मुख्य खेल वॉलीबॉल के खिलाड़ी गुरुवार को बिलासपुर से पंजाब के संगरूर स्थित मस्ताना साहिब हॉस्टल के लिए रवाना हो गए हैं. दरअसल वॉलीबॉल कोच ना होने के कारण खिलाड़ियों को पंजाब शिफ्ट किया गया.

बिलासपुर साईं हॉस्टल के खिलाड़ी
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Published : Oct 18, 2019, 4:48 AM IST

Updated : Oct 18, 2019, 11:42 PM IST

बिलासपुर: स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया हॉस्टल के मुख्य खेल वॉलीबॉल के खिलाड़ी गुरुवार को बिलासपुर से पंजाब के संगरूर स्थित मस्ताना साहिब हॉस्टल के लिए रवाना हो गए हैं. साई होस्टल के खिलाड़ियों को साई निदेशालय चंडीगढ़ से शिफ्ट होने के लिखित आदेश दिए गए थे.

अचानक मिले इस फरमान से हॉस्टल प्रशासन सकते में है और खिलाड़ियों में भी रोष की लहर है. हॉस्टल प्रबंधन ने भी इस लिखित फरमान को खिलाड़ियों को थमा दिया है. हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की पढ़ाई का पैटर्न पंजाब शिक्षा बोर्ड के पैटर्न से बिल्कुल अलग है. ऐसे में बच्चों का भविष्य भी दांव पर है.

सैकड़ों बच्चों को प्रदेश और देश में विभिन्न विभागों में स्थाई रोजगार देने वाले इस हॉस्टल पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. इससे पहेल यहां से एथलेटिक्स खेल को चुपके से लुधियाना पंजाब में शिफ्ट किया जा चुका है. पहले एथलेटिक्स खेल को जम्मू में शिफ्ट किया जा रहा था, लेकिन जिला के खेल प्रेमियों द्वारा इसका विरोध किया गया था.

वीडियो

गौर रहे कि हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद व केंद्रीय वित्त मंत्री अनुराग ठाकुर ने यहां के खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों को आश्वस्त किया था कि यहां से किसी भी खेल का पलायन बाहरी राज्य की ओर नहीं होगा.

बता दें कि वॉलीबॉल का यहां से भेजने के पीछे मुख्य कारण यहां पर करीब नौ महीने से वॉलीबॉल खेल प्रशिक्षक का ना होना है. 1986 से बिलासपुर में चल रही वॉलीबॉल खेल ने राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी भी दिए हैं.

साईं हॉस्टल प्रभारी जयपाल चंदेल ने कहा कि अधिकारित तौर पर नोटिफिकेशन जारी कर दी गई है और गुरुवार को खिलाड़ियों को पंजाब भेज दिया गया है.

बिलासपुर: स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया हॉस्टल के मुख्य खेल वॉलीबॉल के खिलाड़ी गुरुवार को बिलासपुर से पंजाब के संगरूर स्थित मस्ताना साहिब हॉस्टल के लिए रवाना हो गए हैं. साई होस्टल के खिलाड़ियों को साई निदेशालय चंडीगढ़ से शिफ्ट होने के लिखित आदेश दिए गए थे.

अचानक मिले इस फरमान से हॉस्टल प्रशासन सकते में है और खिलाड़ियों में भी रोष की लहर है. हॉस्टल प्रबंधन ने भी इस लिखित फरमान को खिलाड़ियों को थमा दिया है. हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की पढ़ाई का पैटर्न पंजाब शिक्षा बोर्ड के पैटर्न से बिल्कुल अलग है. ऐसे में बच्चों का भविष्य भी दांव पर है.

सैकड़ों बच्चों को प्रदेश और देश में विभिन्न विभागों में स्थाई रोजगार देने वाले इस हॉस्टल पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. इससे पहेल यहां से एथलेटिक्स खेल को चुपके से लुधियाना पंजाब में शिफ्ट किया जा चुका है. पहले एथलेटिक्स खेल को जम्मू में शिफ्ट किया जा रहा था, लेकिन जिला के खेल प्रेमियों द्वारा इसका विरोध किया गया था.

