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हिमाचल में 10 सिंतबर से खुलेंगे मंदिरों के कपाट, श्रद्धालु कर सकेंगे देवी-देवताओं के दर्शन - हिमाचल प्रदेश के शक्तिपीठों

हिमाचल प्रदेश के मंदिरों में न्यासों की ओर से मंदिर के कपाट खोलने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. डीसी बिलासपुर राजेश्वर गोयल ने बताया कि वीरवार से मंदिर खोल दिए जाएंगे. डीसी बिलासपुर ने लोगों से आग्रह किया है कि अगर जरूरी होने पर ही मंदिरों की ओर रूख करें.

Temples will re open in Himachal
Temples will re open in Himachal
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Published : Sep 8, 2020, 11:09 PM IST

बिलासपुरः हिमाचल प्रदेश में करीब पांच महीने के बाद अब श्रद्धालु वीरवार से देवी-देवताओं के दर्शन कर सकेंगे. केंद्र सरकार की ओर से जारी एसओपी को हिमाचल सरकार ने प्रदेश में जारी कर दिया है. हिमाचल प्रदेश के शक्तिपीठों में न्यासों की ओर से मंदिर के कपाट खोलने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.

जिला बिलासपुर के शक्तिपीठ मां नैना देवी, बाबा बालक नाथ शाहतलाई व बिलासपुर जिला के आराध्य देव बाबा नाहर सिंह मंदिरों में सेनिटाइजर प्रक्रिया शुरू कर दी है. साथ ही यहां पर पूरे मंदिर परिसरों में स्पीकर भी लगाए जा रहे हैं. इसमें कोविड की गाइडलाइन के बारे जागरूक किया जाएगा.

वहीं, नैना देवी मंदिर परिसर की बात करें तो यहां जागरूक बोर्ड, सेनिटाइजर सहित अन्य कोरोना से बचाव से जुड़ी सभी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.

वीडियो.

डीसी बिलासपुर राजेश्वर गोयल ने बताया कि वीरवार से मंदिर खोल दिए जाएंगे. इसी कड़ी में बचत भवन में विशेष बैठक का भी आयोजन किया गया. बैठक में जिला के सभी मंदिर न्यासों, पुलिस, स्वास्थ्य व एसडीएम के साथ बैठक की गई है. बैठक में कई आदेश भी जारी किए गए हैं. इसमें सभी अधिकारियों को जिम्मेदारियां भी दी गई हैं.

श्रद्वालुओं को डाटा होगा रिकार्ड

डीसी बिलासपुर ने बताया कि एसओपी के मुताबिक मंदिर मे 60 साल से अधिक व 10 साल से कम बच्चों व गर्भवती महिलाओं को आने पर रोक लगाई गई है. वहीं, मंदिर में आने वाले हर श्रद्वालुओं को डाटा रिकार्ड किया जाएगा.

घंटियों के बजाने पर रहेगी रोक

इस दौरान अगर यहां पर कोई कोरोना संदिग्ध पाया जाता है तो उसे मंदिर परिसर के भीतर बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में रखा जाएगा. इसी के साथ श्रद्धालुओं को मूर्तियों को छूना व घंटियों के बजाने पर रोक रहेगी. मंदिर प्रबंधकों को आदेश जारी किए गए हैं कि मंदिर परिसर में लगी घंटियां हटा दी जाएं.

डीसी बिलासपुर ने लोगों से आग्रह किया है कि अगर जरूरी होने पर ही मंदिरों की ओर रूख करें. इसी के साथ मंदिर परिसर में छिंकना, और थूकना पर भी प्रतिबंध है.

शादी, मुंडन व लंगरों पर रहेगा प्रतिबंध

मंदिरों में शादी, मुंडन व लंगरों पर भी आगामी आदेशों तक प्रतिबंध रहेगा. मंदिरों में किसी भी तरह से भजन र्कीतन सहित मंदिर परिसर में बैठने पर मनाही रहेगी. आदेशों के अनुसार मंदिरों में ये आयोजन नहीं किए जाएंगे. इसी के साथ मंदिरों में प्रसाद सहित चनामत आदि भी ले जाना प्रतिबंध किया है.

पुलिस विभाग की रहेगी अहम भूमिका

मंदिरों में सोशल डिस्टेसिंग सहित सारी व्यवस्थाओं को बनाए रखने के लिए पुलिस विभाग की अहम भूमिका रहेगी. पुलिस विभाग के कर्मचारी सोशल डिस्टेसिंग सहित लोगों को कोविड-19 के बारे जागरूक भी करते रहेंगे. साथ ही सीसीटीवी के माध्यम से मंदिर परिसर पर पूरी गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी.

