बिलासपुर: किरतपुर नेरचौक फोरलेन (Kiratpur Nerchowk Fourlane) के तहत निर्माणाधीन सभी पांचों टनल और 22 ब्रिज का निर्माण कार्य इस साल के दिसंबर माह तक पूरा कर लिया जाएगा. कैंची मोड़ के बाद अब दूसरी टनल तुन्नू भी ब्रेक-थ्रू हो गई है. जिसका आज गुरुवार को विधिवत रूप से शुभारंभ किया गया (Tunnu Tunnel inaugurated Today) है. अभी तक पचपन फीसदी कार्य पूरा कर लिया जाएगा और 2024 तक काम पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है, लेकिन कंपनी 2023 में ही फोरलेन का काम पूरा करने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है.
22 ब्रिज और पांच टनल निर्माणाधीन: इस कार्य को गति देने में बिलासपुर के उपायुक्त पंकज राय की मुख्य भूमिका रही है और वह टाईम टू टाईम फोरलेन निर्माण कार्य की अपडेट ले रहे हैं. एनएचएआई की ओर से अब हरियाणा की गाबर कंस्ट्रक्शन कंपनी (Gabar Construction Company) को 2 हजार करोड़ का टेंडर अवार्ड किया है. फोरलेन पर कैंची मोड़ से लेकर मंडी की सीमा भवाणा तक का कार्य गाबर के हवाले है जिस पर 22 ब्रिज और पांच टनल निर्माणाधीन हैं. दो टनल ब्रेकथ्रू हो चुकी हैं, जबकि दिसंबर तक सभी पांचों टनल का काम पूरा करने के लिए कंपनी जीतोड़ प्रयासों में हैं. इसके साथ ही ब्रिज का काम भी इसी अवधि में पूरा करने का लक्ष्य है.
550 मीटर लंबी तुन्नू टनल ब्रेक थ्रू: गाबर कंपनी के महाप्रबंधक कर्नल बीएस चौहान के अनुसार 550 मीटर लंबी तुन्नू टनल ब्रेक थ्रू हो चुकी है जिसका शुभारंभ गुरुवार को होगा. उन्होंने बताया कि फोरलेन कार्य को तेज गति मिलने के लिए बिलासपुर के उपायुक्त पंकज राय का अहम सहयोग रहा है और वह जब भी जरूरत होती है तो खुद स्पॉट पर पहुंचकर मसलों का समाधान निकालते हैं. यही वजह रही है कि अब दूसरी टनल भी ब्रेक थू्र हो गई है. उन्होंने बताया कि फोरलेन पर मंडी की सीमा तक पांच टनल निर्माणाधीन हैं. इसके तहत कैंची मोड़ से मैहला के लिए बन रही टनल की लंबाई 1800 मीटर है.
क्या बोले उपायुक्त बिलासपुर: थापना टनल की लंबाई 465 मीटर, तुन्नू से ढलियार टनल की लंबाई 550 मीटर (550 meters long Tunnu Tunnel), मल्यावर टनल की लंबाई 1265 मीटर और मंडी जिले में आने वाली टनल डैहर के पास 740 मीटर लंबी बनेगी जिनका कार्य जारी है. एक निश्चित समय अवधि के अंदर इन टनल का काम पूरा किया जाएगा. उन्होंने बताया कि जहां पहले वाली कंपनी कार्य छोड़ गई थी उससे आगे गाबर कंस्ट्रक्शन कंपनी कार्य कर रही है. फोरलेन किनारे लैंडस्लाइड जोन को सुरक्षित बनाया जा रहा है. वहीं, उपायुक्त पंकज राय ने बताया कि फोरलेन कार्य को समयबद्ध पूरा करने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है.
हर एक किलोमीटर के बाद बनेगा एक ब्रिज: शुरुआती दौर में 1818.47 करोड़ रूपए की लागत से फोरलेन का काम शुरू हुआ था और 2018 तक तैयार किए जाने का लक्ष्य तय किया गया था, लेकिन बाद में विलंब होने के चलते 2019 लक्ष्य तय किया गया. इस बीच निर्माता कंपनी काम बीच में ही छोड़कर चली गई और यह कार्य लटक गया. बता दें कि किरतपुर से नेरचौक तक 125 किलोमीटर का फासला है जो कि फोरलेन बनने से कम होकर महज 85 किलोमीटर रह जाएगा. जबकि बिलासपुर की दूरी 26 किलोमीटर होगी. कुल 47 किलोमीटर के इस फोरलेन में छोटी बड़ी 5 टनल और मेजर व माइनर 22 ब्रिज बनेंगे. एक किलोमीटर के बाद एक ब्रिज बनेगा. इसके अलावा भगेड़ में फ्लाईओवर बन रहा है.