बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम पेंशन वेलफेयर एसोसिएशन ने मांग की है कि 1999 पेंशन योजना अधिसूचना को बहाल करके इसके अंतर्गत कॉरपोरेट सेक्टर के कर्मचारियों की पेंशन आरंभ की (Himachal Pension Welfare Association) जाए. बिलासपुर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए एसोसिएशन के प्रिंसिपल एडवाइजर मनमोहन धनी ने बताया कि 1999 में तत्कालीन धूमल सरकार ने इस योजना को लागू किया था, लेकिन 2004 में जब तत्काल मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में सरकार बनी तो उन्होंने इस अधिसूचना को वापस ले (press conference in bilaspur) लिया.
उन्होंने बताया कि इस समय सेवानिवृत्त कर्मचारियों की कुल संख्या 6730 है. जो पेंशन न मिलने के कारण बुढ़ापे में आर्थिक तंगी के कारण अनेक समस्याओं से जूझ रहे हैं. उन्होंने कहा कि कुछ कर्मचारी अपनी जीविका कमाने के लिए मनरेगा के माध्यम से मजदूरी कर रहे (Himachal Tourism Development Corporation) थे. जिसे भी 60 वर्ष के ऊपर सरकार ने बंद कर दिया है. उन्होंने बताया कि 2007 और 2017 में भारतीय जनता पार्टी ने अपना चुनावी विजन दस्तावेज जारी किया था तो उसके अंतर्गत इस बंद हुई पेंशन योजना अधिसूचना को लागू करने का वादा था, लेकिन अभी तक भी यह वादा पूरा नहीं किया गया है.
उन्होंने कहा कि सेवा निर्मित के बाद निगम के कर्मचारियों को कोई भी सुविधा नहीं मिलती (Press conference of HPTDC in Bilaspur) है. जबकि कर्मचारियों की मांग है कि सेवा निर्मित कर्मचारियों को कॉरपोरेट के होटल और रेस्तरां में आवास और जलपान में भी छूट दी जाए. क्योंकि यह छूट विभिन्न अधिकारियों और अन्य श्रेणियों को रिटर्न कॉरपोरेशन द्वारा दी जाती है. जिसमें चेयरमैन वाइस चेयरमैन और एमडी स्तर के अधिकारी भी शामिल है.
उन्होंने बताया कि पिछले 2 वर्षों से कोरोना के कारण यह बैठक नहीं हो पाई थी. इस बार प्रदेश स्तरीय बैठक बिलासपुर में की गई जिसमें चुनाव भी करवाए गए हैं. इस पत्रकार वार्ता में एसोसिएशन के प्रधान कुलदीप वालिया, महासचिव कांता चौहान, मीडिया एडवाइजर एसआर हरनौत, फाइनेंशियल एडवाइजर मदन शर्मा, उपप्रधान यादव चंद, कोषाध्यक्ष राजेंद्र कंवर, ज्वाइंट सेक्रेट्री बीएल शर्मा व परमजीत सिंह तथा कार्यकारिणी सदस्य तिलक राज भारद्वाज भी उपस्थित रहे.