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गौर रहे कि हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद व केंद्रीय वित्त मंत्री अनुराग ठाकुर ने यहां के खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों को आश्वस्त किया था कि यहां से किसी भी खेल का पलायन बाहरी राज्य की ओर नहीं होगा.

बता दें कि वॉलीबॉल का यहां से भेजने के पीछे मुख्य कारण यहां पर करीब नौ महीने से वॉलीबॉल खेल प्रशिक्षक का ना होना है. 1986 से बिलासपुर में चल रही वॉलीबॉल खेल ने राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी भी दिए हैं.

साईं हॉस्टल प्रभारी जयपाल चंदेल ने कहा कि अधिकारित तौर पर नोटिफिकेशन जारी कर दी गई है और गुरुवार को खिलाड़ियों को पंजाब भेज दिया गया है.

Intro:आज पंजाब रवाना होंगे बिलासपुर साईं होस्टल के खिलाड़ी
वॉलीबॉल कोच ना होने के कारण खिलाड़ियों को किया शिफ्ट

बिलासपुर।

करीब 4 महीनों से लटके बिलासपुर के स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया हॉस्टल के मुख्य खेल वॉलीबॉल की विदाई होना लगभग तय हो गई है। साईं निदेशालय चंडीगढ़ से आए लिखित आदेशों के कारण यहां पर बॉलीवुड के खिलाड़ियों को स्पष्ट आदेश जारी कर दिए गए हैं कि वे कल सुबह यानी वीरवार 17 अक्टूबर को यहां से पंजाब के संगरूर स्थित मस्ताना साहिब हॉस्टल के लिए रवाना होंगे। अचानक मिले इस फरमान से जहां हॉस्टल प्रशासन सकते में है वही खिलाड़ियों में भी रोष की लहर है। हॉस्टल प्रबंधन ने भी इस लिखित फरमान को खिलाड़ियों को थमा दिया है। वहीं पढ़ाई के मध्य सत्र में इस प्रकार का तबादला किसी के गले नहीं उतर रहा है। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की पढ़ाई का पैटर्न पंजाब शिक्षा बोर्ड के पैटर्न से बिल्कुल अलग है। ऐसे में बच्चों का भविष्य भी दांव पर है।



Body:मिली जानकारी के अनुसार वॉलीबॉल का यहां से भेजने के पीछे मुख्य कारण यहां पर करीब आठ नौ महीने से वॉलीबॉल खेल प्रशिक्षक का ना होना है। 1986 से बिलासपुर में चल रही वॉलीबॉल खेलने राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी भी दिए हैं। सैकड़ों बच्चों को प्रदेश और देश में विभिन्न विभागों में स्थाई रोजगार देने वाले इस हॉस्टल पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इससे पूर्व यहां से एथलेटिक्स खेल को चुपके से लुधियाना पंजाब में शिफ्ट किया जा चुका है। पहले एथलेटिक्स खेल को जम्मू में शिफ्ट किया जा रहा था। लेकिन जिले के खेल प्रेमियों द्वारा इसका पुरजोर विरोध किया गया था, बावजूद इसके कुछ समय के बाद सेट एथेलेटिक्सको लुधियाना पंजाब शिफ्ट कर दिया गया। बिलासपुर हॉस्टल जो कभी खेलों का सिरमौर था, अब बिरंगी की और अग्रसर है। उल्लेखनीय है कि हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद व केंद्रीय वित्त मंत्री अनुराग ठाकुर ने यहां के खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों को आश्वस्त किया था कि यहां से कोई भी खिला खेल का पायलन बाहरी राज्य की ओर नहीं होगा।



Conclusion:बाइट...
साईं होस्टल प्रभारी जयपाल चंदेल ने कहा कि अधिकारित तौर पर नोटिफिकेशन जारी हो गई है। कल यानी वीरवार को खिलाड़ियों को पंजाब भेज दिया जाएगा।
Last Updated : Oct 18, 2019, 11:42 PM IST
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