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बिलासपुर को नशा मुक्त बनाने का प्रयास, स्वारघाट में खुलेगा इंटीग्रेटेड रिहैबिलिटेशन सेंटर - बिलासपुर डीसी राजेश्वर गोयल

स्वारघाट में इंटीग्रेटेड रिहैबिलिटेशन सेंटर फॉर एडिक्ट्स खोला जाएगा. इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर तमाम औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं. इसके तहत बजट का प्रावधान मंदिर न्यास श्री नैना देवी से किया गया है. इसके लिए बजट का प्रावधान मंदिर न्यास श्री नैना देवी से किया गया है.

Integrated Rehabilitation Center  bilaspur
DC Bilaspur
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Published : Jul 28, 2020, 4:50 PM IST

बिलासपुरः मंदिर न्यास श्री नैना देवी युवाओं को नशे की लत से बाहर निकालकर उनका भविष्य संवारने के लिए अहम भूमिका निभाएगा. इस बाबत मंदिर न्यास के सहयोग से स्वारघाट में इंटीग्रेटेड रिहैबिलिटेशन सेंटर फॉर एडिक्ट्स खोलने का रास्ता साफ हो गया है. 15 बैड के एकीकृत पुनर्वास केंद्र के लिए 17 लाख 4 हजार रूपए के बजट का प्रावधान है और इसका संचालन मिड हिमालयन परियोजना के भवन में किया जाएगा.

उम्मीद जताई जा रही है कि अगले एक या दो महीनों में केंद्र शुरू हो जाएगा. एकीकृत पुनर्वास केंद्र के संचालन का जिम्मा प्रदेश की नामी एनजीओ गुंजन को सौंपा गया है. यह एनजीओ कुल्लू व धर्मशाला में भी केंद्रों का संचालन कर रही है जबकि हमीरपुर में भी एक केंद्र प्रस्तावित है.

राज्य सरकार ने भी प्रत्येक जिला में ऐसे केंद्र खोलने की योजना बनाई है. इसके लिए सभी जिलों के प्रशासन को निर्देश जारी हुए हैं. योजना का क्रियान्वयन जिला कल्याण विभाग के माध्यम से होगा. जिला बिलासपुर में भी इंटीग्रेटेड रिहैबिलिटेशन सेंटर फॉर एडिक्ट्स खोलने की योजना है.

इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर तमाम औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं. इसके लिए बजट का प्रावधान मंदिर न्यास श्री नैना देवी से किया गया है. पिछले साल 19 सितंबर को मंदिर न्यास की मीटिंग में यह अहम निर्णय लिया गया था और मंदिर न्यास आयुक्त व डीसी राजेश्वर गोयल ने इस योजना को सिरे चढ़ाने के लिए निर्देश दिए थे.

ताजा स्थिति में स्वारघाट में मिड हिमालयन परियोजना के भवन को टेकओवर किया जाएगा. इसके लिए आला अधिकारियों के साथ पत्राचार चल रहा है. उधर, डीसी बिलासपुर राजेश्वर गोयल ने बताया कि मंदिर न्यास के सहयोग से जल्द ही स्वारघाट में एकीकृत पुनर्वास केंद्र खोला जाएगा. इसके लिए तय औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं.

जिला में पहला होगा एकीकृत पुनर्वास केंद्र

अभी तक जिला में नशा छुड़ाने के लिए ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है. नशेड़ियों को नशा छुड़ाने के लिए दूसरे जिलों या फिर प्रदेश से बाहर के केंद्रों में भेजा जाता है, लेकिन बिलासपुर के स्वारघाट में नशामुक्ति केंद्र खुलने से नशेड़ियों का नशा छुड़ाने में सहूलियत मिलेगी. जिला प्रशासन ने मंदिर ट्रस्ट श्री नैना देवी के सहयोग से यह केंद्र खोलने के लिए प्रक्रिया अंतिम चरण में है.

ये भी पढ़ें- IGMC में उड़ रही सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां, लोग बन सकते हैं कोरोना का 'शिकार'

ये भी पढ़ें- दुकान में चाय पीने बैठे व्यक्ति का पैसों से भरा थैला गायब, बेटे की शादी के लिए निकाली थी राशि

बिलासपुरः मंदिर न्यास श्री नैना देवी युवाओं को नशे की लत से बाहर निकालकर उनका भविष्य संवारने के लिए अहम भूमिका निभाएगा. इस बाबत मंदिर न्यास के सहयोग से स्वारघाट में इंटीग्रेटेड रिहैबिलिटेशन सेंटर फॉर एडिक्ट्स खोलने का रास्ता साफ हो गया है. 15 बैड के एकीकृत पुनर्वास केंद्र के लिए 17 लाख 4 हजार रूपए के बजट का प्रावधान है और इसका संचालन मिड हिमालयन परियोजना के भवन में किया जाएगा.

उम्मीद जताई जा रही है कि अगले एक या दो महीनों में केंद्र शुरू हो जाएगा. एकीकृत पुनर्वास केंद्र के संचालन का जिम्मा प्रदेश की नामी एनजीओ गुंजन को सौंपा गया है. यह एनजीओ कुल्लू व धर्मशाला में भी केंद्रों का संचालन कर रही है जबकि हमीरपुर में भी एक केंद्र प्रस्तावित है.

राज्य सरकार ने भी प्रत्येक जिला में ऐसे केंद्र खोलने की योजना बनाई है. इसके लिए सभी जिलों के प्रशासन को निर्देश जारी हुए हैं. योजना का क्रियान्वयन जिला कल्याण विभाग के माध्यम से होगा. जिला बिलासपुर में भी इंटीग्रेटेड रिहैबिलिटेशन सेंटर फॉर एडिक्ट्स खोलने की योजना है.

इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर तमाम औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं. इसके लिए बजट का प्रावधान मंदिर न्यास श्री नैना देवी से किया गया है. पिछले साल 19 सितंबर को मंदिर न्यास की मीटिंग में यह अहम निर्णय लिया गया था और मंदिर न्यास आयुक्त व डीसी राजेश्वर गोयल ने इस योजना को सिरे चढ़ाने के लिए निर्देश दिए थे.

ताजा स्थिति में स्वारघाट में मिड हिमालयन परियोजना के भवन को टेकओवर किया जाएगा. इसके लिए आला अधिकारियों के साथ पत्राचार चल रहा है. उधर, डीसी बिलासपुर राजेश्वर गोयल ने बताया कि मंदिर न्यास के सहयोग से जल्द ही स्वारघाट में एकीकृत पुनर्वास केंद्र खोला जाएगा. इसके लिए तय औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं.

जिला में पहला होगा एकीकृत पुनर्वास केंद्र

अभी तक जिला में नशा छुड़ाने के लिए ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है. नशेड़ियों को नशा छुड़ाने के लिए दूसरे जिलों या फिर प्रदेश से बाहर के केंद्रों में भेजा जाता है, लेकिन बिलासपुर के स्वारघाट में नशामुक्ति केंद्र खुलने से नशेड़ियों का नशा छुड़ाने में सहूलियत मिलेगी. जिला प्रशासन ने मंदिर ट्रस्ट श्री नैना देवी के सहयोग से यह केंद्र खोलने के लिए प्रक्रिया अंतिम चरण में है.

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