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बिलासपुर में भंजवाणी पुल का काम जल्द होगा शुरू, 103 करोड़ मंजूर - बिलासपुर में भंजवाणी पुल का काम होगा शुरू

Bhanjvaani Bridge Of Bilaspur, जिला बिलासपुर के लोगों के लिए राहत की खबर है. अब क्षेत्र के लोगों की भंजवाणी पुल निर्माण की 60 साल पुरानी मांग पूरी होने वाली है. जिसका कार्य चार माह के अंदर शुरू हो जाएगा. बता दें कि 103.31 करोड़ रुपए की लागत से इस पूल का निर्माण किया जाएगा. पढ़ें पूरी खबर...

Bhanjvaani Bridge Of Bilaspur,
खाद्य आपूर्ति मंत्री राजिंद्र गर्ग की प्रेसवार्ता .
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Published : Aug 18, 2022, 2:00 PM IST

बिलासपुर: जिला बिलासपुर में पिछले 60 सालों से लोगों की भंजवाणी पुल निर्माण की मांग अब पूरी होने वाली है. यह जानकारी बुधवार को बिलासपुर में आयोजित पत्रकारवार्ता के दौरान प्रदेश के खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग ने (Rajinder Garg press conference in Bilaspur) दी. मीडिया से रूबरू होते हुए उन्होंने बताया कि जिला बिलासपुर के ऐतिहासिक एवं सदर बिलासपुर, घुमारवीं और झंडूता विधानसभा क्षेत्र को आपस में जोड़ने वाले भंजवाणी पुल निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने 103.31 करोड़ रुपए की धनराशि मंजूर की है.

चार माह में होगा कार्य शुरू: उन्होंने कहा कि इस पुल के निमार्ण से जहां सदर बिलासपुर, घुमारवीं और झंडूता विस क्षेत्र आपस में जुडेंगे. वहीं, इससे इन क्षेत्रों में विकास की नई संभावनाएं भी उभरेगी और आने वाले वर्षों में कई बदलाव भी आएंगे. इस पुल का निर्माण कार्य चार माह के भीतर शुरू हो ( Bilaspur Bhanjvaani Bridge construction start soon) जाएगा.

जेपी नड्डा व मुख्यमंत्री से उठाई थी मांग: राजेंद्र गर्ग ने कहा कि उन्होंने इस पुल के निर्माण की मांग को भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के समक्ष प्रमुखता से उठाया था. क्योंकि पिछले काफी समय से भंजवाणी पुल निर्माण की मांग विभिन्न सामाजिक संगठनों व लोगों द्वारा उठाई जा रही थी. इस पुल के निर्मित हो जाने से तीन विस क्षेत्र की लगभग दो लाख की आबादी को लाभ मिलेगा.

भंजवाणी पुल का काम जल्द होगा शुरू

कंदरौर पुल का भार होगा कम: भंजवाणी पुल बनने से कंदरौर पुल का भार को भी कम (Kandrour Bridge Of Bilaspur) होगा, क्योकि कंदरौर पुल भी 57 वर्ष पुराना हो चुका है. जिस कारण आने वाले समय में भंजवाणी पुल को विकल्प के तौर भी प्रयोग किया जा सकेगा. वहीं यह पुल किरतपुर-नेरचौक फोरलेन से भी (Bhanjvaani Bridge Of Bilaspur) जुडे़गा.

सतलुज नदी पर बना पुल हुआ था जलमग्न: गौरतलब है कि वर्ष 1960 से पहले सतलुज नदी पर तरेड गांव के पास व भंजवाणी के कस्बे के पास राजाओं द्वारा आर पार जाने के लिए लकड़ी का बड़ा पुल डाला गया था. जिस पर बसें व अन्य वाहन भी गुजरते थे, लेकिन 1960 के दशक में सतलुज नदी पर गोबिंद सागर झील बन जाने से यह पुल जलमग्न हो गया था. इसके बाद बिलासपुर के राजा और पंजाब सरकार के बीचे पुल बनाने के लिए समझौता भी हुआ था लेकिन आज तक यह पुल नहीं बन पाया.

