बिलासपुर: स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया हॉस्टल के मुख्य खेल वॉलीबॉल के खिलाड़ी गुरुवार को बिलासपुर से पंजाब के संगरूर स्थित मस्ताना साहिब हॉस्टल के लिए रवाना हो गए हैं. साई होस्टल के खिलाड़ियों को साई निदेशालय चंडीगढ़ से शिफ्ट होने के लिखित आदेश दिए गए थे.
अचानक मिले इस फरमान से हॉस्टल प्रशासन सकते में है और खिलाड़ियों में भी रोष की लहर है. हॉस्टल प्रबंधन ने भी इस लिखित फरमान को खिलाड़ियों को थमा दिया है. हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की पढ़ाई का पैटर्न पंजाब शिक्षा बोर्ड के पैटर्न से बिल्कुल अलग है. ऐसे में बच्चों का भविष्य भी दांव पर है.
सैकड़ों बच्चों को प्रदेश और देश में विभिन्न विभागों में स्थाई रोजगार देने वाले इस हॉस्टल पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. इससे पहेल यहां से एथलेटिक्स खेल को चुपके से लुधियाना पंजाब में शिफ्ट किया जा चुका है. पहले एथलेटिक्स खेल को जम्मू में शिफ्ट किया जा रहा था, लेकिन जिला के खेल प्रेमियों द्वारा इसका विरोध किया गया था.
गौर रहे कि हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद व केंद्रीय वित्त मंत्री अनुराग ठाकुर ने यहां के खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों को आश्वस्त किया था कि यहां से किसी भी खेल का पलायन बाहरी राज्य की ओर नहीं होगा.
बता दें कि वॉलीबॉल का यहां से भेजने के पीछे मुख्य कारण यहां पर करीब नौ महीने से वॉलीबॉल खेल प्रशिक्षक का ना होना है. 1986 से बिलासपुर में चल रही वॉलीबॉल खेल ने राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी भी दिए हैं.
साईं हॉस्टल प्रभारी जयपाल चंदेल ने कहा कि अधिकारित तौर पर नोटिफिकेशन जारी कर दी गई है और गुरुवार को खिलाड़ियों को पंजाब भेज दिया गया है.