बिलासपुर: मां दुर्गा के पावन नौ दिनों का पर्व शारदीय नवरात्रि आश्विन मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को सात अक्टूबर से आरंभ हो रहें हैं. हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है. इसी के चलते हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां नैना देवी मंदिर में भी नवरात्रि को लेकर तैयारियां पूरी हो गई हैं. शारदीय नवरात्रों के उपलक्ष्य पर श्री नैना देवी मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया गया है.
वहीं, जिला प्रशासन और मंदिर प्रबंधन ने भी श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किये हैं. 7 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक चलने वाले नवरात्रि में इस वर्ष भी हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. न्यास अध्यक्ष एवं एसडीएम नैना देवी योग राज को मेला अधिकारी और डीएसपी पूर्ण चंद को पुलिस मेला अधिकारी नियुक्त किया गया है.
डीएसपी पूर्ण चंद ने बताया कि, जिन श्रद्धालुओं ने कोविड वैक्सीन की डबल डोज लगाई है या फिर जिनकी आरटीपीसीआर की रिपोर्ट नेगेटिव हो उन्हें ही माता के दर्शनों के लिए कोलां वाला टोबा से आगे प्रवेश करने की अनुमति होगी. रिपोर्ट चेक करने के बाद ही उन्हें माता के दर्शनों के लिए भेजा जाएगा. मंदिर में 5 क्यूआरटी गाड़ियां हर वक्त मौजूद रहेंगी और 3 एम्बुलेंस भी मेले के दौरान उपलब्ध रहेगी. उन्होंने बताया की नवरात्रि को ध्यान में रखते हुए 3 स्वास्थ्य उपकेंद्र स्थापित किए गए हैं. इसके अतिरक्त घ्वांडल और नैना देवी में स्वास्थ्य केंद्र भी खुले रहेंगे. असामाजिक तत्वों पर नजर रखने के लिए लगभग 110 सीसीटीवी कैमरे कोलां वाला टोबा से लेकर नैना देवी और भाखड़ा डैम रोड तक की हर गतिविधि पर नजर रखेंगे.
कोविड-19 महामारी के बीच एहतियात बरतते हुए इस बार भी नवरात्र मेला में 'नो मास्क नो दर्शन' नियम सख्ती से लागू होगा. मेले के दृष्टिगत सभी विभागों विद्युत, पेयजल, चिकित्सा, परिवहन, लोक निर्माण विभाग, नगर परिषद ने तैयारियां पूर्ण कर ली है. मेले के दौरान कानून व्यवस्था सुचारू रखने के लिए लगभग 700 पुलिस होमगार्ड के जवान और महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है. जबकि मंदिर न्यास ने अतिरिक्त व्यवस्थाओं के लिए लगभग 100 कर्मचारी आस्थाई तौर पर नियुक्त किए हैं. हालांकि, नवरात्रि के दौरान इस बार भी मंदिर में नारियल और कड़ाह प्रसाद चढ़ाने पर मनाही रहेगी.
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