मंत्री ने जताया आभार: राजेंद्र गर्ग (राजिंद्र गर्ग ) ने बताया कि यह पुल 301 मीटर लंबा होगा. जिस पर 43-43 मीटर के सात स्पैन बनेंगे (Bilaspur Bhanjvaani Bridge ). उन्होंने इस पुल की धन राशि मंजूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के प्रति आभार जताया है.

ये भी पढ़ें: प्रदेश लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष का शपथ ग्रहण समारोह स्थगित,जन्माष्टमी पर्व के लिए नूरपुर जाएंगे राज्यपाल

बिलासपुर: जिला बिलासपुर में पिछले 60 सालों से लोगों की भंजवाणी पुल निर्माण की मांग अब पूरी होने वाली है. यह जानकारी बुधवार को बिलासपुर में आयोजित पत्रकारवार्ता के दौरान प्रदेश के खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग ने (Rajinder Garg press conference in Bilaspur) दी. मीडिया से रूबरू होते हुए उन्होंने बताया कि जिला बिलासपुर के ऐतिहासिक एवं सदर बिलासपुर, घुमारवीं और झंडूता विधानसभा क्षेत्र को आपस में जोड़ने वाले भंजवाणी पुल निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने 103.31 करोड़ रुपए की धनराशि मंजूर की है.

चार माह में होगा कार्य शुरू: उन्होंने कहा कि इस पुल के निमार्ण से जहां सदर बिलासपुर, घुमारवीं और झंडूता विस क्षेत्र आपस में जुडेंगे. वहीं, इससे इन क्षेत्रों में विकास की नई संभावनाएं भी उभरेगी और आने वाले वर्षों में कई बदलाव भी आएंगे. इस पुल का निर्माण कार्य चार माह के भीतर शुरू हो ( Bilaspur Bhanjvaani Bridge construction start soon) जाएगा.

जेपी नड्डा व मुख्यमंत्री से उठाई थी मांग: राजेंद्र गर्ग ने कहा कि उन्होंने इस पुल के निर्माण की मांग को भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के समक्ष प्रमुखता से उठाया था. क्योंकि पिछले काफी समय से भंजवाणी पुल निर्माण की मांग विभिन्न सामाजिक संगठनों व लोगों द्वारा उठाई जा रही थी. इस पुल के निर्मित हो जाने से तीन विस क्षेत्र की लगभग दो लाख की आबादी को लाभ मिलेगा.

भंजवाणी पुल का काम जल्द होगा शुरू

कंदरौर पुल का भार होगा कम: भंजवाणी पुल बनने से कंदरौर पुल का भार को भी कम (Kandrour Bridge Of Bilaspur) होगा, क्योकि कंदरौर पुल भी 57 वर्ष पुराना हो चुका है. जिस कारण आने वाले समय में भंजवाणी पुल को विकल्प के तौर भी प्रयोग किया जा सकेगा. वहीं यह पुल किरतपुर-नेरचौक फोरलेन से भी (Bhanjvaani Bridge Of Bilaspur) जुडे़गा.

सतलुज नदी पर बना पुल हुआ था जलमग्न: गौरतलब है कि वर्ष 1960 से पहले सतलुज नदी पर तरेड गांव के पास व भंजवाणी के कस्बे के पास राजाओं द्वारा आर पार जाने के लिए लकड़ी का बड़ा पुल डाला गया था. जिस पर बसें व अन्य वाहन भी गुजरते थे, लेकिन 1960 के दशक में सतलुज नदी पर गोबिंद सागर झील बन जाने से यह पुल जलमग्न हो गया था. इसके बाद बिलासपुर के राजा और पंजाब सरकार के बीचे पुल बनाने के लिए समझौता भी हुआ था लेकिन आज तक यह पुल नहीं बन पाया.

मंत्री ने जताया आभार: राजेंद्र गर्ग (राजिंद्र गर्ग ) ने बताया कि यह पुल 301 मीटर लंबा होगा. जिस पर 43-43 मीटर के सात स्पैन बनेंगे (Bilaspur Bhanjvaani Bridge ). उन्होंने इस पुल की धन राशि मंजूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के प्रति आभार जताया है.

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