धार्मिक स्थलों में इस SOP का करना होगा पालन

  • खाली हाथ दर्शन करने ही आ सकेंगे.
  • दीवारों, रेलिंग व अन्य स्थानों को छूने पर रोक
  • मंदिर के आकार और प्रवेश को लेकर संख्या होगी निर्धारित
  • गर्भगृह में जाने पर पूरी तरह से रोक रहेगी
  • भंडारों और प्रसाद व अन्य सामान को ले जाने पर रोक

ये भी पढे़ं- मानसून सत्र के दूसरे दिन विपक्ष का वॉकआउट, सत्तापक्ष पर कोरोना पर चर्चा से भागने का आरोप

ये भी पढे़ं- कोरोना से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग की मुहिम, खुले में किरवाई जा रही बैठकें

बिलासपुरः हिमाचल प्रदेश में करीब पांच महीने के बाद अब श्रद्धालु वीरवार से देवी-देवताओं के दर्शन कर सकेंगे. केंद्र सरकार की ओर से जारी एसओपी को हिमाचल सरकार ने प्रदेश में जारी कर दिया है. हिमाचल प्रदेश के शक्तिपीठों में न्यासों की ओर से मंदिर के कपाट खोलने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.

जिला बिलासपुर के शक्तिपीठ मां नैना देवी, बाबा बालक नाथ शाहतलाई व बिलासपुर जिला के आराध्य देव बाबा नाहर सिंह मंदिरों में सेनिटाइजर प्रक्रिया शुरू कर दी है. साथ ही यहां पर पूरे मंदिर परिसरों में स्पीकर भी लगाए जा रहे हैं. इसमें कोविड की गाइडलाइन के बारे जागरूक किया जाएगा.

वहीं, नैना देवी मंदिर परिसर की बात करें तो यहां जागरूक बोर्ड, सेनिटाइजर सहित अन्य कोरोना से बचाव से जुड़ी सभी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.

वीडियो.

डीसी बिलासपुर राजेश्वर गोयल ने बताया कि वीरवार से मंदिर खोल दिए जाएंगे. इसी कड़ी में बचत भवन में विशेष बैठक का भी आयोजन किया गया. बैठक में जिला के सभी मंदिर न्यासों, पुलिस, स्वास्थ्य व एसडीएम के साथ बैठक की गई है. बैठक में कई आदेश भी जारी किए गए हैं. इसमें सभी अधिकारियों को जिम्मेदारियां भी दी गई हैं.

श्रद्वालुओं को डाटा होगा रिकार्ड

डीसी बिलासपुर ने बताया कि एसओपी के मुताबिक मंदिर मे 60 साल से अधिक व 10 साल से कम बच्चों व गर्भवती महिलाओं को आने पर रोक लगाई गई है. वहीं, मंदिर में आने वाले हर श्रद्वालुओं को डाटा रिकार्ड किया जाएगा.

घंटियों के बजाने पर रहेगी रोक

इस दौरान अगर यहां पर कोई कोरोना संदिग्ध पाया जाता है तो उसे मंदिर परिसर के भीतर बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में रखा जाएगा. इसी के साथ श्रद्धालुओं को मूर्तियों को छूना व घंटियों के बजाने पर रोक रहेगी. मंदिर प्रबंधकों को आदेश जारी किए गए हैं कि मंदिर परिसर में लगी घंटियां हटा दी जाएं.

डीसी बिलासपुर ने लोगों से आग्रह किया है कि अगर जरूरी होने पर ही मंदिरों की ओर रूख करें. इसी के साथ मंदिर परिसर में छिंकना, और थूकना पर भी प्रतिबंध है.

शादी, मुंडन व लंगरों पर रहेगा प्रतिबंध

मंदिरों में शादी, मुंडन व लंगरों पर भी आगामी आदेशों तक प्रतिबंध रहेगा. मंदिरों में किसी भी तरह से भजन र्कीतन सहित मंदिर परिसर में बैठने पर मनाही रहेगी. आदेशों के अनुसार मंदिरों में ये आयोजन नहीं किए जाएंगे. इसी के साथ मंदिरों में प्रसाद सहित चनामत आदि भी ले जाना प्रतिबंध किया है.

पुलिस विभाग की रहेगी अहम भूमिका

मंदिरों में सोशल डिस्टेसिंग सहित सारी व्यवस्थाओं को बनाए रखने के लिए पुलिस विभाग की अहम भूमिका रहेगी. पुलिस विभाग के कर्मचारी सोशल डिस्टेसिंग सहित लोगों को कोविड-19 के बारे जागरूक भी करते रहेंगे. साथ ही सीसीटीवी के माध्यम से मंदिर परिसर पर पूरी गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी.

धार्मिक स्थलों में इस SOP का करना होगा पालन

  • खाली हाथ दर्शन करने ही आ सकेंगे.
  • दीवारों, रेलिंग व अन्य स्थानों को छूने पर रोक
  • मंदिर के आकार और प्रवेश को लेकर संख्या होगी निर्धारित
  • गर्भगृह में जाने पर पूरी तरह से रोक रहेगी
  • भंडारों और प्रसाद व अन्य सामान को ले जाने पर रोक

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