बिलासपुर: घुमारवीं उपमंडल के पटवार सर्कल करलोटी व छत्त के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत पपलाह, पलासला, कपाहड़ा, करलोटी, छत, हिम्मर व कोटलू ब्रह्मणा में वर्ष 1990 से लंबित (Patwar Circle of Bilaspur) भू-बंदोबस्त व्यवस्था को शुरू करने को लेकर पंचायत प्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने जिला प्रशासन को एक माह का समय दिया है. यदि एक माह के भीतर यह व्यवस्था नहीं होती है, तो पंचायतों के प्रतिनिधि व स्थानीय लोग सरकार के विरुद्ध धरने पर बैठेंगे और विभाग के खिलाफ न्यायालय द्वारा भी उचित आदेश व कार्रवाई करवाने के लिए लोकहित याचिका दायर की जाएगी, जिसकी पूरी जिम्मेदारी विभाग की होगी.
इस मांग को लेकर वीरवार को पंचायत प्रतिनिधियों व ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल अधिवक्ता प्रवीण शर्मा की अगुवाई में उपायुक्त पंकज राय से मिला और उन्हें मांग पत्र भी सौंपा गया. अधिवक्ता प्रवीण शर्मा ने बताया कि इन पटवार वृतों के तहत आने वाली पंचायतों में बंदोबस्त वर्ष 1908 में हुआ था, लेकिन उसके बाद इन पंचायतों में कभी भी भू-बंदोबस्त व्यवस्था नहीं हुई. जिसके लिए लगातार पंचायतों द्वारा ज्ञापन दिए जा रहे हैं.
इस संबंध में मुख्यमंत्री के लिखित आदेशों पर बंदोबस्त विभाग द्वारा यह आश्वासन दिया गया था कि विभाग (shortage of patwaris in himachal) में पटवारियों की कमी को पूरा करके नियुक्तियां कर दी जाएंगी और उसके बाद जल्द ही पंचायतों में बंदोबस्त भू व्यवस्था शुरू करके संपन्न करवा दिया जाएगा, लेकिन हैरानी की बात है कि विभाग द्वारा वर्तमान में 168 से अधिक पटवारियों की नियुक्त करने के बाद भी इन पंचायतों व पटवार वृतों में बंदोबस्त भू व्यवस्था का कार्य शुरू नहीं किया जा रहा है.
ये भी पढ़ें- दिल्ली दौरे पर सीएम जयराम, हिमाचल में रेलवे प्रोजेक्ट को गति देने का केंद्रीय रेल मंत्री से किया आग्रह