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खेल मंत्री गोविंद ठाकुर ने पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन के साथ की बैठक, पायलटों ने की ये मांग - हिमाचल पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन

खेल मंत्री गोविंद ठाकुर ने गुरूवार को पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन के साथ की विशेष बैठक की. इस दौरान उन्होंने कई अहम मुद्दों पर पायलटों के साथ चर्चा की.

Paragliding Association meeting govind singh
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Published : Jun 25, 2020, 6:51 PM IST

बिलासपुरः हिमाचल प्रदेश पर्यटन विभाग की ओर से साहसिक खेलों को लेकर तैयार की गई नई नियमावली से प्रदेश के पैराग्लाइडिंग पॉयलट और अन्य साहसिक खेलों से जुड़े युवा असंतुष्ट हैं. अपनी मांगों को लेकर गुरूवार को हिमाचल पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन ने खेल मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर से मनाली में मुलाकात की.

पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन के उपाध्यक्ष विशाल जस्सल ने बताया कि नई नियमावली में किए गए बदलाव से हिमाचल में साहसिक खेलों में काम करना मुश्किल हो जाएगा. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड अब खुले हैं तो लोग हिमाचल में क्यों आएंगे.

हिमाचल में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए अन्य राज्यों के मुकाबले अतिरिक्त सुविधाएं देनी होंगी, ताकि पर्यटन व्यवसाय में प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से जुड़े लोगों को इसका लाभ मिल सके और सरकार के राजस्व में भी इजाफा हो सके.

उन्होंने बताया कि बिलासपुर जिला चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली व शिमला आदि स्थानों से नजदीक हैं. वहां के लोग इस आनंद से वंचित हो जाएंगे. पैराग्लाइडिंग में एसआईवी कोर्स के लिए पौंग डैम का निर्धारण किया जा रहा है. इस पर एक कृत्रिम स्थान का निर्माण करना पड़ेगा.

एसोसिएशन का कहना है कि वहां पर इस खेल के लिए प्रशिक्षण के लिए लिए पहले एक विंच का खरीदना जरूरी है व इससे प्रशिक्षण के लिए पहले पांच दिन का प्रशिक्षण लेना पड़ेगा. इससे उड़ान भरने के लिए पावर बोट का होना भी जरूरी है व सुरक्षा की दृष्टि से अन्य सुविधाओं का होना भी जरूरी है.

इससे उड़ान भरने का खर्चा एक्पसर्ट के मुताबिक करीब 35 सौ रूपये प्रति व्यक्ति, प्रति उड़ान पड़ेगा. जिससे इसका वित्तीय बोझ सरकार व प्रशिक्षुओं पर बहुत अधिक पड़ेगा. जोकि एक बहुत ही मंहगा कार्य हो जाएगा.

ये भी पढ़ें- प्रदेश में लगाए जाएंगे सवा करोड़ पौधे, वन मंत्री ने दिए निर्देश

वहीं, बिलासपुर में बंदला से उड़ान भरने के लिए टैक्सी का खर्चा प्रति व्यक्ति, प्रति उड़ान सौ रूपए है व अगर सरकारी बस का प्रयोग करते हैं तो एक बार में ऊपर जाने का खर्चा महज बीस रूपए हैं. दिन में यहां सरकारी बस पहले चार चक्कर लगाती थी, लेकिन कोरोना काल के दौरान सिर्फ एक आध चक्कर ही लग पाता है.

पायलटों ने बताया कि बिलासपुर में एशिया स्तर की प्रतियोगिता सफलतापूर्वक संपन्न हुई है. बिलासपुर एक मात्र ऐसा स्थान हैं जहां पर आसमान, जमीन और पानी के खेलों का आयोजन एक समय में हो सकता है, जबकि एसआईवी कोर्स के लिए पूरे देश में यह पहला स्थान है.

उन्होंने मांग की है कि इस एसआईवी कोर्स को करवाने के लिए बिलासपुर को अधिकृत करें, जिससे पर्यटन के क्षेत्र में भी इस क्षेत्र को लाभ हो व यहां पर टैंडम फ्लाइट का कार्य भी बढ़ेगा. खेल मंत्री ने सभी पायलटों की बात को सुना और इस मामले में सकारात्मक हल निकालने का आश्वासन दिया.

