बिलासपुर: जिला बिलासपुर में पंचायत सचिव कलम छोड़ आंदोलन में बैठ गए हैं. जिले की पंचायतों में सारे काम ठप पड़े हैं और सचिव अपनी मांगों को लेकर एकत्रित हो गए हैं. मंगलवार को बिलासपुर के बीडीओ ब्लॉक में बैठे सचिवों ने आंदोलन करते हुए कहा कि उन्हें हिमाचल सरकार किसी न किसी विभाग में मर्ज करें, ताकि वह भी अपने भविष्य को लेकर सुरक्षित महसूस कर सकें.
आंदोलन करते हुए सदर पंचायत ब्लॉक के सचिव नागेंद्र चंदेल ने कहा कि वर्तमान में जिले में 176 पंचायतें हैं. जिसमें 49 सदर, 56 झंडूता, 62 घुमारवीं व 26 नैना देवी की पंचायतें हैं. इसी के साथ 190 कर्मचारी जिलेभर में हड़ताल पर बैठे हैं. हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों का कहना है कि वह 22 साल से लगातार हिमाचल सरकार के लिए कार्य कर रहे हैं, लेकिन जब हिमाचल सरकार से उन्हें रेगुलर करने की बात की गई तो हिमाचल सरकार की ओर से उन्हें अपना कर्मचारी न बताते हुए का हवाला दिया गया.
वहीं, हिमाचल सरकार ने कहा कि वह केंद्र सरकार द्वारा जारी ग्रांट के तहत कर्मचारी आते हैं. ऐसे में उन्होंने कहा कि वह लंबे समय से हिमाचल सरकार के सभी विभागों का कार्य कर रहे हैं, लेकिन जब उनके रेगुलर होने की बात आई तो हिमाचल सरकार ने अपने हाथ खड़े कर दिए हैं. ऐसे में उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश भर में पूरे सचिव आंदोलन पर बैठ गए हैं.
वहीं, उन्होंने मांग की है कि अगर जल्द से जल्द उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता है तो जल्द ही आंदोलन और भी उग्र होता जाएगा. इस दौरान मौके पर आने वाली परेशानियों की जिम्मेदारी सरकार की होगी. अभी हाल ही में होने वाली कैबिनेट बैठक में उनकी मांगों को लेकर एक नीति बनाई जाए, ताकि प्रदेश सचिव का लाभ उठा सकें. कैबिनेट में उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वह इस आंदोलन को और भी व्यापक रूप दे सकते हैं.
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