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बिलासपुर में क्रिकेट कोच को सांप ने काटा, मौत, सही इलाज न मिलने के भी आरोप

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Published : Aug 8, 2022, 7:48 PM IST

हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एचपीसीए) में कार्यरत एक कोच की सांप के काटने से मौत हो गई. यशविंद्र सिंह शनिवार शाम को लुहणू क्रिकेट मैदान में खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने के बाद अपने घर लौट रहे थे. रास्ते (Hpca coach Died in bilaspur) में डियारा सेक्टर स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर के पास उन्हें सांप ने काट लिया. मौके पर मौजूद लोगों ने उन्हें उपचार के लिए क्षेत्रीय अस्पताल पहुंचाया, जहां से उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद नेरचौक मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया. मेडिकल कॉलेज पहुंचने पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

hpca coach died by snakebite
यशविंद्र सिंह (मृतक कोच)

बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एचपीसीए) में कार्यरत एक कोच की सांप के काटने से मौत हो गई. कोच ने एक माह पहले ही बिलासपुर में कार्यभार संभाला था. वहीं, तीन साल की बेटी से सिर से पिता का साया उठ गया. एचपीसीए ने कोच के परिवार को हर संभव मदद पहुंचाने का आश्वासन दिया है.

हिमाचल प्रदेश किक्रेट एसोसिएशन (Himachal Pradesh Cricket Association) बिलासपुर के सचिव विशाल जगोता ने बताया कि सोलन जिले के नालागढ़ निवासी कोच यशविंद्र सिंह (41) ने सात जुलाई को ही बिलासपुर में कार्याभार संभाला था. यशविंद्र सिंह बहुत ही बेहतरीन कोच थे और उन्होंने एक हीरे को खोया है. यशविंद्र सिंह शनिवार शाम को लुहणू क्रिकेट मैदान में खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने के बाद अपने घर लौट रहे थे. रास्ते में डियारा सेक्टर स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर के पास उन्हें सांप ने काट लिया.

hpca coach died by snakebite
यशविंद्र सिंह (मृतक कोच)

मौके पर मौजूद लोगों ने उन्हें उपचार के लिए क्षेत्रीय अस्पताल (Hpca coach Died in bilaspur) पहुंचाया, जहां से उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद नेरचौक मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया. मेडिकल कॉलेज पहुंचने पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. कोच यशविंद्र की पत्नी हाउस वाइफ हैं और एक तीन साल की बेटी है. विशाल जगोता ने कहा कि कोच यशविंद्र के परिवार की मदद करना एचपीसीए की जिम्मेदारी है. वहीं, एचपीसीए ने फैसला लिया है वह कोच यशविंद्र की पत्नी को उसकी योग्यता अनुसार नौकरी दिलवाने का प्रयास करेंगे.

कोच यशविंद्र को अस्पताल पहुंचाने (hpca coach died by snakebite) वाले लोग क्षेत्रीय अस्पताल में उचित उपचार न देने का भी आरोप लगा रहे हैं. लोगों का कहना है कि यदि क्षेत्रीय अस्पताल में ही कोच को उचित उपचार मिल जाता तो उनकी जान बच सकती थी. कार्यकारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सतीश शर्मा ने कहा कि अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में एंटी स्नैक वेनम मौजूद है. सर्पदंश से पीड़ित लोगों को यह वेनम लगाई भी जा रही है. इस मामले की फाइल मंगवाकर जांच की जाएगी.

ये भी पढ़ें- एंटी स्नेक वेनम ही है सर्पदंश का सही उपचार, पद्मश्री डॉ. ओमेश ने बताए जीवन रक्षक सूत्र

बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एचपीसीए) में कार्यरत एक कोच की सांप के काटने से मौत हो गई. कोच ने एक माह पहले ही बिलासपुर में कार्यभार संभाला था. वहीं, तीन साल की बेटी से सिर से पिता का साया उठ गया. एचपीसीए ने कोच के परिवार को हर संभव मदद पहुंचाने का आश्वासन दिया है.

हिमाचल प्रदेश किक्रेट एसोसिएशन (Himachal Pradesh Cricket Association) बिलासपुर के सचिव विशाल जगोता ने बताया कि सोलन जिले के नालागढ़ निवासी कोच यशविंद्र सिंह (41) ने सात जुलाई को ही बिलासपुर में कार्याभार संभाला था. यशविंद्र सिंह बहुत ही बेहतरीन कोच थे और उन्होंने एक हीरे को खोया है. यशविंद्र सिंह शनिवार शाम को लुहणू क्रिकेट मैदान में खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने के बाद अपने घर लौट रहे थे. रास्ते में डियारा सेक्टर स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर के पास उन्हें सांप ने काट लिया.

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यशविंद्र सिंह (मृतक कोच)

मौके पर मौजूद लोगों ने उन्हें उपचार के लिए क्षेत्रीय अस्पताल (Hpca coach Died in bilaspur) पहुंचाया, जहां से उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद नेरचौक मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया. मेडिकल कॉलेज पहुंचने पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. कोच यशविंद्र की पत्नी हाउस वाइफ हैं और एक तीन साल की बेटी है. विशाल जगोता ने कहा कि कोच यशविंद्र के परिवार की मदद करना एचपीसीए की जिम्मेदारी है. वहीं, एचपीसीए ने फैसला लिया है वह कोच यशविंद्र की पत्नी को उसकी योग्यता अनुसार नौकरी दिलवाने का प्रयास करेंगे.

कोच यशविंद्र को अस्पताल पहुंचाने (hpca coach died by snakebite) वाले लोग क्षेत्रीय अस्पताल में उचित उपचार न देने का भी आरोप लगा रहे हैं. लोगों का कहना है कि यदि क्षेत्रीय अस्पताल में ही कोच को उचित उपचार मिल जाता तो उनकी जान बच सकती थी. कार्यकारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सतीश शर्मा ने कहा कि अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में एंटी स्नैक वेनम मौजूद है. सर्पदंश से पीड़ित लोगों को यह वेनम लगाई भी जा रही है. इस मामले की फाइल मंगवाकर जांच की जाएगी.

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