ये भी पढ़ें- डॉ. राजीव बिंदल ने ताजा की आपातकाल की यादें, कहा- 25 जून 1975 का दिन देश के इतिहास का काला दिन

बिलासपुरः हिमाचल प्रदेश पर्यटन विभाग की ओर से साहसिक खेलों को लेकर तैयार की गई नई नियमावली से प्रदेश के पैराग्लाइडिंग पॉयलट और अन्य साहसिक खेलों से जुड़े युवा असंतुष्ट हैं. अपनी मांगों को लेकर गुरूवार को हिमाचल पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन ने खेल मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर से मनाली में मुलाकात की.

पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन के उपाध्यक्ष विशाल जस्सल ने बताया कि नई नियमावली में किए गए बदलाव से हिमाचल में साहसिक खेलों में काम करना मुश्किल हो जाएगा. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड अब खुले हैं तो लोग हिमाचल में क्यों आएंगे.

हिमाचल में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए अन्य राज्यों के मुकाबले अतिरिक्त सुविधाएं देनी होंगी, ताकि पर्यटन व्यवसाय में प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से जुड़े लोगों को इसका लाभ मिल सके और सरकार के राजस्व में भी इजाफा हो सके.

उन्होंने बताया कि बिलासपुर जिला चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली व शिमला आदि स्थानों से नजदीक हैं. वहां के लोग इस आनंद से वंचित हो जाएंगे. पैराग्लाइडिंग में एसआईवी कोर्स के लिए पौंग डैम का निर्धारण किया जा रहा है. इस पर एक कृत्रिम स्थान का निर्माण करना पड़ेगा.

एसोसिएशन का कहना है कि वहां पर इस खेल के लिए प्रशिक्षण के लिए लिए पहले एक विंच का खरीदना जरूरी है व इससे प्रशिक्षण के लिए पहले पांच दिन का प्रशिक्षण लेना पड़ेगा. इससे उड़ान भरने के लिए पावर बोट का होना भी जरूरी है व सुरक्षा की दृष्टि से अन्य सुविधाओं का होना भी जरूरी है.

इससे उड़ान भरने का खर्चा एक्पसर्ट के मुताबिक करीब 35 सौ रूपये प्रति व्यक्ति, प्रति उड़ान पड़ेगा. जिससे इसका वित्तीय बोझ सरकार व प्रशिक्षुओं पर बहुत अधिक पड़ेगा. जोकि एक बहुत ही मंहगा कार्य हो जाएगा.

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वहीं, बिलासपुर में बंदला से उड़ान भरने के लिए टैक्सी का खर्चा प्रति व्यक्ति, प्रति उड़ान सौ रूपए है व अगर सरकारी बस का प्रयोग करते हैं तो एक बार में ऊपर जाने का खर्चा महज बीस रूपए हैं. दिन में यहां सरकारी बस पहले चार चक्कर लगाती थी, लेकिन कोरोना काल के दौरान सिर्फ एक आध चक्कर ही लग पाता है.

पायलटों ने बताया कि बिलासपुर में एशिया स्तर की प्रतियोगिता सफलतापूर्वक संपन्न हुई है. बिलासपुर एक मात्र ऐसा स्थान हैं जहां पर आसमान, जमीन और पानी के खेलों का आयोजन एक समय में हो सकता है, जबकि एसआईवी कोर्स के लिए पूरे देश में यह पहला स्थान है.

उन्होंने मांग की है कि इस एसआईवी कोर्स को करवाने के लिए बिलासपुर को अधिकृत करें, जिससे पर्यटन के क्षेत्र में भी इस क्षेत्र को लाभ हो व यहां पर टैंडम फ्लाइट का कार्य भी बढ़ेगा. खेल मंत्री ने सभी पायलटों की बात को सुना और इस मामले में सकारात्मक हल निकालने का आश्वासन दिया.

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