बिलासपुर: जिला कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता व पूर्व महासचिव संदीप सांख्यान ने प्रदेश सरकार के आयुष विभाग (स्वास्थ्य विभाग) के सचिव के कार्यलय को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि बिलासपुर जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के तबादलों (transfers of CMO Bilaspur) के माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा किए गए आदेशों को क्रियान्वयन नहीं किया जा रहा है जो कि सीधे तौर पर माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना (Disobedience to orders of High Court) है. यह आदेश माननीय उच्च न्यायालय ने 17 नवंबर, 2021 को किए थे.
इन आदेशों के मुताबिक जिला बिलासपुर में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (Chief Medical Officer in Bilaspur) को 22 नवंबर 2021( जो कि मैं समझता हूं कि लिपिक गलती के कारण 2022 छप गया है) एक सप्ताह के भीतर सचिव आयुष (स्वास्थ्य) विभाग हिमाचल सरकार को रिप्रेजेंट करने बाद,16 जुलाई 2021 को पूर्व में अंतरिम आदेशों के संशोधित करके बिलासपुर और स्वास्थ्य निदेशालय के अलावा कहीं अन्य जगह कर दिए जाएं जो अभी तक नहीं हो पाए.
संदीप सांख्यान ने कहा कि आज तारीख 7 दिसंबर हो चुकी है और बिलासपुर के जिला चिकित्सा अधिकारी के कार्यलय में दो-दो मुख्य चिकित्सा अधिकारी बैठे हैं तो ऐसे में क्या प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य सचिव का कार्यालय इतना बेशर्म हो चुका है कि उच्च न्यायालय के आदेशों की भी धज्जियां उड़ानी शुरू कर दी हैं या फिर जिला बिलासपुर मुख्य चिकित्सा अधिकारी और सचिव स्वास्थ्य विभाग के बीच कोई अंदरूनी सांठगांठ चल रही है और यह सरेआम माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.
वैसे प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री को समझना चाहिए स्वास्थ्य विभाग में हुए घोटालों (health department scams) से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व में रहे विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी जाती रही थी. यदि इसी कड़ी को आगे जोड़ा जाए तो बिलासपुर में वर्तमान चिकित्सा अधिकारी तो अपनी 'पावर का एन्जॉय' कर रहे हैं. गक्त वर्षों में पीपीई किट खरीद, फॉगिंग मशीन, होर्डिंग्स बोर्ड, बेड शीट खरीद, मामलों पर काफी सुर्खियों में पहले ही आ चुके हैं और अब इनके तबादलों के आदेश पर प्रदेश सरकार के आयुष (स्वास्थ्य) विभाग का नर्म रुख अपने आप में बहुत सी कहानियां कहता नजर आ रहा है.
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय (Himachal Pradesh High Court) के आदेशों की अवहेलना खास कर इस मसले पर करना महंगा ही साबित होगा. प्रदेश सरकार के सचिव आयुष (स्वास्थ्य) विभाग को इस विषय पर कड़ा संज्ञान लेना चाहिए ताकि, जिला बिलासपुर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय और उनके कार्यालय में जो पक रहा है वह जल्द से उजागर हो जाए.
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